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शिवलिंग क्षरण रोकने की पहल, अब महाकाल मंदिर समिति की गोशाला के दूध से होगा दुग्धाभिषेक - , Mahakal Temple Committee

महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए महाकाल मंदिर समिति ने योजना तैयार की है, जिसमें समिति की गोशाला में मिलने वाल दूध ही भक्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेचा जाएगा और समिति भी इसी दूध का उपयोग करेगी.

शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए पहल
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Published : Sep 9, 2019, 7:21 PM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर चढ़ने वाला दूध अब जल्द ही महाकाल मंदिर समिति की गोशाला से मिलने लगेगा. शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश तय किया था, जिसमें दूध और अन्य सामग्री की शुद्धता पर ध्यान देने के विशेष निर्देश दिये गये थे. इसके बाद ही महाकाल मंदिर समिति ने दुग्धाभिषेक के लिए गोशाला से दूध उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है.

शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए पहल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर समिति ने निर्णय लिया था कि मंदिर समिति अपनी ही गोशाला का दूध श्रद्धालुओं को विक्रय करेगी. इस कदम से न सिर्फ मंदिर समिति की आय बढ़ेगी, बल्कि शिवलिंग का क्षरण रोकने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा.

खाद्य विभाग की टीम ने कुछ समय पहले जांच में पाया था कि यहां दूध में बड़ी मात्रा में मिलावट की जा रही है, जिसके बाद करीब चार दुकानदारों पर कार्रवाई भी की गई थी, साथ ही शिवलिंग का क्षरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश तय किए थे, जिसके चलते ये कदम उठाया गया है. मंदिर समिति गोशाला में पल रही करीब 150 गायों से निकलने वाले दूध को श्रद्धालुओं को बेचा जाएगा. मंदिर समिति के प्रशासक सुजान सिंह रावत के अनुसार जल्द ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी.

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर चढ़ने वाला दूध अब जल्द ही महाकाल मंदिर समिति की गोशाला से मिलने लगेगा. शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश तय किया था, जिसमें दूध और अन्य सामग्री की शुद्धता पर ध्यान देने के विशेष निर्देश दिये गये थे. इसके बाद ही महाकाल मंदिर समिति ने दुग्धाभिषेक के लिए गोशाला से दूध उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है.

शिवलिंग क्षरण रोकने के लिए पहल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर समिति ने निर्णय लिया था कि मंदिर समिति अपनी ही गोशाला का दूध श्रद्धालुओं को विक्रय करेगी. इस कदम से न सिर्फ मंदिर समिति की आय बढ़ेगी, बल्कि शिवलिंग का क्षरण रोकने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा.

खाद्य विभाग की टीम ने कुछ समय पहले जांच में पाया था कि यहां दूध में बड़ी मात्रा में मिलावट की जा रही है, जिसके बाद करीब चार दुकानदारों पर कार्रवाई भी की गई थी, साथ ही शिवलिंग का क्षरण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश तय किए थे, जिसके चलते ये कदम उठाया गया है. मंदिर समिति गोशाला में पल रही करीब 150 गायों से निकलने वाले दूध को श्रद्धालुओं को बेचा जाएगा. मंदिर समिति के प्रशासक सुजान सिंह रावत के अनुसार जल्द ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी.

Intro:उज्जैन महाकाल मंदिर में चढ़ने वाला दूध जल्द ही मंदिर की गौशाला से लिया जाएगा मंदिर समिति की आय भी बढ़ेगी और शरण को रोका जा सकेगा


Body:उज्जैन विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में चढ़ने वाला दूध अब जल्दी ही महाकाल मंदिर समिति की गौशाला से मिलने लगेगा दरअसल महाकाल मंदिर की शिवलिंग क्षरण को रोकने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश तय किए थे जिसमें दूध और अन्य सामग्री की शुद्धता पर भी कोर्ट ने दिशा निर्देश दिए थे जिसके बाद अब मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि मंदिर समिति अपनी ही गौशाला का दूध उपयोग में लेगी और इससे श्रद्धालुओं को विक्रय भी करेगी


Conclusion:उज्जैन विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पंचामृत अभिषेक पूजा के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से मंदिर पहुंचते हैं और भगवान महाकाल का दूध से अभिषेक भी करते हैं सामान्य रूप से यह दूध महाकाल मंदिर के बाहर फुल प्रसाद बेचने वालों की दुकान पर मिलता है लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही खाद्य विभाग की टीम ने यहां जांच में पाया था कि दूध में बड़ी मात्रा में मिलावट की जा रही है जिसके बाद करीब 4 दुकानदारों पर कार्रवाई भी की गई थी साथ ही महाकाल मंदिर के शरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश तय किए थे जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि महाकाल मंदिर शिवलिंग पर चढ़ने वाली सामग्री शुद्ध हो जिसको लेकर अब गौशाला में पल रही करीब 150 गाय से निकलने वाले दूध को मंदिर समिति श्रद्धालुओं को दूध अर्पित करने के लिए बेचेगी इस कदम से ना सिर्फ मंदिर समिति की आय होगी बल्कि महाकाल मंदिर क्षरण को रोकने के लिए भी बड़ा कदम साबित होगा मंदिर समिति के प्रशासक सुजान सिंह रावत के अनुसार जल्दी ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी



बाइट---सूजन सिंह रावत (महाकाल प्रशाशक)
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