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नए साल में लेना चाहते हैं महाकाल का आशीर्वाद, जानें क्या रहेंगे बदलाव, पढ़ें डिटेल्स

नए साल का स्वागत और पुराने साल की विदाई हर इंसान किसी ना किसी अच्छे रूप में करना चाहता है, कोई मंदिर जाकर तो कई जश्न मनाकर. वहीं उज्जैन में श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर कई तरह की व्यवस्थाएं कर ली गई है. जिससे उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो.

ujjain mahakal lok
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्ता
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Published : Dec 30, 2022, 9:24 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 10:12 PM IST

नए साल पर महाकाल मंदिर की व्यवस्थाएं

उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल मंदिर लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. श्रद्धालु यहां हर रोज बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. जब से श्री महाकाल के पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है, श्रद्धालुओं की संख्या तीन गुना अधिक बढ़ गई है. ऐसे में साल 2022 के अंतिम दिन और नए साल 2023 के पहले दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के मंदिर में आने के अनुमान को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने खास व्यवस्थाएं की है, जिससे आसानी से बाबा के दर्शन हो सकें. बाबा महाकाल के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की यही मंशा होती है कि नए साल की शुरुआत भगवान महाकाल के आशीर्वाद से हो, इसलिए लाखों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे.

श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था के इंतजाम: मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर कोई चाहता है साल की विदाई बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ हो और साल की शुरुआत भी बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ हो. श्रद्धालुओं के लिए इस साल श्री महाकाल महालोक बन कर तैयार है, इसलिए भीड़ कंट्रोल आसानी से हो जाएगी. महाकाल में त्रिवेणी संग्रहालय से नंदी द्वार होते हुए मानसरोवर द्वार जो कि मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार है, वहां तक बेरेकेटिंग आने व जाने के लिए की गई है. प्रोटोकॉल व्यवस्थाओं से आने वाले दर्शनार्थी के लिए थाना महाकाल होते हुए प्रवेश द्वार 4 से व्यवस्था है. इसके साथ ही पंडे पुजारी व मंदिर से जुड़े लोग और मीडिया के लिए प्रवेश द्वार 4 ही है. इसके अलावा जो VIP और VVIP हैं, उनके लिए भारत माता मंदिर होते हुए प्रशासनिक कार्यालय के सामने व पास ही में शंख द्वार से रहेगी.

ऐसे रहेगी श्रद्धालुओं के लिए यह व्यवस्था: मंदिर प्रशासक ने कहा कि दर्शनार्थियों के लिए मंदिर समिति ने त्रिवेणी संग्रहालय से नंदी द्वारा होते हुए जब श्रद्धालु मानसरोवर द्वार तक मंदिर में प्रवेश के लिए पहुंचेंगे. यही मार्ग लौटने के लिए रहेगा तो इसी बीच श्रद्धालू लडडू प्रसादी, मेडिकल सुविधा, पीने का पानी, जूता स्टैंड व मोबाइल व बैग के लॉकर सुविधा का लाभ ले सकेंगे. जगह-जगह करीब 8 खोया पाया केंद्र(कंट्रोल रूम) बनाये गए है. जहां पुलिस कर्मी व मंदिर के सुरक्षा कर्मी श्रद्धालु की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. इसी तरह प्रोटोकॉल वालों के लिए और VIP VVIP के लिए मोबाइल, बैग रखने, पानी पीने व अन्य सुविद्याए मंदिर के अंदर काउंटर पर रहेगी.

वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था: उज्जैन एएसपी ने बताया की बड़ी संख्या में दर्शनार्थी महाकाल मंदिर में पहुंचेंगे. ऐसा अनुमान है ऐसे में देवास रोड, इंदौर रोड से आने वाले दर्शनार्थी अपने वाहन हरी फाटक ब्रिज से लेफ्ट टर्न लेने के बाद कर्क राज पार्किंग में खड़े करेंगे. वहां से वे फैसिलिटी सेंटर एक बनाया गया है. वहां त्रिवेणी पर जूता, मोबाइल वगैरह रख पाएंगे. वहां से त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश कर मानसरोवर द्वार तक पहुंचेंगे और बाबा के दर्शन लेंगे. लौटते वक्त महाकाल लोक होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे. इसी तरह बड़नगर मार्ग व नीमच रतलाम मार्ग से आने वाले दर्शनार्थी कार्तिक मेला ग्राउंड में वाहन पार्क कर त्रिवेणी संग्रहालय तक पहुंचेंगे और महाकाल लोक के नंदी द्वार से होते हुए मानसरोवर द्वार से बाबा के दर्शन को अंदर जाएंगे और महाकाल लोग होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे.

उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी सौगात, AC और हाफ ओपन बसों से कर सकेंगे महाकाल लोक और बाबा के दर्शन

इन मंदिरों में उमड़ती है भक्तों की भीड़:

  • चिंतामन गणेश मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, क्योंकि यहां पर भगवान श्री राम लक्ष्मण और सीता ने तीन मूर्तियों की स्थापना की थी. पहली इच्छा मन दूसरी मंचमन, तीसरी चिंतामन. माना जाता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालु जो भी भगवान चिंतामन से मांगते हैं, उनकी इच्छाएं पूरी होती है नए साल पर भी यहां श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ेगी.
    Chintaman Ganesh Temple
    चिंतामन गणेश मंदिर
  • महाकाल के सेनापति कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर में भी नए साल पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है. माना जाता है कि सेनापति काल भैरव को मदिरा की धार चढ़ाने से श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूर्ण होती है.
    Kaal Bhairav Temple
    काल भैरव मंदिर
  • मंगल का जन्म स्थान उज्जैन माना जाता है कि जिस किसी को भी मंगल दोष होता है तो मंगलनाथ पर आकर भात पूजा कराते हैं. जिससे मंगल की दृष्टि का प्रभाव कम हो जाता है. इसीलिए यहां पर श्रद्धालु मंगल नाथ मंदिर पर भात पूजा कराने आते हैं.
  • गोपाल मंदिर उज्जैन शहर के बीचो-बीच स्थित है. गोपाल मंदिर यहां सिंधिया स्टेट के जमाने से गोपाल मंदिर की देखभाल की जाती है. जब भगवान शिव कैलाश पर्वत पर जाते हैं, तब पृथ्वी का भार भगवान कृष्ण को सौंप कर जाते हैं. यहां भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
    Gopal Mandir
    गोपाल मंदिर
  • 11 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था. यहां आने वाले श्रद्धालु महाकाल लोक घूमने आते हैं. जब से महाकाल मंदिर के पास महाकाल लोक का निर्माण हुआ है, तब से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है.
    mahakal lok
    महाकाल लोक
  • महाकाल स्वयंभू जो एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है. माना जाता है कि कोई भी त्यौहार हो इससे पहले महाकाल मंदिर से इसकी शुरुआत होती है. इसी के चलते आने वाले श्रद्धालुओं की यही मंशा होती है कि नए साल की शुरूआत भी भगवान महाकाल के आशीर्वाद से हो, इसी कामना के साथ श्रद्धालु उज्जैन आते हैं.
    Mahakal Swayambhu
    महाकाल स्वयंभू

कैसी रहेगी व्यवस्था:

  • 500 पुलिसकर्मी 350 करीब सुरक्षा कर्मी होंगे तैनात.
  • 1 दिन में डेढ़ से दो लाख की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.
  • यह व्यवस्था 31 दिसंबर, 1 जनवरी व 2 जनवरी की सुबह तक बनी रहेगी.
  • मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र के तमाम CCTV व ड्रोन से खास निगरानी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की जाएगी.
  • लडडू प्रसादी, मेडिकल, पानी, जूता स्टैंड व खोया पाया केंद्र की व्यवस्था.
  • देवास रोड, इंदौर रोड से आने वाले दर्शनार्थी अपने वाहन हरी फाटक ब्रिज से लेफ्ट टर्न लेने के बाद कर्क राज पार्किंग में खड़े करेंगे.
  • एक फैसिलिटी सेंटर एक बनाया गया है. वहां त्रिवेणी पर जूता, मोबाइल वगैरह रख पाएंगे. वहां से त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश कर मानसरोवर द्वार तक पहुंचेंगे.
  • बाबा के दर्शन कर लौटते वक्त महाकाल लोक होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे.
  • इसी तरह बड़नगर मार्ग व नीमच रतलाम मार्ग से आने वाले दर्शनार्थी कार्तिक मेला ग्राउंड में वाहन पार्क कर त्रिवेणी संग्रहालय तक पहुंचेंगे.
  • महाकाल लोक के नंदी द्वार से होते हुए मानसरोवर द्वार से बाबा के दर्शन को अंदर जाएंगे और महाकाल लोक होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे.

