उज्जैन। जिले में लगातार कोविड-19 संक्रमण अपने घातक स्तर पर है. दो मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई. वहीं देर रात माधव नगर अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे मरीजों की जान पर बन आई है. दरअसल माधव नगर अस्पताल में 50 से अधिक मरीज ऐसे हैं, जो ऑक्सीजन के सपोर्ट पर हैं.
चरक अस्पताल से कराई गई व्यवस्था
देर रात अस्पताल प्रबंधक की सांस उस समय फूल गईं जब ऑक्सीजन मात्र आधे घंटे की ही बची थी. तत्काल उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को फोन पर सूचना दी गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर, सीएमएचओ सहित आला अधिकारी भी माधव नगर अस्पताल पहुंच गए. तत्काल चरक अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करवाई गई.
माधव नगर अस्पताल में कोरोना के 123 मरीज
माधव नगर अस्पताल में 123 मरीज भर्ती हैं. इनमें से 60 फीसदी मरीज को ऑक्सीजन दी जा रही है. बुधवार को आपूर्ति नहीं होने से देर रात करीब 12:00 बजे ऑक्सीजन की कमी होने लगी. केवल आधे घंटे तक मरीजों को दी जा सकती थी.
रोजाना छह लिक्विड और दो सौ जंबो सिलेंडर की जरूरत
अस्पताल में रोज लिक्विड गैस वाले छह और गैस वाले 200 जंबो सिलेंडर की जरूरत होती है. ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई अहमदाबाद से होती है. कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल को निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में दो घंटे का ऑक्सीजन बैकअप रिजर्व रखा जाए. इसका उपयोग बिना कलेक्टर की अनुमति के नहीं किया जाएगा. फिलहाल इस पूरे मामले में कोई भी अधिकारी मीडिया से बात करने से बच रहा है.
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मरीजों के परिजनों का कहना है कि हमारे सामने ही रात में आनन-फानन में सिलेंडर मंगवाए गए. यदि लगातार संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जाएगा तो ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी भी बढ़ती जाएगी. यह प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है.