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मोहन भागवत बोले-मांसाहार खाना बंद होगा तो क़त्ल खाने अपने आप बंद हो जाएंगे - सुजलाम जल महोत्सव उज्जैन

उज्जैन में सुजलाम अंतरराष्ट्रीय जल महोत्सव सम्मेलन में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पानी को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि मांसाहार प्रोसेसिंग में अनाप-शनाप पानी खर्च होता है. मांसाहार नहीं होगा, तो कत्लखाने खुद ही बंद हो जाएंगे. इससे प्रदूषण भी होता है.

Rashtriya Swayamsevak Sangh Sarsanghchalak Mohan Bhagwat
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत
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Published : Dec 28, 2022, 10:47 PM IST

Updated : Dec 28, 2022, 11:04 PM IST

उज्जैन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) बुधवार को उज्जैन (Ujjain) पहुंचे, यहां पहुंच कर सबसे पहले उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में भगवान महाकाल (Bhagwan Mahakal) का आशीर्वाद लिया. इस दौरान उन्होंने भगवान का पंचामृत पूजन भी किया. भगवान महाकाल का दूध, दही, जल, शहद से अभिषेक करने के बाद संघ प्रमुख महाकाल में चल रहे सुजलाम जल महोत्सव में शामिल होने पहुंचे.

पानी के व्यय को बढ़ाती है पशु हत्या: सम्मेलन के सारस्वत सत्र में मोहन भागवत ने कहा कि, पशु हत्या पानी के व्यय को बढ़ाती है. उन्होंने कहा कि खाने की बात किसी पर लादी नहीं जा सकती. धीरे-धीरे मन बदलता है. अपने यहां मांसाहार करने वाले लोग संयम में रहकर ही मांसाहार करते हैं. कई लोग श्रावण मास में और गुरुवार को मांसाहार नहीं करते. ऐसे मांसाहारी हैं, तो भी भारतीय हैं. उन्होंने खुद को संयम की परत में रखा है. मैं उनका समर्थन नहीं कर रहा हूं और ना निषेध कर रहा हूं. शाकाहार होना वैज्ञानिक दृष्टि से अच्छा है.

मांसाहार से बढ़ती है पानी की खपत: भागवत ने कहा कि मांसाहार से पानी की खपत बढ़ती है, लेकिन अब उसकी इंड्रस्ट्री हो गई, कत्लखाने हो गए. उसमें होने वाली प्रोसेस में तो अनाप-शनाप पानी खर्च होता है. प्रदूषण भी बढ़ता है. हालांकि इसमें किसी का दोष नहीं, लेकिन इससे खुद को दूर करना पड़ेगा. जिनकी इंडस्ट्री है, वो आखिर में मानेंगे. अगर मेरी मीट प्रोड्यूसिंग इंडस्ट्री है, तो मैं तभी मानूंगा, जब बनाया हुआ मीट खपेगा ही नहीं, ऐसा तब होगा जब कोई मांसाहार करेगा ही नहीं.

  • पंच महाभूत की अवधारणा पर पर्यावरण का देशज विमर्श स्थापित करने हेतु मालगुड़ी डेज रिसोर्ट मे अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सारस्वत सत्र को सम्बोधित करते हुए सर-संघचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि पंच महाभूतों में पैदा हुए असंतुलन से उत्पन्न विकृतियों के संकट से उभरना आवश्यक है। pic.twitter.com/tumgsd7u5k

    — JD Jansampark Ujjain (@jd_ujjain) December 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुदर्शन का दिया उदाहरण: RSS प्रमुख ने पानी के महत्व को समझाने के लिए पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा- सुदर्शन जी हमें बताते थे उनका बताया हुआ कि गिलास आधा भरो, इससे ज्यादा मत भरो। भोजन के समय गिलास भरते थे. वह कभी आते थे, तो देखते थे कि गिलास पूरे भरे हैं. वह सारा पानी घड़े में डाल देते, फिर आधा आधा गिलास भरवा देते. क्योंकि आधा-आधा पानी बचेगा, तो देश में 130 करोड़ लोगों का आधा गिलास रोज का एक समय का कितना पानी होता है. पानी की बहुत बचत होती है.

