उज्जैन। शहर समेत प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश के चलते जगह-जगह नदी नाले उफान पर हैं. जन्माष्टमी से ही मध्य प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो गया. इधर, शिप्रा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके कारण शिप्रा जी के घाटों पर बने आधे- आधे मंदिर तक डूब चुके हैं. वहीं श्रद्धालुओं को पानी में जाने पर रोक लगा दी है. निचली बस्ती में रहने वालों को अलर्ट पर रखा गया है.
शिप्रा जी के आसपास बने सभी मंदिर आते से अधिक जलमग्न हो गए हैं. होमगार्ड, SDRF के जवान और मां शिप्रा तैराक दल के लोग लगातार घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं को घेर पानी में जाने से रोक रहे हैं. निचली बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने पहले से ही तमाम व्यवस्था कर रखी है. यदि, शिप्रा का जलस्तर लगातार बढ़ता है तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर खाने-पीने की व्यवस्था पूरी कर रखी है.
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24 घंटे में उज्जैन तहसील में सबसे ज्यादा बारिश
उज्जैन जिले की उज्जैन तहसील में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. करीबन 95 mm तक बारिश हो चुकी है. इस दौरान घट्टिया तहसील में 32.1, खाचरौद में 46, नागदा में 41, बड़नगर में 51, महिदपुर में 22, झारड़ा में 49, तराना में 49 एवं माकड़ोन तहसील में 20 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है. जिले में अभी तक औसत 634.8 मिमी वर्षा हो चुकी है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में जिले में औसत 949.2 मिमी वर्षा हुई थी.
कार्यालय भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार- इस साल अभी तक जिले की उज्जैन तहसील में 706 मिमी, घट्टिया में 417.5, खाचरौद में 666, नागदा में 786.2, बड़नगर में 625, महिदपुर में 563.8, झारड़ा में 720, तराना में 779.8 और माकड़ोन तहसील में 449 मिमी वर्षा हो चुकी है. पिछले साल इस अवधि में घट्टिया में 986, खाचरौद में 888, नागदा में 1251, बड़नगर में 688, महिदपुर में 1009, झारड़ा में 903, तराना में 983 और माकड़ोन तहसील में 942 मिमी वर्षा हुई थी.