नए साल पर महाकाल मंदिर की व्यवस्थाएं

उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल मंदिर लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. श्रद्धालु यहां हर रोज बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. जब से श्री महाकाल के पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है, श्रद्धालुओं की संख्या तीन गुना अधिक बढ़ गई है. ऐसे में साल 2022 के अंतिम दिन और नए साल 2023 के पहले दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के मंदिर में आने के अनुमान को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने खास व्यवस्थाएं की है, जिससे आसानी से बाबा के दर्शन हो सकें. बाबा महाकाल के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की यही मंशा होती है कि नए साल की शुरुआत भगवान महाकाल के आशीर्वाद से हो, इसलिए लाखों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे.

श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था के इंतजाम: मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर कोई चाहता है साल की विदाई बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ हो और साल की शुरुआत भी बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ हो. श्रद्धालुओं के लिए इस साल श्री महाकाल महालोक बन कर तैयार है, इसलिए भीड़ कंट्रोल आसानी से हो जाएगी. महाकाल में त्रिवेणी संग्रहालय से नंदी द्वार होते हुए मानसरोवर द्वार जो कि मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार है, वहां तक बेरेकेटिंग आने व जाने के लिए की गई है. प्रोटोकॉल व्यवस्थाओं से आने वाले दर्शनार्थी के लिए थाना महाकाल होते हुए प्रवेश द्वार 4 से व्यवस्था है. इसके साथ ही पंडे पुजारी व मंदिर से जुड़े लोग और मीडिया के लिए प्रवेश द्वार 4 ही है. इसके अलावा जो VIP और VVIP हैं, उनके लिए भारत माता मंदिर होते हुए प्रशासनिक कार्यालय के सामने व पास ही में शंख द्वार से रहेगी.

ऐसे रहेगी श्रद्धालुओं के लिए यह व्यवस्था: मंदिर प्रशासक ने कहा कि दर्शनार्थियों के लिए मंदिर समिति ने त्रिवेणी संग्रहालय से नंदी द्वारा होते हुए जब श्रद्धालु मानसरोवर द्वार तक मंदिर में प्रवेश के लिए पहुंचेंगे. यही मार्ग लौटने के लिए रहेगा तो इसी बीच श्रद्धालू लडडू प्रसादी, मेडिकल सुविधा, पीने का पानी, जूता स्टैंड व मोबाइल व बैग के लॉकर सुविधा का लाभ ले सकेंगे. जगह-जगह करीब 8 खोया पाया केंद्र(कंट्रोल रूम) बनाये गए है. जहां पुलिस कर्मी व मंदिर के सुरक्षा कर्मी श्रद्धालु की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. इसी तरह प्रोटोकॉल वालों के लिए और VIP VVIP के लिए मोबाइल, बैग रखने, पानी पीने व अन्य सुविद्याए मंदिर के अंदर काउंटर पर रहेगी.

वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था: उज्जैन एएसपी ने बताया की बड़ी संख्या में दर्शनार्थी महाकाल मंदिर में पहुंचेंगे. ऐसा अनुमान है ऐसे में देवास रोड, इंदौर रोड से आने वाले दर्शनार्थी अपने वाहन हरी फाटक ब्रिज से लेफ्ट टर्न लेने के बाद कर्क राज पार्किंग में खड़े करेंगे. वहां से वे फैसिलिटी सेंटर एक बनाया गया है. वहां त्रिवेणी पर जूता, मोबाइल वगैरह रख पाएंगे. वहां से त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश कर मानसरोवर द्वार तक पहुंचेंगे और बाबा के दर्शन लेंगे. लौटते वक्त महाकाल लोक होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे. इसी तरह बड़नगर मार्ग व नीमच रतलाम मार्ग से आने वाले दर्शनार्थी कार्तिक मेला ग्राउंड में वाहन पार्क कर त्रिवेणी संग्रहालय तक पहुंचेंगे और महाकाल लोक के नंदी द्वार से होते हुए मानसरोवर द्वार से बाबा के दर्शन को अंदर जाएंगे और महाकाल लोग होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे.

उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी सौगात, AC और हाफ ओपन बसों से कर सकेंगे महाकाल लोक और बाबा के दर्शन

इन मंदिरों में उमड़ती है भक्तों की भीड़:

  • चिंतामन गणेश मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, क्योंकि यहां पर भगवान श्री राम लक्ष्मण और सीता ने तीन मूर्तियों की स्थापना की थी. पहली इच्छा मन दूसरी मंचमन, तीसरी चिंतामन. माना जाता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालु जो भी भगवान चिंतामन से मांगते हैं, उनकी इच्छाएं पूरी होती है नए साल पर भी यहां श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ेगी.
    Chintaman Ganesh Temple
    चिंतामन गणेश मंदिर
  • महाकाल के सेनापति कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर में भी नए साल पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है. माना जाता है कि सेनापति काल भैरव को मदिरा की धार चढ़ाने से श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूर्ण होती है.
    Kaal Bhairav Temple
    काल भैरव मंदिर
  • मंगल का जन्म स्थान उज्जैन माना जाता है कि जिस किसी को भी मंगल दोष होता है तो मंगलनाथ पर आकर भात पूजा कराते हैं. जिससे मंगल की दृष्टि का प्रभाव कम हो जाता है. इसीलिए यहां पर श्रद्धालु मंगल नाथ मंदिर पर भात पूजा कराने आते हैं.
  • गोपाल मंदिर उज्जैन शहर के बीचो-बीच स्थित है. गोपाल मंदिर यहां सिंधिया स्टेट के जमाने से गोपाल मंदिर की देखभाल की जाती है. जब भगवान शिव कैलाश पर्वत पर जाते हैं, तब पृथ्वी का भार भगवान कृष्ण को सौंप कर जाते हैं. यहां भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
    Gopal Mandir
    गोपाल मंदिर
  • 11 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था. यहां आने वाले श्रद्धालु महाकाल लोक घूमने आते हैं. जब से महाकाल मंदिर के पास महाकाल लोक का निर्माण हुआ है, तब से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है.
    mahakal lok
    महाकाल लोक
  • महाकाल स्वयंभू जो एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है. माना जाता है कि कोई भी त्यौहार हो इससे पहले महाकाल मंदिर से इसकी शुरुआत होती है. इसी के चलते आने वाले श्रद्धालुओं की यही मंशा होती है कि नए साल की शुरूआत भी भगवान महाकाल के आशीर्वाद से हो, इसी कामना के साथ श्रद्धालु उज्जैन आते हैं.
    Mahakal Swayambhu
    महाकाल स्वयंभू

कैसी रहेगी व्यवस्था:

  • 500 पुलिसकर्मी 350 करीब सुरक्षा कर्मी होंगे तैनात.
  • 1 दिन में डेढ़ से दो लाख की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.
  • यह व्यवस्था 31 दिसंबर, 1 जनवरी व 2 जनवरी की सुबह तक बनी रहेगी.
  • मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र के तमाम CCTV व ड्रोन से खास निगरानी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की जाएगी.
  • लडडू प्रसादी, मेडिकल, पानी, जूता स्टैंड व खोया पाया केंद्र की व्यवस्था.
  • देवास रोड, इंदौर रोड से आने वाले दर्शनार्थी अपने वाहन हरी फाटक ब्रिज से लेफ्ट टर्न लेने के बाद कर्क राज पार्किंग में खड़े करेंगे.
  • एक फैसिलिटी सेंटर एक बनाया गया है. वहां त्रिवेणी पर जूता, मोबाइल वगैरह रख पाएंगे. वहां से त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश कर मानसरोवर द्वार तक पहुंचेंगे.
  • बाबा के दर्शन कर लौटते वक्त महाकाल लोक होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे.
  • इसी तरह बड़नगर मार्ग व नीमच रतलाम मार्ग से आने वाले दर्शनार्थी कार्तिक मेला ग्राउंड में वाहन पार्क कर त्रिवेणी संग्रहालय तक पहुंचेंगे.
  • महाकाल लोक के नंदी द्वार से होते हुए मानसरोवर द्वार से बाबा के दर्शन को अंदर जाएंगे और महाकाल लोक होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर होंगे.
Last Updated : Dec 30, 2022, 10:12 PM IST
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