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नारी के प्रति हिंसा बर्दाश्त नहीं: राष्ट्रीय महिला आयोग - National Women of Commission

महिलाओं, बालिकाओं पर किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं होनी चाहिए. यह बात राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्यामला एस कुंदर ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान कही.

Violence should not be done against women
महिलाओं के खिलाफ नहीं होनी चाहिए हिंसा
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Published : Feb 8, 2021, 10:23 PM IST

उज्जैन। संस्कृत भाषा से संस्कार मिलते हैं. महिलाओं, बालिकाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालयों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाये. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्यामला एस कुंदर ने उज्जैन में दो विश्वविद्यालयों में बैठक ली. राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली की सदस्य श्यामला एस कुंदर ने उज्जैन प्रवास के दौरान सोमवार आठ फरवरी को महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय तथा विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका हॉल में उप कुलपति, प्रभारी कुलपति, प्रभारी कुलसचिव, आचार्यों, प्रोफेसरों एवं अधिकारी-कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों के साथ अलग-अलग बैठक ली.

Violence should not be done against women
महिलाओं के खिलाफ नहीं होनी चाहिए हिंसा

इस अवसर पर सदस्य श्यामला एस कुंदर ने कहा कि महिलाओं, बालिकाओं के विरूद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा न हो और विश्वविद्यालयों में इस सम्बन्ध में जागरूकता लाने का समय-समय पर प्रयास किया जाना चाहिए. श्यामला एस कुंदर ने जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं, छात्राओं के विरूद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर वनस्टॉप सेंटर में एक ही स्थान पर पीड़िता को सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसमें अस्थाई शेल्टर, चिकित्सा सुविधा, विधिक सहायता, परामर्श सुविधा, पुलिस सहायता, 108 एम्बुलेंस सुविधा, पीसीआर वेन सुविधा, चौबीस घंटे हेल्पलाइन सुविधा आदि शामिल है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिये उन्हें यह भी शिक्षा देना चाहिये कि वे समाज में कैसे व्यवहार करें. बेटियों के साथ समाज में अन्याय न हो, इस सम्बन्ध में भी जागरूकता लाई जाये.

उज्जैन। संस्कृत भाषा से संस्कार मिलते हैं. महिलाओं, बालिकाओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालयों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाये. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्यामला एस कुंदर ने उज्जैन में दो विश्वविद्यालयों में बैठक ली. राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली की सदस्य श्यामला एस कुंदर ने उज्जैन प्रवास के दौरान सोमवार आठ फरवरी को महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय तथा विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका हॉल में उप कुलपति, प्रभारी कुलपति, प्रभारी कुलसचिव, आचार्यों, प्रोफेसरों एवं अधिकारी-कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों के साथ अलग-अलग बैठक ली.

Violence should not be done against women
महिलाओं के खिलाफ नहीं होनी चाहिए हिंसा

इस अवसर पर सदस्य श्यामला एस कुंदर ने कहा कि महिलाओं, बालिकाओं के विरूद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा न हो और विश्वविद्यालयों में इस सम्बन्ध में जागरूकता लाने का समय-समय पर प्रयास किया जाना चाहिए. श्यामला एस कुंदर ने जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं, छात्राओं के विरूद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर वनस्टॉप सेंटर में एक ही स्थान पर पीड़िता को सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसमें अस्थाई शेल्टर, चिकित्सा सुविधा, विधिक सहायता, परामर्श सुविधा, पुलिस सहायता, 108 एम्बुलेंस सुविधा, पीसीआर वेन सुविधा, चौबीस घंटे हेल्पलाइन सुविधा आदि शामिल है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिये उन्हें यह भी शिक्षा देना चाहिये कि वे समाज में कैसे व्यवहार करें. बेटियों के साथ समाज में अन्याय न हो, इस सम्बन्ध में भी जागरूकता लाई जाये.

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