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बाबा महाकाल पर प्लास्टिक के पात्रों में भोग लगाने को लेकर प्रशासन को लिखा पत्र

बाबा महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान प्रयोग होने वाले प्लास्टिक के बर्तनों को लेकर सेवधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल धर्मस्व मंत्री सहित उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को एक पत्र लिखा है. (baba mahakal ujjain)

baba mahakal
बाबा महाकाल
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Published : Feb 10, 2022, 11:08 PM IST

उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्म आरती में लगाए जाने वाले भोग के पात्र को लेकर सेवधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने धर्मस्व मंत्री सहित उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को एक पत्र लिखा है. सुधीर ने कहा कि पूरे विश्व में महाकाल मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. बाबा महाकाल के पास सैकड़ों किलो चांदी और स्वर्ण सहित बर्तनों का भंडार है. सुबह चार बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान लगने वाला भोग प्लास्टिक, कागज और स्टील के डिब्बों में लगाया जाता है. जिसे तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए. (baba mahakal ujjain)

सोशल मीडिया पर फोटो देखने के बाद लिखा पत्र
उज्जैन महाकाल मंदिर समिति द्वारा महाकालेश्वर के नित्य दर्शन हेतु सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए जो फोटो किया जाता है, उस फोटो में साफ दिख रहा है कि बाबा महाकाल को किस तरह के पात्रों में भोग लगाया जा रहा है. यह धर्म संगत न होकर धर्म विरुद्ध है. (baba mahakal bhasma arti)

पत्र में दिया सुझाव
सेवा धाम आश्रम के सुधीर भाई ने महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को पत्र लिखकर भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर नीति बनाने की मांग की है. सुधीर भाई गोयल ने सुझाव दिया कि खाखरे के दोने के पत्तल का उपयोग किया जाना चाहिए, जो स्टील व प्लास्टिक और कागज से कहीं अधिक पवित्र है. मंदिर में प्लास्टिक और स्टील पूर्णतया वर्जित किया जाये. इस पर पहले से मंदिर समिति द्वारा प्रतिबंधित किया गया है. इसके बावजूद भी प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है. (plastic pots in baba mahakal bhasma arti)

ये क्या कह गए शिव'राज' की मंत्री! पांचों राज्यों में पूर्ण बहुमत से बनेगी कांग्रेस की सरकार, गोविंद सिंह राजपूत की फिसली जुबान

महाकाल मंदिर शिव लिंग में हो रहे क्षरण को लेकर 2017 में कोर्ट ने निर्देश दिए थे. जिसमें गर्भगृह में प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध किया गया था. वहीं शिवलिंग से कठोर और अन्य वस्तुओं को दूर रखने की बात कही गयी. सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान रोजाना मिठाई और अन्य भोग प्लास्टिक और स्टील के पात्रों में लगाया जा रहा है. महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने कहा कि अगर मंदिर समिति भोग के लिए बर्तन उपलब्ध करवा देगी, तो हम उसमें भोग लगाने के लिए तैयार हैं.

उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्म आरती में लगाए जाने वाले भोग के पात्र को लेकर सेवधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने धर्मस्व मंत्री सहित उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को एक पत्र लिखा है. सुधीर ने कहा कि पूरे विश्व में महाकाल मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. बाबा महाकाल के पास सैकड़ों किलो चांदी और स्वर्ण सहित बर्तनों का भंडार है. सुबह चार बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान लगने वाला भोग प्लास्टिक, कागज और स्टील के डिब्बों में लगाया जाता है. जिसे तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए. (baba mahakal ujjain)

सोशल मीडिया पर फोटो देखने के बाद लिखा पत्र
उज्जैन महाकाल मंदिर समिति द्वारा महाकालेश्वर के नित्य दर्शन हेतु सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए जो फोटो किया जाता है, उस फोटो में साफ दिख रहा है कि बाबा महाकाल को किस तरह के पात्रों में भोग लगाया जा रहा है. यह धर्म संगत न होकर धर्म विरुद्ध है. (baba mahakal bhasma arti)

पत्र में दिया सुझाव
सेवा धाम आश्रम के सुधीर भाई ने महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को पत्र लिखकर भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर नीति बनाने की मांग की है. सुधीर भाई गोयल ने सुझाव दिया कि खाखरे के दोने के पत्तल का उपयोग किया जाना चाहिए, जो स्टील व प्लास्टिक और कागज से कहीं अधिक पवित्र है. मंदिर में प्लास्टिक और स्टील पूर्णतया वर्जित किया जाये. इस पर पहले से मंदिर समिति द्वारा प्रतिबंधित किया गया है. इसके बावजूद भी प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है. (plastic pots in baba mahakal bhasma arti)

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महाकाल मंदिर शिव लिंग में हो रहे क्षरण को लेकर 2017 में कोर्ट ने निर्देश दिए थे. जिसमें गर्भगृह में प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध किया गया था. वहीं शिवलिंग से कठोर और अन्य वस्तुओं को दूर रखने की बात कही गयी. सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान रोजाना मिठाई और अन्य भोग प्लास्टिक और स्टील के पात्रों में लगाया जा रहा है. महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने कहा कि अगर मंदिर समिति भोग के लिए बर्तन उपलब्ध करवा देगी, तो हम उसमें भोग लगाने के लिए तैयार हैं.

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