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कार्तिक पूर्णिमा पर रामघाट में लगा श्रद्धालुओं का तांता, लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी - उज्जैन न्यूज

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर क्षिप्रा नदी के रामघाट में हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण, विष्णु और शिव की पूजा की जाती है.

रामघाट में लगा श्रद्धालुओं का तांता
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Published : Nov 12, 2019, 1:54 PM IST

उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर नदी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. क्षिप्रा के रामघाट में भी हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और दीपदान किया. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर क्षिप्रा में स्नान करने से घर में सुख-शांति आती है.

बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के एक महीने पहले से महिलाएं और लड़कियां भगवान कृष्ण की पूजा करती हैं. फिर एक महीने तक पूजा करने के बाद कार्तिक पूर्णिमा को क्षिप्रा में स्नान कर पूजा को पूर्ण किया जाता है. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने के बाद नदी में दीप छोड़ने से पितरों के लिए बैकुंठ के द्वार खुल जाते हैं.

रामघाट में लगा श्रद्धालुओं का तांता

पंडित राकेश जोशी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ना सिर्फ भगवान कृष्ण बल्कि विष्णु और शिव की भी पूजा का भी विधान है. मंगलवार को क्षिप्रा नदी के तट पर हजारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए रामघाट पहुंचे.

उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर नदी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. क्षिप्रा के रामघाट में भी हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और दीपदान किया. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर क्षिप्रा में स्नान करने से घर में सुख-शांति आती है.

बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के एक महीने पहले से महिलाएं और लड़कियां भगवान कृष्ण की पूजा करती हैं. फिर एक महीने तक पूजा करने के बाद कार्तिक पूर्णिमा को क्षिप्रा में स्नान कर पूजा को पूर्ण किया जाता है. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने के बाद नदी में दीप छोड़ने से पितरों के लिए बैकुंठ के द्वार खुल जाते हैं.

रामघाट में लगा श्रद्धालुओं का तांता

पंडित राकेश जोशी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ना सिर्फ भगवान कृष्ण बल्कि विष्णु और शिव की भी पूजा का भी विधान है. मंगलवार को क्षिप्रा नदी के तट पर हजारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए रामघाट पहुंचे.

Intro:उज्जैन शिप्रा नदी में पूर्णिमा के नहान के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ कुंभ मेले जैसा नजारा बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु


Body:उज्जैन में आज शिप्रा नदी पर कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे शिप्रा नदी के रामघाट पर आस्था की डुबकी लगाई और दीपदान किया मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा में नहान करने से कार्तिक माह में होने वाले सभी पर्व और पूजन का लाभ मिलता है देवता और अन्य सामग्री के दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है


Conclusion:उज्जैन में कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा नदी में नवान करने का अपना अलग महत्व है मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा में नहान करने से घर में सुख शांति प्राप्त होती है दरअसल एक महीने तक महिलाओं और लड़कियों द्वारा कृष्ण भगवान का पूजन पाठ किया जाता है 1 महीने में पूजन के बाद आज शिप्रा में नहान करके पूजन को पूर्ण किया जाता है नदी में दिए जलाकर छोड़े जाते हैं कहा जाता है कि आज के दिन दान करने के बाद नदी में दीप छोड़ने से पितरों के लिए बैकुंठ के द्वार खुल जाते हैं और उनका हमेशा के लिए वैकुंड में वास हो जाता है आज के दिन दान पूर्ण का विवाह महत्व माना जाता है पंडित राकेश जोशी पुजारी के अनुसार इस दिन को उत्सव के नाम से भी जाना जाता है यहां ना सिर्फ कृष्ण बल्कि विष्णु और शिव की पूजा का भी विधान है और इसी को लेकर आज शिप्रा नदी के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे



बाइट--- पंडित राकेश जोशी शिप्रा नदी
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