उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर नदी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. क्षिप्रा के रामघाट में भी हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और दीपदान किया. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर क्षिप्रा में स्नान करने से घर में सुख-शांति आती है.
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के एक महीने पहले से महिलाएं और लड़कियां भगवान कृष्ण की पूजा करती हैं. फिर एक महीने तक पूजा करने के बाद कार्तिक पूर्णिमा को क्षिप्रा में स्नान कर पूजा को पूर्ण किया जाता है. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने के बाद नदी में दीप छोड़ने से पितरों के लिए बैकुंठ के द्वार खुल जाते हैं.
पंडित राकेश जोशी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ना सिर्फ भगवान कृष्ण बल्कि विष्णु और शिव की भी पूजा का भी विधान है. मंगलवार को क्षिप्रा नदी के तट पर हजारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए रामघाट पहुंचे.