उज्जैन। सावन के महीने में भगवान महाकाल के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं. वहीं छठे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे. पूजन-अभिषेक होने के बाद बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीर्वाद देने नगर भ्रमण पर निकले. वहीं भगवान महाकाल की पालकी का पूजन-अभिषेक होने के बाद भगवान महाकाल की पालकी जैसे ही मंदिर के बाहर आई, तभी सशस्त्र बल द्वारा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
बैंड-बाजे और तिरंगे के साथ निकली महाकाल की सवारी: महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद पुलिस बैंड द्वारा भगवान महाकाल की धुन बजाते हुए और आगे-आगे घोड़ा सवार हाथों में तिरंगा लिए पुलिकर्मी चलते नजर आए. उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि "श्री महाकालेश्वर भगवान की 14 अगस्त को निकलने वाली षष्ठम सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद एवं रथ पर श्री घटाटोप विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले."
यहां से निकली सवारी: उज्जैन महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन हुआ. उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई. उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची. जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया. इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.