उज्जैन। सीएम बनने के बाद डॉ मोहन यादव शनिवार को पहली बार उज्जैन पहुंचे थे और रात यहीं रुके. लोग ऐसा अनुमान लगा रहे थे कि सीएम अब कभी उज्जैन में नहीं रुकेंगे. लेकिन ना केवल उन्होंने लोगों का बल्कि सदियों से चले आ रहे इस मिथक को तोड़ दिया कि यहां दो राजा एक साथ नहीं रुक सकते.
राजा तो बाबा महाकाल हम तो सेवक: सीएम बनने के बाद मोहन यादव शनिवार को पहली बार उज्जैन पहुंचे.यहा उनके स्वागत के लिए भव्य रैली का आयोजन किया गया. उन्होंने 7 किलोमीटर के दायरे में उज्जैन दक्षिण से उज्जैन उत्तर तक जनता का आभार व्यक्त किया. इस दौरान उन्होंने एक जनसभा में यहां कहा कि हम तो उज्जैन के ही रहने वाले हैं और बाबा महाकाल के भक्त हैं उनके बेटे हैं राजा तो बाबा महाकाल ही हैं. मैं तो पहले से ही सेवक हूं अब प्रदेश का मुख्य सेवक हूं. उनसे भला कोई बच के जा सकता है.
देर रात पहुंचे केडी गेट: सीएम डॉ मोहन यादव रैली के खत्म होने के बाद रात एक बजे केडी गेट पहुंचे. यहां उन्होंने कुछ महीने पहले हुए अतिक्रमण के बारे में जानकारी ली और कार्य को जल्द पूरा करने के लिए नगर निगम कमिश्नर को दिशा निर्देश दिए. उनके साथ में उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा मौजूद थे. इसके बाद सीएम मोहन यादव देर रात अपने निवास पहुंचे.
सुबह पहुंचे आरएसएस कार्यालय: सीएम डॉ मोहन यादव अपने घर से निकले जहां से वे सीधे आरएसएस कार्यालय आराधना भवन पहुंचे. यहां पर उन्होंने संघ के पदाधिकारियों से आशीर्वाद लेकर मार्गदर्शन लिया. यहां पर उन्होंने पारस गेहलोद संभाग कारवां, महानगर कारवां मुकेश लड्डानी,सुरेश सोनी मालवा प्रांत प्रमुख, दिनेश परमार कार्यालय प्रमुख से मुलाकात की.करीब आधे घंटे तक चली मुलाकात के बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंचे.
कलेक्टर कार्यालय में ली बैठक: डॉ मोहन यादव ने कलेक्टर कार्यालय में उज्जैन संभाग के अधिकारियों की बैठक ली. यहां होने वाले विकास कार्यों खासकर उज्जैन में जो विकास कार्य चल रहे हैं और जो रुके हुए हैं उनको गति में लाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की. और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए.