उज्जैन। जिले के नागदा शहर में महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं, इसी कड़ी में कल देर रात बाईपास चौराहे महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित की गई, मूर्ति को लगाने के लिए क्रेन का सहारा लिया गया.
- शहर में महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने का काम शुरू
लंबे समय से महाराणा प्रताप, डॉ. भीमराव अंबेडकर और राजा जनमेजय की मूर्तियां लगाए जाने को लेकर गतिरोध चल रहा था, यह गतिरोध न सिर्फ जगह को लेकर था, बल्कि लगाए जाने के नियमों को लेकर भी आपत्ति आई थी, मामला न्यायालय तक भी पहुंचा था, हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपड़ा की आपत्ति पर बीते गुरुवार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम सिंह बुले ने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दिए गए 10 दिसंबर 2020 के आदेश को स्थिर नहीं रखने योग्य माना था, सांसद अनिल फिरोजिया ने कुछ दिन पहले प्रशासन के साथ हुई बैठक में तमाम समस्याओं का निराकरण कर महापुरुषों की मूर्तियां जल्द लगवाने के निर्देश दिए थे.
- राजपूत समाज में खुशी की लहर
राजपूत समाज ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि राजपूत समाज यह दिन कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि राजपूत समाज, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रयास के चलते यहां मूर्तियां लगाई गईं हैं.
- बस स्टैंड चौराहे पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की मांग
सोशल मीडिया में जहां स्वागत करने वाले थे, वहीं दलित समाज से जुड़े लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की, नाराजगी इस बात को लेकर है कि पूर्व में इस बात पर विश्वास दिलाया गया था कि तीनों मूर्तियों को एक साथ अलग-अलग सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाएगा, प्रशासन ने मंगलवार को सिर्फ एक ही मूर्ति को स्थापित किया, वहीं संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को लगाए जाने के स्थान को लेकर भी दलित समाज में आक्रोश हैं, क्योंकि नगर पालिका भवन स्थित उद्यान मे मूर्ति स्थापित करना चाहता है, वहीं समाज बस स्टैंड चौराहे पर मूर्ति स्थापित करने की मांग कर रहा है.