ETV Bharat / state

Guru Purnima 2021: विश्व के पहले गुरुकुल में होगी ऑनलाइन एंट्री, फेसबुक पर होंगे गुरु सांदीपनि के दर्शन

विश्व के पहले गुरुकुल की ख्याति प्राप्त उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम के दर्शन श्रद्धालु ऑनलाइन मोड में कर पाएंगे. फेसबुक लाइव के जरिए भगवान कृष्ण के गुरु दर्शन देंगे.

guru purnima 2021
सांदीपनि आश्रम- जहां कृष्ण को मिला था गुरु ज्ञान
author img

By

Published : Jul 24, 2021, 6:54 AM IST

Updated : Jul 24, 2021, 10:17 AM IST

उज्जैन। विश्व के सबसे पहले गुरुकुल उज्जैन के गुरु सांदीपनि आश्रम में इस बार कोरोना महामारी के चलते गुरु पूर्णिमा पर कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाएगे. सरकार की गाइडलाइन के तहत 50 लोग पूजन अर्चन कर सकेंगे. इस दौरान श्रद्धालुओं को मंदिर में आने की अनुमति नहीं होगी. भक्त ऑनलाइन दर्शन का लाभ उठा पाएंगे.

जहां कृष्ण ने हासिल किया था ज्ञान

प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा पर उज्जैन में हजारों की तादाद में श्रद्धालु गुरु सांदीपनी के आश्रम आते हैं. जहां गुरु सांदीपनि सहित श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा के दर्शन का भी लाभ श्रद्धालुओं को मिलता है. गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनी का आश्रम इसलिए भी खास है क्योंकि गुरु सांदीपनि से ही श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा ने शिक्षा ग्रहण की थी और श्रीकृष्ण ने 64 दिन में 64 विद्या और 16 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था. गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनि आश्रम में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे लेकिन इस बार कोविड-19 थे कोई भी कार्यक्रम नहीं रखा गया है

सांदीपनि आश्रम में श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध
दुनिया के प्रथम गुरुकुल में भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी और वह स्थान उज्जैन के मंगलनाथ रोड स्थित है. वैसे तो रोजाना बड़ी संख्या में गुरु सांदीपनि के आश्रम में दर्शन करने श्रद्धालु का तांता लगा रहता है, लेकिन श्री कृष्ण बलराम और सुदामा की अपने गुरु सांदीपनि के सामने बैठी हुई मूर्ति के दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो जाते हैं. प्रतिवर्ष सांदीपनि आश्रम में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. दरअसल गुरु पूर्णिमा पर शहर में गुरु चरण वंदन की परंपरा है. इसके चलते सांदीपनि आश्रम में सैकड़ों शिष्य गुरु पूजन के लिए उमड़ते हैं. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने सांदीपनि आश्रम में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है. हर बार दिन में होने वाली आरती सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे. हालांकि फेसबुक के जरिए गुरु दर्शन जरूर होंगे.

गुरु सांदीपनि आश्रम का अपना महत्व
गुरु पूर्णिमा महोत्सव में सुबह 5:00 बजे ऋषि सांदीपनि कृष्ण बलराम और सुदामा की प्रतिमा का पंचामृत व गंगाजल से अभिषेक हुआ. विश्वकल्याण और कोरोना से मुक्ति के लिए हवन भी हुआ. करीब 5000 साल पहले श्री कृष्ण ,बलराम और सुदामा उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने आए थे. दुनिया के प्रथम गुरुकुल माने जाने वाले इस सांदीपनि आश्रम में श्री कृष्ण , बलराम और सुदामा के साथ यहां आए थे. 64 दिन यहां रुककर गुरु सांदीपनि से 64 विद्या 16 कलाओं का ज्ञान दिया था. भगवान श्री कृष्ण ने 4 दिन में चार वेद , 6 दिन में छ: शास्त्र ,और 16 दिन में 16 कलाएं ,18 दिन में 18 पुराण , 20 दिन में गीता का ज्ञान कुल 64 दिन में सभी ज्ञान अर्जित किया था.

