उज्जैन। एक-डेढ़ साल में उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल और उपजेलों से जुड़े 600 कर्मचारियों की करीब 12 करोड़ की जीपीएफ राशि फर्जी तरीके से निकलाकर कुछ प्राइवेट एकाउंट में भेजी गई. लेकिन बाद में ये भी बात सामने आई कि राशि निजी खाते में नहीं पहुंचते हुए ट्रेजरी से सीधे निकालकर एकाउंट विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने मिलीभगत कर अपने एकाउंट में जमा करा ली है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
क्या है मामला: दरअसल 12 करोड़ की GPF राशि गबन होने के मामले में जिला कलेक्टर के आदेश पर जेल के बाबू रिपुदमन के खिलाफ जिला अतिरिक्त कोषालय अधिकारी सुरेंद्र भामर ने थाने भैरवगढ़ में धारा 420 में प्रकरण दर्ज करवाया है. शिकायत जेल में अनियमिता व फर्जी भुगतान के मामले में दर्ज हुई है. राशि प्राथमिक जांच में मुख्य प्रहरी एस.के चतुर्वेदी के भविष्यनिधि खाते से 12 लाख रुपए की राशि व प्रहरी उषा कौशल की जीपीएफ राशि 10 लाख रुपए की राशि निकाली गई है और ऐसे कई कर्मचारियों के GPF की राशि निकली है. जेल के बाबू रिपूदमन पर आरोप है कि उसने कर्मचारियों के खाते से रुपए निकालकर बैंक ऑफ इंडिया भैरवगढ़ के एक खाते में ट्रांसफर किए, ऐसे कई कर्मचारी जिन्हें पता ही नहीं चला और उनके आवेदन के बिना उनकी जीपीएफ राशि अन्य खातों में ट्रांसफर हो गई. अब इसमें भैरवगढ़ पुलिस के अलावा उच्च स्तर पर भी जांच शुरू हो गई है.
देश का सबसे बड़ा GPF राशि गबन मामला: उज्जैन की केंद्रीय भेरवगढ़ जेल से जुड़ा सम्भवत: प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा GPF यानी (सामान्य भविष्य निधि) की राशि गबन का मामला बताया जा रहा है. पुलिस व प्रशासन की प्राथमिक जांच में पता चला है कि जेल कर्मियों की करीब 12 करोड़ की GPF राशि गबन हुई है, मामले में उज्जैन कलेक्टर ने ट्रेजरी अधिकारी के माध्यम से जेल के जेल बाबू के खिलाफ थाना भेरूगढ़ में धारा 420 में प्रकरण दर्ज करवाया है. जेल के जेल बाबू के खिलाफ थाना भेरूगढ़ में धारा 420 में प्रकरण दर्ज करवाया है, वहीं पूरे मामले में एएसपी अभिषेक आनंद ने कहा कि "फिलहाल प्रकरण दर्ज कर आरोपी बाबू की तलाश शुरू कर दी है. बैंक व कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैं, जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करेंगे. इसके अलावा जल्द ही भोपाल से जांच दल आएगा, जिसमें जेल डीजी, ट्रेजरी कमिश्नर को शिकायत की है. इसके साथ ही भैरवगढ़ थाना के एसआई सत्यनारायण प्रजापति घटना की जांच कर रहे हैं, वहीं जेल के बाबू के घर पर नोटिस चस्पा किया गया है, उनका कहना है कि बाबू की गिरफ्तारी के बाद ही घोटाले का पता चलेगा और उसके पीछे कितने लोग हैं और ये गबन अकेले किया या अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं इन बातों का खुलासा होगा.