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विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी कर रहे शोधार्थियों से वसूली, ऑडियो वायरल

विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी पीएचडी करने वाले शोधार्थियों से घूस ले रहे हैं. जिसके खिलाफ कुलपति व कुल सचिव को शिकायती पत्र भेजा है.

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Published : Nov 17, 2019, 1:51 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 2:39 PM IST

विक्रम विश्वविद्यालय में अधिकारी कर रहे शोधार्थियों से अवैध वसूली

उज्जैन। पीएचडी करने वाले शोधार्थियों से विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत ले रहे हैं. ये अधिकारी शोधार्थियों को दी जाने वाली फेलोशिप के दस्तावेजों को यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के एवज में रिश्वत की डिमांड करते हैं.

विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी कर रहे शोधार्थियों से वसूली

विक्रम विश्वविद्यालय को ए-प्लस ग्रेड मिलने के बावजूद यहां सुविधा और पढ़ाई की व्यवस्थाएं ठीक नहीं है. उल्टा जो विद्यार्थी यहां रहकर शोध कर रहे हैं, उनसे भी रिश्वत ली जा रही है. गुरुवार को फेलोशिप लेने वाले शोधार्थियों ने संबंधित दस्तावेज यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के लिए घूस मांगने के खिलाफ कुलपति व कुल सचिव के नाम शिकायती पत्र दिया है.

इस मामले में एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमे छात्र से उक्त काम के लिए 5000 हजार रिश्वत मांगी जा रही है. शोधार्थियों ने बताया कि रिश्वत की राशि देने के बाद फेलोशिप यूजीसी पोर्टल पर अपलोड की जाती है. यदि राशि नहीं दी गई तो यूजीसी पोर्टल पर शोधार्थी को ब्लॉक कर दिया जाता है. ये क्रम पिछले छह महीने से चल रहा है.

उज्जैन। पीएचडी करने वाले शोधार्थियों से विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत ले रहे हैं. ये अधिकारी शोधार्थियों को दी जाने वाली फेलोशिप के दस्तावेजों को यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के एवज में रिश्वत की डिमांड करते हैं.

विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी कर रहे शोधार्थियों से वसूली

विक्रम विश्वविद्यालय को ए-प्लस ग्रेड मिलने के बावजूद यहां सुविधा और पढ़ाई की व्यवस्थाएं ठीक नहीं है. उल्टा जो विद्यार्थी यहां रहकर शोध कर रहे हैं, उनसे भी रिश्वत ली जा रही है. गुरुवार को फेलोशिप लेने वाले शोधार्थियों ने संबंधित दस्तावेज यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के लिए घूस मांगने के खिलाफ कुलपति व कुल सचिव के नाम शिकायती पत्र दिया है.

इस मामले में एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमे छात्र से उक्त काम के लिए 5000 हजार रिश्वत मांगी जा रही है. शोधार्थियों ने बताया कि रिश्वत की राशि देने के बाद फेलोशिप यूजीसी पोर्टल पर अपलोड की जाती है. यदि राशि नहीं दी गई तो यूजीसी पोर्टल पर शोधार्थी को ब्लॉक कर दिया जाता है. ये क्रम पिछले छह महीने से चल रहा है.

Intro:उज्जैन विक्रम विवि में फेलोशिप नाम पर रिश्वत का खेल , दस्तावेज यूजीसी पोर्टल पर आॅनलाइन अपलोड करने के लिए लेते हैं राशि , रिश्वत मांगने का ऑडियो हुआ वायरल , यूनिवर्सिटी

Body:उज्जैन। यूजीसी द्वारा पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को दी जाने वाली फैलोशिप के दस्तावेजों को यूजीसी पोर्टल पर आॅनलाइन अपलोड करने के एवज में विक्रम विवि के अधिकारी कर्मचारी बाहरी व्यक्ति के माध्यम से शोधार्थियों से रिश्वत मांगने का सनसनी खेज मामला सामने आया है। पिछले 6 महीने से रिश्वत लेने का यह क्रम चल रहा है। ऐसे में अब तक करीब आठ लाख से अधिक की राशि विभिन्न विषयों के शोधार्थियों से रिश्वत के रूप में लेने का मामला सामने आने के बाद मामले में विवि प्रशासन को शिकायत की है।
Conclusion:
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय को ‘ए’ ग्रेड मिलने के बावजूद यहां पर विद्यार्थियों को सुविधा और पढ़ाई के नाम पर कोई व्यवस्थाएं नहीं है। उल्टा जो विद्यार्थी यहां रहकर शोध कार्य कर रहे हैं, उनसे भी रिश्वत लेने का खेल जारी है। गुरुवार को पीएचडी फैलोशिप लेने वाले शोधार्थियों ने कुलपति व कु लसचिव के नाम शिकायती पत्र दिया है। शिकायत में कहा गया है कि फेलोशिप से संबंधित दस्तावेज यूजीसी पोर्टल पर आॅनलाइन अपलोड करने के लिए शोधार्थियों से रिश्वत मांगी जाती है इस पुरे मामले का ऑडियो सामने आया है जिसमे एक सद्दाम नामक युवक का ऑडियो सामने आया है जिसमे छात्र से 5000 हजार की रिश्वत लेते हुए सुनाई दे रहा है । दरसअल पूरा मामला इस प्रकार है की विक्रम विश्वविद्यालय विभिन्न अध्ययनशालाओं के शोधार्थी को यूजीसी द्वारा फैलोशिप प्राप्त होती है। फेलोशिप के लिए शोधार्थियों के संबंधित दस्तावेज को विवि के कुलसचिव के हस्ताक्षर के बाद यूजीसी पोर्टल पर मेकर व चेकर द्वारा अनुमोदन के बाद फैलोशिप राशि का भुगतान यूजीसी द्वारा किया जाता है। शोधार्थियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में मेकर का कार्य करने वाले विश्वविद्यालय के कर्मचारी विष्णु सक्सेना है। जबकि शोधार्थियों के पास किसी अनाधिकृत व्यक्ति सद्दाम खान मंसूरी के माध्यम से यूजीसी पोर्टल पर आॅनलाइन दस्तावेज अपलोड करने के एवज में 5 से 10 हजार रूपए रिश्वत क ी मांग प्रति छात्र की जाती हैं। रिश्वत की राशि देने के बाद फैलोशिप यूजीसी पोर्टल पर अपलोड की जाती है। यदि राशि नही दी गइ्र तो यूजीसी पोर्टल पर शोधार्थी को ब्लॉक कर दिया जाता है। यह क्रम पिछले छह महिने से चल रहा है। आज करीब एक दर्जन से अधिक शोधार्थियों ने कुलपति व कुलसचिव, विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष को शिकायती पत्र सौंपा है।

। शोधार्थी शेषनाथ यादव ने बताया कि गुरुवार को विश्वविद्यालय के संबंधित कर्मचारी व अनाधिकृत व्यक्ति सद्दाम खान मंसूरी के खिलाफ शिकायती आवेदन देने के बाद उनके फोन पर लगातार शिकायत वापस लेने को लेकर धमकी दी जा रही है। शोधार्थियों ने कुलपति व कुलानुशासक के नाम पत्र देकर शिकायत वापस नही लेने पर धमकी देने वाले संबंधित व्यक्ति के नाम व मोबाइल नंबर सहित शिकायती पत्र दिया है।

शोधार्थी छात्रों द्वारा गुरुवार को रिश्वत मांगने की शिकायत की गई थी। इसके बाद फिर धमकी देने के संबंध में शिकायत पत्र शोधार्थियों ने दिया है। इस मामले में कुलपति प्रो.शर्मा को अवगत कराकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

प्रो. एचपी सिंह- प्रभारी कुलपति विक्रम विवि

शोधार्थियों द्वारा कल रिश्वात मांगने की शिकायत की। पत्र प्रशासन को दिया है। मामले की जांच कराएंगे। सद्दाम खान नामक अनाधिकृ त व्यक्ति से मेरा कोई परिचय नहीं है। ना ही मैंने विश्वविद्यालय में कार्य करने के लिए अधिकृत किया है। माननीय के पास पत्र भेज दिया है। वहीं से वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।


डॉ डीके बग्गा- प्रभारी कुलसचिव विक्रम विवि
Last Updated : Nov 17, 2019, 2:39 PM IST
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