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800 साल बाद दोबारा होगा अद्भुत संयोग, आज दिन सबसे छोटा और रात होंगी बड़ी

दिन के सबसे छोटे होने का संयोग हर साल एक ही दिन होता है, लेकिन इस साल यह 21 व 22 दिसंबर दोनी ही दिन होगा. आज से शिशिर ऋतु की शुरूआत हो जाएगी और कड़ाके की ठंड, शीतलहर, कोहरा, पाला का प्रकोप एक माह से अधिक समय तक देखने को मिलेगा.

Astronomical event
खगोलीय घटना
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Published : Dec 22, 2020, 12:17 AM IST

उज्जैन। 800 साल बाद एक ऐसी घटना का संयोग बन रहा है. जिसे आम इंसान भी सूर्य अस्त होने के बाद घर की छत से आसमान में तारे के रूप में 05:45 से 06:30 समय के अंतराल में देख सकेगा. वहीं एक और घटना जिसमें 21 व 22 दिसंबर को दिन छोटे व रात बड़ी का संयोग हर वर्ष केवल एक ही दिन होती है. यह घटना इस बार 2 दिन एक साथ होगी. घटना को जीवाजी वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम देखा जा सकेगा.

800 साल बाद दोबारा होगा अद्भुत संयोग

जीवाजी वेधशाला

सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और इसी प्रक्रिया के कारण सूर्य की स्थिति हमें अलग-अलग रेखाओं पर दृष्टिगत होती दिखती है. इस बार 21 और 22 दिसंबर के दिन सूर्य की स्थिति मकर रेखा पर दृष्टि गोकर होती दिख रही है. 21 दिसंबर को सूर्य क्रांति 23 डिग्री 26 मिनट और 11 सेकेंड का है. 22 दिसंबर को 23 डिग्री 26 मिनट व 9 सेकंड का है. लगभग दोंनो दिन एक जैसी स्थिति है. सूर्य मकर रेखा में लंबित दिख रहा है और दोनों ही दिन का समय 10 घंटे 41 मिनट है. वहीं रात 13 घंटे 19 मिनट की है. मतलब रात सबसे बड़ी है और दिन छोटे.

22 दिसंबर से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है. 22 दिसंबर को सूर्य की 0 डिग्री 52 मिनट 5 सेकंड की स्थिति है. धीरे-धीरे सूर्य अब उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे हम उत्तरायण कहते हैं और 21 मार्च तक यही स्थिति रहेगी उसके बाद दोबारा दिन रात बराबर हो जाएंगे.

खगोलीय घटना

ऐसी घटना के 800 साल बाद योग बन रहे हैं. जिसमें सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति का सबसे सुंदर तनी एकदम करीब आ रहे हैं. केवल 3 मिनट कि इन दोनों में दूरी रहेगी, क्योंकि जो बृहस्पति कुंभ राशि में है और जीरो डिग्री 23 मिनट की स्थिति में है. वहीं शनि भी जीरो डिग्री 26 मिनट की स्थिति में है. इस घटना को आज सूर्य अस्त होने के बाद छत से आसानी से हम देख सकते हैं. जिसमें तारे के रूप में बृहस्पति पश्चिम दिशा में नीचे की और वही शनि उसके ऊपर की और चमकदार दिखाई पड़ेगा इसमें हम 5:45 से 6:30 के बीच ही देख पाएंगे.

उज्जैन। 800 साल बाद एक ऐसी घटना का संयोग बन रहा है. जिसे आम इंसान भी सूर्य अस्त होने के बाद घर की छत से आसमान में तारे के रूप में 05:45 से 06:30 समय के अंतराल में देख सकेगा. वहीं एक और घटना जिसमें 21 व 22 दिसंबर को दिन छोटे व रात बड़ी का संयोग हर वर्ष केवल एक ही दिन होती है. यह घटना इस बार 2 दिन एक साथ होगी. घटना को जीवाजी वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम देखा जा सकेगा.

800 साल बाद दोबारा होगा अद्भुत संयोग

जीवाजी वेधशाला

सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और इसी प्रक्रिया के कारण सूर्य की स्थिति हमें अलग-अलग रेखाओं पर दृष्टिगत होती दिखती है. इस बार 21 और 22 दिसंबर के दिन सूर्य की स्थिति मकर रेखा पर दृष्टि गोकर होती दिख रही है. 21 दिसंबर को सूर्य क्रांति 23 डिग्री 26 मिनट और 11 सेकेंड का है. 22 दिसंबर को 23 डिग्री 26 मिनट व 9 सेकंड का है. लगभग दोंनो दिन एक जैसी स्थिति है. सूर्य मकर रेखा में लंबित दिख रहा है और दोनों ही दिन का समय 10 घंटे 41 मिनट है. वहीं रात 13 घंटे 19 मिनट की है. मतलब रात सबसे बड़ी है और दिन छोटे.

22 दिसंबर से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है. 22 दिसंबर को सूर्य की 0 डिग्री 52 मिनट 5 सेकंड की स्थिति है. धीरे-धीरे सूर्य अब उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे हम उत्तरायण कहते हैं और 21 मार्च तक यही स्थिति रहेगी उसके बाद दोबारा दिन रात बराबर हो जाएंगे.

खगोलीय घटना

ऐसी घटना के 800 साल बाद योग बन रहे हैं. जिसमें सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति का सबसे सुंदर तनी एकदम करीब आ रहे हैं. केवल 3 मिनट कि इन दोनों में दूरी रहेगी, क्योंकि जो बृहस्पति कुंभ राशि में है और जीरो डिग्री 23 मिनट की स्थिति में है. वहीं शनि भी जीरो डिग्री 26 मिनट की स्थिति में है. इस घटना को आज सूर्य अस्त होने के बाद छत से आसानी से हम देख सकते हैं. जिसमें तारे के रूप में बृहस्पति पश्चिम दिशा में नीचे की और वही शनि उसके ऊपर की और चमकदार दिखाई पड़ेगा इसमें हम 5:45 से 6:30 के बीच ही देख पाएंगे.

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