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'पूत के पांव पालने में दिख गए थे' सुनें- नए सीएम डॉ. मोहन यादव के बचपन के साथी क्या बताते हैं - बचपन में दिखे नेतृत्व क्षमता के गुण

Mohan Yadav childhood friend : मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव में बचपन से ही नेतृत्व करने की क्षमता दिख गई थी. उनके स्कूल के सहपाठी बताते हैं कि उनके ग्रुप में मोहन यादव की बात हर कोई मानता था. स्कूल में कोई भी विवाद हो, उसे मोहन यादव बड़ी आसानी से सुलझा देते थे.

MP new cm Mohan Yadav childhood friend told
नए सीएम डॉ. मोहन यादव के बचपन के साथी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 12, 2023, 5:58 PM IST

नए सीएम डॉ. मोहन यादव के बचपन के साथी

उज्जैन। उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. अब मध्यप्रदेश का नेतृत्व मोहन यादव करेंगे. लेकिन नेतृत्व की क्षमता उनमें बचपन से ही थी. स्कूली जीवन में भी वह नेतृत्व क्षमता दिखा चुके हैं. इसके बाद कॉलेज लाइफ में भी यह कुशल नेतृत्व के जाने जाते थे. साइंस कॉलेज में प्रवेश के साथ ही मोहन यादव ने एबीवीपी को मजबूत करना शुरू किया. इसी का परिणाम आज भी इस कॉलेज में दिखाई देता है. उनके बाल सखाओं की मानें तो एक नाटक में श्री कृष्ण की भूमिका निभाते समय मोहन यादव ने विवाद होने पर बड़ी आसानी से सुलझा दिया था. Mohan Yadav childhood friend

बचपन में बहुत संघर्ष किया : मुख्यमंत्री मोहन यादव के बचपन के मित्र व पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल बताते हैं कि उन्होंने बचपन में अभाव की जिंदगी जरूर देखी लेकिन पढ़ाई में वह शुरू से काफी तेज थे. पांचवीं कक्षा तक घर के समीप ही शारदा प्राथमिक विद्यालय फिर 8वीं तक कैलाश भवन माध्यमिक विद्यालय बुधवारिया में वह पढ़े. 9 वीं से 11वीं तक जीवाजीगंज हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के बाद बीएससी करने के लिए सन् 1982 में देवास रोड स्थित माधव साइंस महाविद्यालय पहुंच गए. मोहन यादव के स्कूल के साथी बने सिंह चौहान का कहना है कि मोहन यादव बचपन से संघर्षशील थे और ग्रुप बनाकर चलते थे. Mohan Yadav childhood friend

कॉलेज में पहले साल से ही प्रभावशाली : वहीं साइंस कॉलेज के प्रोफेसर डा. रतन भामरा बताते हैं कि मोहन यादव उनके जूनियर थे लेकिन कॉलेज में एंट्री के प्रथम वर्ष में ही उन्होंने एबीवीपी से चुनाव लड़ा और सह सचिव बन गए. दूसरे वर्ष में उन्होंने कॉलेज में कांग्रेस के संगठन के यूनियन और पैनल का प्रभुत्व होने के बावजूद इतना प्रभुत्व जमाया कि अध्यक्ष बन गए. डॉ. यादव की मेहनत का ही परिणाम है कि साइंस कॉलेज में अब तक एबीवीपी का प्रभुत्व बना हुआ है. वह बताते हैं कि मोहन यादव बचपन से ही आरएसएस की शाखा में जाते थे. Mohan Yadav childhood friend

एक बार टिकट लौटा दी थी : मोहन यादव के स्कूल के साथी बताते हैं कि बचपन में मोहल्ले में हुई कृष्ण लीला में मोहन यादव श्री कृष्ण बने थे. इसी दौरान कुछ विवाद हो गया था. इस पर उन्होंने श्री कृष्ण की तरह ही भूमिका निभाते हुए बाल उम्र में बड़ों का विवाद निपटाया था. उनके साथी पांचाल के अनुसार यादव में भी 64 कलाओं का ज्ञान है. उनके अनुसार मोहन यादव से वर्ष 2003 में सभी दोस्त उस समय नाराज हो गए थे, जब उन्होंने बड़नगर से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने पर उसे वापस लौटा दिया था. Mohan Yadav childhood friend

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शपथ समारोह में परिवार भी होगा शामिल : मोहन यादव बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. सीएम बनने की घोषणा होने के बाद रिश्तेदारों और समर्थकों का घर पर तांता लगा हुआ है. परिजन यादव के सीएम बनने से खुश तो हैं, लेकिन शपथ समारोह में जाने के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की है. उनकी पत्नी सीमा यादव व बेटी डॉ.आकांक्षा ने बताया कि समारोह के लिए शाम को पूरे परिवार के साथ जाएंगे, लेकिन मिठाई ले जाने की जरूरत नहीं है. परिजनों ने बताया कि डॉ. यादव को पपीता, जामफल और से सेवफल पसंद हैं. इसलिए सिर्फ यही फल लेकर जाएंगे. Mohan Yadav childhood friend