सरस्वती मां के आशीर्वाद की कामना से आते हैं बच्चे
सांदीपनि आश्रम में श्रद्धालु दर्शन के लिए तो आते ही हैं साथ ही मां सरस्वती का वरदान दिलाने की इच्छा से अभिभावक बच्चों को यहां लेकर आते हैं. उनसे स्लेट पर पूजन के साथ विद्यारंभ कराने की परम्परा का निर्वहन किया जाता है. सांदीपनि आश्रम में वह कुंड मौजूद है यहां कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपनी स्लेट को पानी से साफ करते थे. यहां भगवान कृष्ण की चरण पादुका भी बनी हुई है.

उज्जैन। विश्व के सबसे पहले गुरुकुल उज्जैन के गुरु सांदीपनि आश्रम में इस बार कोरोना महामारी के चलते गुरु पूर्णिमा पर कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाएगे. सरकार की गाइडलाइन के तहत 50 लोग पूजन अर्चन कर सकेंगे. इस दौरान श्रद्धालुओं को मंदिर में आने की अनुमति नहीं होगी. भक्त ऑनलाइन दर्शन का लाभ उठा पाएंगे.

जहां कृष्ण ने हासिल किया था ज्ञान

प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा पर उज्जैन में हजारों की तादाद में श्रद्धालु गुरु सांदीपनी के आश्रम आते हैं. जहां गुरु सांदीपनि सहित श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा के दर्शन का भी लाभ श्रद्धालुओं को मिलता है. गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनी का आश्रम इसलिए भी खास है क्योंकि गुरु सांदीपनि से ही श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा ने शिक्षा ग्रहण की थी और श्रीकृष्ण ने 64 दिन में 64 विद्या और 16 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था. गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनि आश्रम में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे लेकिन इस बार कोविड-19 थे कोई भी कार्यक्रम नहीं रखा गया है

सांदीपनि आश्रम में श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध
दुनिया के प्रथम गुरुकुल में भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी और वह स्थान उज्जैन के मंगलनाथ रोड स्थित है. वैसे तो रोजाना बड़ी संख्या में गुरु सांदीपनि के आश्रम में दर्शन करने श्रद्धालु का तांता लगा रहता है, लेकिन श्री कृष्ण बलराम और सुदामा की अपने गुरु सांदीपनि के सामने बैठी हुई मूर्ति के दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो जाते हैं. प्रतिवर्ष सांदीपनि आश्रम में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. दरअसल गुरु पूर्णिमा पर शहर में गुरु चरण वंदन की परंपरा है. इसके चलते सांदीपनि आश्रम में सैकड़ों शिष्य गुरु पूजन के लिए उमड़ते हैं. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने सांदीपनि आश्रम में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है. हर बार दिन में होने वाली आरती सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे. हालांकि फेसबुक के जरिए गुरु दर्शन जरूर होंगे.

गुरु सांदीपनि आश्रम का अपना महत्व
गुरु पूर्णिमा महोत्सव में सुबह 5:00 बजे ऋषि सांदीपनि कृष्ण बलराम और सुदामा की प्रतिमा का पंचामृत व गंगाजल से अभिषेक हुआ. विश्वकल्याण और कोरोना से मुक्ति के लिए हवन भी हुआ. करीब 5000 साल पहले श्री कृष्ण ,बलराम और सुदामा उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने आए थे. दुनिया के प्रथम गुरुकुल माने जाने वाले इस सांदीपनि आश्रम में श्री कृष्ण , बलराम और सुदामा के साथ यहां आए थे. 64 दिन यहां रुककर गुरु सांदीपनि से 64 विद्या 16 कलाओं का ज्ञान दिया था. भगवान श्री कृष्ण ने 4 दिन में चार वेद , 6 दिन में छ: शास्त्र ,और 16 दिन में 16 कलाएं ,18 दिन में 18 पुराण , 20 दिन में गीता का ज्ञान कुल 64 दिन में सभी ज्ञान अर्जित किया था.

सरस्वती मां के आशीर्वाद की कामना से आते हैं बच्चे
सांदीपनि आश्रम में श्रद्धालु दर्शन के लिए तो आते ही हैं साथ ही मां सरस्वती का वरदान दिलाने की इच्छा से अभिभावक बच्चों को यहां लेकर आते हैं. उनसे स्लेट पर पूजन के साथ विद्यारंभ कराने की परम्परा का निर्वहन किया जाता है. सांदीपनि आश्रम में वह कुंड मौजूद है यहां कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपनी स्लेट को पानी से साफ करते थे. यहां भगवान कृष्ण की चरण पादुका भी बनी हुई है.

Last Updated : Jul 24, 2021, 10:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.