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उज्जैन रेलवे स्टेशन हुआ पॉलीथिन मुक्त, पलाश के पत्तों से बने दोने- पत्तल का हो रहा इस्तेमाल

उज्जैन में 'पॉलीथिन मुक्त भारत' पहल का असर देखने को मिल रहा हैं. उज्जैन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पलाश के पत्ते से बनें दोने-पत्तलों में खानपान की सामग्री दी जा रही है.

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Published : Oct 1, 2019, 10:45 PM IST

'पॉलीथिन मुक्त भारत' अभियान

उज्जैन। 2 अक्टूबर से देशभर में पॉलीथिन प्रतिबंधित हो जाएगा, लेकिन इससे पहले ही उज्जैन रेलवे स्टेशन पर 'पॉलीथिन मुक्त भारत' का असर दिखने लगा है. स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को पलाश के पत्तों से बने दोने और पत्तल में नाश्ता दिया जा रहा है. वहीं यात्रियों ने इस पहल की सराहना की है.

'पॉलीथिन मुक्त भारत' अभियान

'पॉलीथिन मुक्त भारत' को लेकर देश के सभी रेलवे स्टेशन पर आदेश जारी किए गए हैं कि पॉलीथिन और प्लास्टिक से बने किसी दोना-पत्तलों में यात्रियों को खाने-पीने का सामान नहीं दिया जाएगा. इसी के मद्देनजर उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर इसका असर देखने को मिला है. स्टेशन की कैंटीन में अभी से ही पत्ते से बने दोने में सामान दिया जा रहा है.

वहीं दुकानदारों का कहना है कि पॉलीथिन के इस्तेमाल से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है. पॉलीथिन को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. वहीं रेलवे स्टेशन पर चाय भी मिट्टी के कुल्हड़ में दी जानी चाहिए.

उज्जैन। 2 अक्टूबर से देशभर में पॉलीथिन प्रतिबंधित हो जाएगा, लेकिन इससे पहले ही उज्जैन रेलवे स्टेशन पर 'पॉलीथिन मुक्त भारत' का असर दिखने लगा है. स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को पलाश के पत्तों से बने दोने और पत्तल में नाश्ता दिया जा रहा है. वहीं यात्रियों ने इस पहल की सराहना की है.

'पॉलीथिन मुक्त भारत' अभियान

'पॉलीथिन मुक्त भारत' को लेकर देश के सभी रेलवे स्टेशन पर आदेश जारी किए गए हैं कि पॉलीथिन और प्लास्टिक से बने किसी दोना-पत्तलों में यात्रियों को खाने-पीने का सामान नहीं दिया जाएगा. इसी के मद्देनजर उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर इसका असर देखने को मिला है. स्टेशन की कैंटीन में अभी से ही पत्ते से बने दोने में सामान दिया जा रहा है.

वहीं दुकानदारों का कहना है कि पॉलीथिन के इस्तेमाल से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है. पॉलीथिन को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. वहीं रेलवे स्टेशन पर चाय भी मिट्टी के कुल्हड़ में दी जानी चाहिए.

Intro:उज्जैन जयपुर से पॉलिथीन मुक्त भारत के चलते उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर इसका असर देखने को मिला और यात्रियों को खाने-पीने की सामग्री खाकरे के पत्ते से बने हुए तो नहीं दी जाएगी


Body:उज्जैन 2 अक्टूबर से देशभर में पॉलीथिन प्रतिबंधित हो जाएगा इससे पहले उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर खाकरे के पत्ते से बने दोने और पत्तल में यात्रियों को नाश्ता दिया जा रहा है यात्रियों का मानना है कि प्लास्टिक और पॉलिथीन से बने दोने पत्तल से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है या अच्छी पहल है कि इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा


Conclusion:उज्जैन 2 अक्टूबर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल है कि पॉलिथीन मुक्त भारत हो जिस को लेकर रेलवे स्टेशन पर आदेश जारी किए गए हैं कि पॉलीथिन और प्लास्टिक से बने बने और पत्तल में यात्रियों को खाने पीने का सामान नहीं दिया जाना है इसी के मद्देनजर उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर इसका असर देखने को मिला है यहां कैटरिंग पर ख़ाकरे के पत्ते से बने हुए दोनों से यात्रियों को खाने-पीने की सामग्री दी जा रही है उज्जैन के रेलवे स्टेशन पर के अधिकतर कैटिंग पर पत्ते से बने दोनों में ही सामान दिया जा रहा है वहीं दुकानदार की मानें तो उनका कहना है कि पॉलीथिन से बने दोने पत्तल में पृथ्वी को जो नुकसान हो रहा है और जीव-जंतुओं की जो मौत हुई है उस से पर्यावरण को नुकसान होता है पहले के जमाने में खाकरे के पत्ते से बने हुए दोने पत्तल में ही खाने की सामग्री दी जाती थी इससे पर्यावरण को कोई नुकसान भी नहीं होता था वहीं यात्रियों का भी मानना है कि पत्ते के दोनों में सामग्री दी जाने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा और पॉलीथिन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर देना चाहिए और रेलवे स्टेशन पर चाय भी मिट्टी के कुल्हड़ में देना चाहिए जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं हो


बाइट---दुकानदार

बाइट---यात्री

बाइट---यात्री
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