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Mahakaleshwar Temple: दान व पूजन की राशि पुजारियों को देने का विरोध, लोकायुक्त में शिकायत - महाकाल मंदिर के एक्ट का हवाला

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में आने वाली दान राशि का 35 फीसदी हिस्सा पुजारी-पुरोहितों को और पूजा से मिलने वाली राशि का 75 प्रतिशत पुरोहितों को देने के विरोध में मंदिर प्रबंधन समिति के खिलाफ शिकायत लोकायुक्त में की गई है. वहीं, इस मामले में मंदिर प्रशासक का कहना है कि मंदिर एक्ट के तहत ही ये राशि वितरित होती है.

Mahakaleshwar Temple controversy
दान व पूजन से मिलने वाली राशि पुजारियों को देने का विरोध
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Published : Mar 27, 2023, 6:24 PM IST

दान व पूजन से मिलने वाली राशि पुजारियों को देने का विरोध

उज्जैन। शहर की रहने वाली सारिका गुरु ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष के साथ ही मंदिर के प्रशासक के खिलाफ शिकायत की है. शिकायतकर्ता ने उज्जैन लोकायुक्त से इस मामले में केस दर्ज करने की मांग की है. शिकायत में कहा गया है कि मंदिर की दान राशि का 35 प्रतिशत 16 पुजारियों और विभिन्न प्रकार के पूजन से मिलने वाली राशि 22 पुरोहितों को 75 प्रतिशत मिल रही है. सारिका गुरु ने बीती 24 फरवरी को ये शिकायत लोकायुक्त से की थी. हालांकि लोकायुक्त ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. बता दें कि सारिका गुरु ने इससे पहले भी महाकाल मंदिर के क्षरण का मुद्दा उठाया था, जोकि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था.

महाकाल मंदिर के एक्ट का हवाला : दरअसल, महाकाल मंदिर में 5 दान पेटियों में श्रद्धालु अपनी इच्छा से दान करते हैं. ये दान पेटी हर माह खोली जाती है. इन दानपेटियों में से निकलने वाली राशि का 65 फीसदी हिस्सा महाकाल मंदिर समिति लेती है और 35 फीसदी हिस्सा मंदिर के 16 पुजारी-पुरोहित को मिलता है. इसी मामले को लेकर शिकायत की गई है. शिकायत में कहा गया है कि सन् 1985 से लेकर अभी तक यही चल रहा है. शिकायत में कहा गया है कि महाकाल मंदिर के एक्ट में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है. सारिका गुरु कहा कि 37 वर्षों से महाकाल मंदिर के पुजारियों को 35% दान की राशि किस आधार पर दी जा रही है.

इन पुरोहितों को 75 फीसदी हिस्सा : शरदचंद्र व्यास, विनोद व्यास, राधेशयाम शास्त्री, कौशल व्यास, चंद्र शेखर शर्मा, सुभाष शर्मा, बालकृष्ण जोशी, अजय शर्मा, स्व. सूर्यनारायण जोशी, नीरज शर्मा, विजय उपाध्याय, लोकेन्द्र व्यास, अशोक शर्मा, स्व. रवि पंडित, दीपक भट्ट, मुकेश शर्मा,स्व. गणेश नारायण, विपुल चतुर्वेदी, गोपाल व्यास, दीपक शर्मा, गोपाल शर्मा, विश्वास कराडकर को पूजन की राशि का 75 फीसदी हिस्सा मिलता है.

इन पुजारियों को 35 फीसदी हिस्सा : गौरव शर्मा, दिलीप शर्मा, विजय शंकर शर्मा, विजय शर्मा, श्रीराम शर्मा, गणेश नारायण शर्मा, संजय शर्मा, अजय शर्मा, कैलाश नारायण शर्मा, अमर शर्मा, स्व. शान्तिकुमार, राजेश शर्मा, घनश्याम शर्मा, दिनेश त्रिवेदी, कमल शर्मा को 35 फीसदी हिस्सा दान राशि का मिलतै है. इनमें महाकाल मंदिर समिति की ओर से मंदिर में नियुक्त शासकीय पुजारी घनश्याम पुजारी हैं. इन्हें मंदिर की और से प्रतिमाह 21000 हजार रुपए के साथ ही दान पेटियों का 35 प्रतिशत भी मिलता है. इसके अलावा इनके चार सहायक मंगलेश गुरु, अजय पुजारी, शैलन्द्र पुजारी और गोपाल गुरु को 11-11 हजार प्रतिमाह दिया जाता है.