नए सीएम डॉ. मोहन यादव के बचपन के साथी

उज्जैन। उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. अब मध्यप्रदेश का नेतृत्व मोहन यादव करेंगे. लेकिन नेतृत्व की क्षमता उनमें बचपन से ही थी. स्कूली जीवन में भी वह नेतृत्व क्षमता दिखा चुके हैं. इसके बाद कॉलेज लाइफ में भी यह कुशल नेतृत्व के जाने जाते थे. साइंस कॉलेज में प्रवेश के साथ ही मोहन यादव ने एबीवीपी को मजबूत करना शुरू किया. इसी का परिणाम आज भी इस कॉलेज में दिखाई देता है. उनके बाल सखाओं की मानें तो एक नाटक में श्री कृष्ण की भूमिका निभाते समय मोहन यादव ने विवाद होने पर बड़ी आसानी से सुलझा दिया था. Mohan Yadav childhood friend

बचपन में बहुत संघर्ष किया : मुख्यमंत्री मोहन यादव के बचपन के मित्र व पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल बताते हैं कि उन्होंने बचपन में अभाव की जिंदगी जरूर देखी लेकिन पढ़ाई में वह शुरू से काफी तेज थे. पांचवीं कक्षा तक घर के समीप ही शारदा प्राथमिक विद्यालय फिर 8वीं तक कैलाश भवन माध्यमिक विद्यालय बुधवारिया में वह पढ़े. 9 वीं से 11वीं तक जीवाजीगंज हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के बाद बीएससी करने के लिए सन् 1982 में देवास रोड स्थित माधव साइंस महाविद्यालय पहुंच गए. मोहन यादव के स्कूल के साथी बने सिंह चौहान का कहना है कि मोहन यादव बचपन से संघर्षशील थे और ग्रुप बनाकर चलते थे. Mohan Yadav childhood friend

कॉलेज में पहले साल से ही प्रभावशाली : वहीं साइंस कॉलेज के प्रोफेसर डा. रतन भामरा बताते हैं कि मोहन यादव उनके जूनियर थे लेकिन कॉलेज में एंट्री के प्रथम वर्ष में ही उन्होंने एबीवीपी से चुनाव लड़ा और सह सचिव बन गए. दूसरे वर्ष में उन्होंने कॉलेज में कांग्रेस के संगठन के यूनियन और पैनल का प्रभुत्व होने के बावजूद इतना प्रभुत्व जमाया कि अध्यक्ष बन गए. डॉ. यादव की मेहनत का ही परिणाम है कि साइंस कॉलेज में अब तक एबीवीपी का प्रभुत्व बना हुआ है. वह बताते हैं कि मोहन यादव बचपन से ही आरएसएस की शाखा में जाते थे. Mohan Yadav childhood friend

एक बार टिकट लौटा दी थी : मोहन यादव के स्कूल के साथी बताते हैं कि बचपन में मोहल्ले में हुई कृष्ण लीला में मोहन यादव श्री कृष्ण बने थे. इसी दौरान कुछ विवाद हो गया था. इस पर उन्होंने श्री कृष्ण की तरह ही भूमिका निभाते हुए बाल उम्र में बड़ों का विवाद निपटाया था. उनके साथी पांचाल के अनुसार यादव में भी 64 कलाओं का ज्ञान है. उनके अनुसार मोहन यादव से वर्ष 2003 में सभी दोस्त उस समय नाराज हो गए थे, जब उन्होंने बड़नगर से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने पर उसे वापस लौटा दिया था. Mohan Yadav childhood friend

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शपथ समारोह में परिवार भी होगा शामिल : मोहन यादव बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. सीएम बनने की घोषणा होने के बाद रिश्तेदारों और समर्थकों का घर पर तांता लगा हुआ है. परिजन यादव के सीएम बनने से खुश तो हैं, लेकिन शपथ समारोह में जाने के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की है. उनकी पत्नी सीमा यादव व बेटी डॉ.आकांक्षा ने बताया कि समारोह के लिए शाम को पूरे परिवार के साथ जाएंगे, लेकिन मिठाई ले जाने की जरूरत नहीं है. परिजनों ने बताया कि डॉ. यादव को पपीता, जामफल और से सेवफल पसंद हैं. इसलिए सिर्फ यही फल लेकर जाएंगे. Mohan Yadav childhood friend

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