उज्जैन। विजय दशमी के अवसर पर बाबा महाकाल की सवारी धूमधाम से निकाली गई. मान्यता है कि दशहरे पर भगवान महाकाल साल भर में एक बार नए शहर में प्रवेश करते हैं और शहरवासियों को दर्शन देते हैं.
मंदिर से निकलकर बाबा महाकाल की सवारी नए शहर में प्रवेश करती है और दशहरा मैदान तक जाती है. जहां महाकाल की पालकी को शमी के पेड़ के नीचे रखा जाता है और शमी के पत्तों से उज्जैन कलेक्टर सवारी का पूजन करते हैं.
बरसों से चली आ रही इस परंपरा का आज भी निर्वहन हो रहा है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल की सवारी में शामिल होते हैं. सवारी के आगे पुलिस बैंड और घोड़ा सवार चलते हैं. इस दौरान नए शहर में श्रद्धालु अलग-अलग मंच लगाकर सवारी का स्वागत करते हैं.