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राशि वितरण का निर्णय एक्ट के अनुसार : इस मामले में मंदिर संदीप सोनी का कहना है कि पुजारियों को ये राशि प्रबंध समिति के निर्णय के अनुसार दी जा रही है. उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर 2012 को मंदिर प्रबंध समिति द्वारा ये निर्णय एक्ट के अनुसार लिया गया था. उन्होंने कहा कि साल 2016 में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मंदिर प्रबंध समिति का हवाला देकर यथावत रखने का निर्णय दिया था. बता दें कि ये मामला बीते 15 दिन मंदिर के पुजारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

दान व पूजन से मिलने वाली राशि पुजारियों को देने का विरोध

उज्जैन। शहर की रहने वाली सारिका गुरु ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष के साथ ही मंदिर के प्रशासक के खिलाफ शिकायत की है. शिकायतकर्ता ने उज्जैन लोकायुक्त से इस मामले में केस दर्ज करने की मांग की है. शिकायत में कहा गया है कि मंदिर की दान राशि का 35 प्रतिशत 16 पुजारियों और विभिन्न प्रकार के पूजन से मिलने वाली राशि 22 पुरोहितों को 75 प्रतिशत मिल रही है. सारिका गुरु ने बीती 24 फरवरी को ये शिकायत लोकायुक्त से की थी. हालांकि लोकायुक्त ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. बता दें कि सारिका गुरु ने इससे पहले भी महाकाल मंदिर के क्षरण का मुद्दा उठाया था, जोकि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था.

महाकाल मंदिर के एक्ट का हवाला : दरअसल, महाकाल मंदिर में 5 दान पेटियों में श्रद्धालु अपनी इच्छा से दान करते हैं. ये दान पेटी हर माह खोली जाती है. इन दानपेटियों में से निकलने वाली राशि का 65 फीसदी हिस्सा महाकाल मंदिर समिति लेती है और 35 फीसदी हिस्सा मंदिर के 16 पुजारी-पुरोहित को मिलता है. इसी मामले को लेकर शिकायत की गई है. शिकायत में कहा गया है कि सन् 1985 से लेकर अभी तक यही चल रहा है. शिकायत में कहा गया है कि महाकाल मंदिर के एक्ट में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है. सारिका गुरु कहा कि 37 वर्षों से महाकाल मंदिर के पुजारियों को 35% दान की राशि किस आधार पर दी जा रही है.

इन पुरोहितों को 75 फीसदी हिस्सा : शरदचंद्र व्यास, विनोद व्यास, राधेशयाम शास्त्री, कौशल व्यास, चंद्र शेखर शर्मा, सुभाष शर्मा, बालकृष्ण जोशी, अजय शर्मा, स्व. सूर्यनारायण जोशी, नीरज शर्मा, विजय उपाध्याय, लोकेन्द्र व्यास, अशोक शर्मा, स्व. रवि पंडित, दीपक भट्ट, मुकेश शर्मा,स्व. गणेश नारायण, विपुल चतुर्वेदी, गोपाल व्यास, दीपक शर्मा, गोपाल शर्मा, विश्वास कराडकर को पूजन की राशि का 75 फीसदी हिस्सा मिलता है.

इन पुजारियों को 35 फीसदी हिस्सा : गौरव शर्मा, दिलीप शर्मा, विजय शंकर शर्मा, विजय शर्मा, श्रीराम शर्मा, गणेश नारायण शर्मा, संजय शर्मा, अजय शर्मा, कैलाश नारायण शर्मा, अमर शर्मा, स्व. शान्तिकुमार, राजेश शर्मा, घनश्याम शर्मा, दिनेश त्रिवेदी, कमल शर्मा को 35 फीसदी हिस्सा दान राशि का मिलतै है. इनमें महाकाल मंदिर समिति की ओर से मंदिर में नियुक्त शासकीय पुजारी घनश्याम पुजारी हैं. इन्हें मंदिर की और से प्रतिमाह 21000 हजार रुपए के साथ ही दान पेटियों का 35 प्रतिशत भी मिलता है. इसके अलावा इनके चार सहायक मंगलेश गुरु, अजय पुजारी, शैलन्द्र पुजारी और गोपाल गुरु को 11-11 हजार प्रतिमाह दिया जाता है.

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राशि वितरण का निर्णय एक्ट के अनुसार : इस मामले में मंदिर संदीप सोनी का कहना है कि पुजारियों को ये राशि प्रबंध समिति के निर्णय के अनुसार दी जा रही है. उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर 2012 को मंदिर प्रबंध समिति द्वारा ये निर्णय एक्ट के अनुसार लिया गया था. उन्होंने कहा कि साल 2016 में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मंदिर प्रबंध समिति का हवाला देकर यथावत रखने का निर्णय दिया था. बता दें कि ये मामला बीते 15 दिन मंदिर के पुजारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

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