उज्जैन। पीएचडी करने वाले शोधार्थियों से विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत ले रहे हैं. ये अधिकारी शोधार्थियों को दी जाने वाली फेलोशिप के दस्तावेजों को यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के एवज में रिश्वत की डिमांड करते हैं.
विक्रम विश्वविद्यालय को ए-प्लस ग्रेड मिलने के बावजूद यहां सुविधा और पढ़ाई की व्यवस्थाएं ठीक नहीं है. उल्टा जो विद्यार्थी यहां रहकर शोध कर रहे हैं, उनसे भी रिश्वत ली जा रही है. गुरुवार को फेलोशिप लेने वाले शोधार्थियों ने संबंधित दस्तावेज यूजीसी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के लिए घूस मांगने के खिलाफ कुलपति व कुल सचिव के नाम शिकायती पत्र दिया है.
इस मामले में एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमे छात्र से उक्त काम के लिए 5000 हजार रिश्वत मांगी जा रही है. शोधार्थियों ने बताया कि रिश्वत की राशि देने के बाद फेलोशिप यूजीसी पोर्टल पर अपलोड की जाती है. यदि राशि नहीं दी गई तो यूजीसी पोर्टल पर शोधार्थी को ब्लॉक कर दिया जाता है. ये क्रम पिछले छह महीने से चल रहा है.