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Mahakal Lok of Ujjain: महाकाल लोक में जीवंत होंगी पुराणों में दर्ज कहानियां, मूर्तियां स्वयं बयां करेंगी अपनी कथा

उज्जैन में महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक की भव्यता देखते ही बनेगी. 20 हेक्टेयर में बने महाकाल प्रांगण की विशेषता यह है कि यहां आने पर किसी भी तरह के गाइड की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यहां की मूर्तियां स्वयं कहानी बताती नजर आएंगी, जिनमें इतिहास की पूरी जानकारी होगी. इसके लिए हर प्रतिमा के सामने एक बार कोड लगाया गया है.(Mahakal Lok of Ujjain)

Mahakal Lok of Ujjain will show stories recorded in Puranas
महाकाल लोक में जीवंत होंगी पुराणों में दर्ज कहानियां
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Published : Oct 6, 2022, 3:03 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक के पहले चरण का 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करने वाले हैं. यह स्थान पुराण में दर्ज कहानियां सुनाने वाला होगा, क्योंकि यहां देवी देवताओं की और विभिन्न दृष्टांतों से जुड़ी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. भगवान शिव से जुड़ी महाभारत, वेद और स्कंद पुराण में जिन कहानियों और कथाओं का उल्लेख है, उनके आधार पर महाकाल लोक में प्रतिमाएं तैयार की गई हैं. कुल मिलाकर देखें तो यह कहानियां यहां जीवंत हो जाएंगी. यहां इतिहास और वर्तमान का अद्भुत संगम है. एक तरफ जहां संस्कृत के मंत्रों को उकेरा गया है, वहीं प्रतिमाओं पर बारकोड भी बनाया जा रहा है, जिसके जरिए पूरी कहानी को जाना जा सकेगा.

Mahakal Lok of Ujjain
महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक की भव्यता

रावण से लेकर भगवान महादेव की मूर्तियों को गढ़ा गया है: जो मूर्तियां तैयार की गई हैं उनमें भगवान महादेव द्वारा त्रिपुरासुर वध को रेखांकित किया गया है तो इसी तरह गजानन को मूर्तियों को ऐसा स्वरूप दिया गया है जिनमें वे नृत्य करते नजर आ रहे हैं. इसके अलावा रावण की महादेव को प्रसन्न करने के लिए किए गए कठोर तप का भी रेखांकन किया गया है, इसके साथ ही सप्त ऋषि की मौन धारण किए प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है. रावण ने कैलाश पर्वत को सिर पर उठाया है और इस पर्वत पर शिव जी का परिवार विराजमान है.

Mahakal Lok of Ujjain
वेद और स्कंद पुराण से जुड़ी कहानियां

Ujjain Mahakal Lok: उज्जैन में बन रहा सबसे बड़ा म्यूरल मेटल, 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे लोकार्पण

यहां किसी भी तरह के गाइड की जरूरत नहीं: लगभग साढ़े 20 हेक्टेयर में बने महाकाल प्रांगण की विशेषता यह है कि यहां आने पर किसी भी तरह के गाइड की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह मूर्तियां स्वयं कहानी बताती नजर आएंगी, जिनमें इतिहास की जानकारी पूरी होगी, इसके लिए हर प्रतिमा के सामने एक बार कोड होगा. जिससे मोबाइल से स्कैन करते ही छोटी बड़ी जानकारी मोबाइल की स्क्रीन पर उपलब्ध होगी. इससे नई पीढ़ी को प्राचीन कथाओं की जानकारी आसानी से सुलभ हो जाएगी. (Mahakal Lok of Ujjain)

उज्जैन। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक के पहले चरण का 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करने वाले हैं. यह स्थान पुराण में दर्ज कहानियां सुनाने वाला होगा, क्योंकि यहां देवी देवताओं की और विभिन्न दृष्टांतों से जुड़ी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. भगवान शिव से जुड़ी महाभारत, वेद और स्कंद पुराण में जिन कहानियों और कथाओं का उल्लेख है, उनके आधार पर महाकाल लोक में प्रतिमाएं तैयार की गई हैं. कुल मिलाकर देखें तो यह कहानियां यहां जीवंत हो जाएंगी. यहां इतिहास और वर्तमान का अद्भुत संगम है. एक तरफ जहां संस्कृत के मंत्रों को उकेरा गया है, वहीं प्रतिमाओं पर बारकोड भी बनाया जा रहा है, जिसके जरिए पूरी कहानी को जाना जा सकेगा.

Mahakal Lok of Ujjain
महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक की भव्यता

रावण से लेकर भगवान महादेव की मूर्तियों को गढ़ा गया है: जो मूर्तियां तैयार की गई हैं उनमें भगवान महादेव द्वारा त्रिपुरासुर वध को रेखांकित किया गया है तो इसी तरह गजानन को मूर्तियों को ऐसा स्वरूप दिया गया है जिनमें वे नृत्य करते नजर आ रहे हैं. इसके अलावा रावण की महादेव को प्रसन्न करने के लिए किए गए कठोर तप का भी रेखांकन किया गया है, इसके साथ ही सप्त ऋषि की मौन धारण किए प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है. रावण ने कैलाश पर्वत को सिर पर उठाया है और इस पर्वत पर शिव जी का परिवार विराजमान है.

Mahakal Lok of Ujjain
वेद और स्कंद पुराण से जुड़ी कहानियां

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यहां किसी भी तरह के गाइड की जरूरत नहीं: लगभग साढ़े 20 हेक्टेयर में बने महाकाल प्रांगण की विशेषता यह है कि यहां आने पर किसी भी तरह के गाइड की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह मूर्तियां स्वयं कहानी बताती नजर आएंगी, जिनमें इतिहास की जानकारी पूरी होगी, इसके लिए हर प्रतिमा के सामने एक बार कोड होगा. जिससे मोबाइल से स्कैन करते ही छोटी बड़ी जानकारी मोबाइल की स्क्रीन पर उपलब्ध होगी. इससे नई पीढ़ी को प्राचीन कथाओं की जानकारी आसानी से सुलभ हो जाएगी. (Mahakal Lok of Ujjain)

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