Sujlam Jal Mahotsav सीएम शिवराज को जल की चिंता, कहा- नदियों को प्रदूषण मुक्त करना समाज का भी दायित्व

समापन में सम्मिलित होंगे सिंधिया: जन अभियान परिषद के इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सम्मिलित होंगे. जल पर अपने विचार विमर्श रखेंगे. इसके बाद आयोजन का समापन होगा. सिंधिया के साथ में मंच पर संघ के भैया जी जोशी मौजूद रहेंगे. आयोजन 3:30 इंदौर रोड स्थित मालगुड़ी डेज रिसोर्ट में होगा.

उज्जैन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) बुधवार को उज्जैन (Ujjain) पहुंचे, यहां पहुंच कर सबसे पहले उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में भगवान महाकाल (Bhagwan Mahakal) का आशीर्वाद लिया. इस दौरान उन्होंने भगवान का पंचामृत पूजन भी किया. भगवान महाकाल का दूध, दही, जल, शहद से अभिषेक करने के बाद संघ प्रमुख महाकाल में चल रहे सुजलाम जल महोत्सव में शामिल होने पहुंचे.

पानी के व्यय को बढ़ाती है पशु हत्या: सम्मेलन के सारस्वत सत्र में मोहन भागवत ने कहा कि, पशु हत्या पानी के व्यय को बढ़ाती है. उन्होंने कहा कि खाने की बात किसी पर लादी नहीं जा सकती. धीरे-धीरे मन बदलता है. अपने यहां मांसाहार करने वाले लोग संयम में रहकर ही मांसाहार करते हैं. कई लोग श्रावण मास में और गुरुवार को मांसाहार नहीं करते. ऐसे मांसाहारी हैं, तो भी भारतीय हैं. उन्होंने खुद को संयम की परत में रखा है. मैं उनका समर्थन नहीं कर रहा हूं और ना निषेध कर रहा हूं. शाकाहार होना वैज्ञानिक दृष्टि से अच्छा है.

मांसाहार से बढ़ती है पानी की खपत: भागवत ने कहा कि मांसाहार से पानी की खपत बढ़ती है, लेकिन अब उसकी इंड्रस्ट्री हो गई, कत्लखाने हो गए. उसमें होने वाली प्रोसेस में तो अनाप-शनाप पानी खर्च होता है. प्रदूषण भी बढ़ता है. हालांकि इसमें किसी का दोष नहीं, लेकिन इससे खुद को दूर करना पड़ेगा. जिनकी इंडस्ट्री है, वो आखिर में मानेंगे. अगर मेरी मीट प्रोड्यूसिंग इंडस्ट्री है, तो मैं तभी मानूंगा, जब बनाया हुआ मीट खपेगा ही नहीं, ऐसा तब होगा जब कोई मांसाहार करेगा ही नहीं.

  • पंच महाभूत की अवधारणा पर पर्यावरण का देशज विमर्श स्थापित करने हेतु मालगुड़ी डेज रिसोर्ट मे अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सारस्वत सत्र को सम्बोधित करते हुए सर-संघचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि पंच महाभूतों में पैदा हुए असंतुलन से उत्पन्न विकृतियों के संकट से उभरना आवश्यक है। pic.twitter.com/tumgsd7u5k

    — JD Jansampark Ujjain (@jd_ujjain) December 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुदर्शन का दिया उदाहरण: RSS प्रमुख ने पानी के महत्व को समझाने के लिए पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा- सुदर्शन जी हमें बताते थे उनका बताया हुआ कि गिलास आधा भरो, इससे ज्यादा मत भरो। भोजन के समय गिलास भरते थे. वह कभी आते थे, तो देखते थे कि गिलास पूरे भरे हैं. वह सारा पानी घड़े में डाल देते, फिर आधा आधा गिलास भरवा देते. क्योंकि आधा-आधा पानी बचेगा, तो देश में 130 करोड़ लोगों का आधा गिलास रोज का एक समय का कितना पानी होता है. पानी की बहुत बचत होती है.

Sujlam Jal Mahotsav सीएम शिवराज को जल की चिंता, कहा- नदियों को प्रदूषण मुक्त करना समाज का भी दायित्व

समापन में सम्मिलित होंगे सिंधिया: जन अभियान परिषद के इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सम्मिलित होंगे. जल पर अपने विचार विमर्श रखेंगे. इसके बाद आयोजन का समापन होगा. सिंधिया के साथ में मंच पर संघ के भैया जी जोशी मौजूद रहेंगे. आयोजन 3:30 इंदौर रोड स्थित मालगुड़ी डेज रिसोर्ट में होगा.

Last Updated : Dec 28, 2022, 11:04 PM IST
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