उज्जैन। शहर के दो छात्रों ने महज 20 रुपए की लगात से सैटेलाइट रिसीविंग एंटीना बनाया है. इसरो के स्पेस चैलेंज प्रोग्राम में 6500 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था, जिनमें से टॉप 75 में एमपी के दो छात्र अन्वय और असगर ने जगह बनाई है. बता दें कि अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम),निति आयोग का स्पेस चैंज इसरो के माध्यम से सितम्बर 2021 में हुआ था. जिसमें देश भर के सभी एटीएल और नॉन एटीएल स्कूल से 2500 से अधिक ऑनलाइन सबमिशन 8ुए थे.
20 रुपए में बनाया सैटेलाइट रिसीविंग एंटीना
उज्जैन के क्रिस्ट ज्योति स्कूल के 11वीं के छात्र अन्वय जोशी और अली असगर ने स्पेस चैलेंज प्रोग्राम के लिए सैटेलाइट रिसीविंग एंटीना बनाया. इस एंटीना की खासियत ये है कि बगैर इंटरनेट के इसकी मदद से वेदर की पूरी जानकारी मिल सकेगी. और इसे बनाने में महज 20 रुपए की लागत आई है. इस एंटीना की जरिए रिमोट एरिया में मौसम की जानकारी सचित्र हासिल की जा सकती हैं.
तीन लोगों की टीम ने बनाया एंटीना
अन्वय और असगर ने बताया कि सैटेलाइट रिसीविंग एंटीना बनाने के लिए उन्होंने तीन लोगों की टीम बनायी थी. जिसमें दोनों छात्र के साथ-साथ उनकी शिक्षिका और मार्गदर्शिका शोभा शिंदे की टीम ने भाग लिया था. अन्वय और असगर अली के इस प्रोजेक्ट की मदद से वेदर के बारे में सचित्र जानकारी हासिल की जा सकती है.इस एंटीना की मदद से दोनों छात्रों ने दुबई के भी मौसम की जानकरी हासिल की है.
घर में पर्दा लगाने वाली पाइप से बनाया एंटीना
घर के पर्दा में लगने वाली पाइप का उपयोग इसमें किया गया है. छात्रों ने दो एल्युमिनियम की रॉड लेकर उसे एक लोहे की छड़ से कनेक्ट कर उसका एंटीना बनाया, जिसे छत पर लगाकर एक केबल के द्वारा रिसीवर से कनेक्ट किया गया. रिसीवर को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के बाद एंटीना से मिलने वाले डाटा को एसडीआर शार्प सॉफ्टवेयर की मदद से कंप्यूटर में डाटा को पिक्चर फॉर्मेट में बदला जाता है. एंटीना को सरफेस से तीन मीटर ऊंचा लगाया जाता है. नार्थ से साउथ और साउथ से नार्थ जब सेटेलाइट मूमेंट करता है, जैसे ही इसके रेडिएशन में आता है उसकी जानकारी मिलनी शुरू हो जाती है.
प्रदेश से नॉन-एटीएल स्कूलों में एक का ही चयन
मध्यप्रदेश से एक मात्र यह उपलब्धि उज्जैन शहर और प्रदेश के लिए गौरव है. उनकी इस उपलब्धि पर स्कूल द्वारा छात्रों ने सराहना की. अन्वय के पिता योगेश जोशी इंजीनियरिंग कालेज में पदस्थ है तो वही असगर अली के पिता कुतुबुद्दीन व्यवसायी हैं. स्पेस चैलेंज में देश भर के सभी एटीएल और नॉन एटीएल के छात्रों से 2500 से अधिक ऑनलाइन सबमिशन किये थे, जिसमें 6500 छात्रों ने भाग लिया उसमें से 75 का चयन हुआ है. विजेताओं की घोषणा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के विजय राघवन ने की.
(Atal Innovation Mission) (satellite receiving antenna) (weather information without internet)