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कोरोना ने निगल लिया पूरा परिवार! 9 दिनों में बारी-बारी थम गई सबकी 'सांसें'

कोरोना की चपेट में आने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. महज एक सप्ताह के भीतर पूरा परिवार खत्म हो गया.

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एक ही परिवार के चार लोगों की कोरोना से मौत
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Published : Apr 23, 2021, 12:54 PM IST

Updated : Apr 23, 2021, 4:07 PM IST

उज्जैन। शहर में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अगर सरकारी आकंड़ों की बात करें, तो एक अप्रैल से 22 अप्रैल तक 24 मौत कोरोना से हो चुकी है, लेकिन श्मशान में जल रही चिता के अनुसार ये आंकड़ें करीब 8 गुना ज्यादा है, जिनको संदिग्ध या संक्रमित होने के बाद भी नेगेटिव बताकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. शहर में ऐसे ही आदर्श विक्रमनगर निवासी शासकीय शिक्षिका मंजुला जैन, बिजली विभाग से सेवानिवृत्त पति संतोष जैन, बेटी और देवास में रहने वाले संतोष जैन के पिता की कोरोना से मौत हो गई. महज एक सप्ताह के भीतर पूरा परिवार खत्म हो गया. घर की देखरेख तक करने वाला कोई नहीं बचा. मृतक के दोस्त भी संक्रमित है. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की है.

Deceased Santosh Jain
मृतक संतोष जैन


तीन अप्रैल को संतोष जैन के पिता का कोरोना संक्रमित होने की वजह से देवास में निधन हो गया. उज्जैन आने के बाद आठ अप्रैल को मंजुला जैन को बुखार आया. जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन दो दिन बाद यानी 10 अप्रैल को मंजुला का निधन हो गया. उनके अंतिम संस्कार के बाद संतोष जैन की तबीयत खराब हुई. इसके बाद पिता और बेटी ने सैंपल दिया, तो दोनों पॉजिटिव आए. संतोष जैन को निजी अस्पताल में एडमिट किया गया, जबकि बेटी को देवास के अस्पताल में भर्ती किया गया. इस बीच 16 अप्रैल को संतोष का निधन हो गया. 19 अप्रैल को बेटी ने भी दम तोड़ दिया. तीनों का प्रशासन ने ही कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार कर दिया.

कोरोना की चपेट में आने से परिवार के चार सदस्यों की मौत


एमपी : कोरोना मरीज की तीन बार मौत, दो बार जिंदा निकला, तीसरी बार सच हुई घोषणा

सिक्यूरिटी गार्ड कर रहे हैं घर की रखवाली

इस परिवार के घर की देखरेख करने वाला तक अब कोई नहीं, ऐसे में दूर के कुछ रिश्तेदारों ने उनके घर के बाहर सुरक्षा गार्ड को लगाया है और नीदरलैंड में बसी इनकी एक और बेटी को जानकारी दे दी है. दामाद, बेटी जब तक नहीं आते घर पर सिक्यूरिटी गार्ड सुरक्षा करेंगे.


1741 लोग जेल में, 1792 पर 3 लाख से अधिक का लगा जुर्माना
शहर में कोरोना संक्रमण जिस तरह से फैला है, उसको देखते हुए ऑक्सीजन, बेड और दवाई की मारामारी मची हुई है. इसके बाद भी लोग है कि मानने को तैयार ही नहीं है. एक अप्रैल से 22 अप्रैल तक जिला प्रशासन ने मास्क नहीं लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें खुली जेल और स्पॉट फाइन का प्रावधान रखा गया था.

  • 1 अप्रैल को 845 लोग जेल गए. 324 पर स्पॉट फाइन 67300 रुपए का लगा
  • 3 अप्रैल को 224 जेल गए. 258 पर स्पॉट फाइन 60900 रुपए का लगा
  • 6 अप्रैल को 228 जेल गए. 244 पर स्पॉट फाइन 48800 रुपए का लगा
  • 7 अप्रैल को 160 जेल गए. 271 पर स्पॉट फाइन 57200 रुपए का लगा
  • 8 अप्रैल को 147 जेल गए. 248 पर स्पॉट फाइन 49600 रुपए का लगा
  • 9 अप्रैल को 74 जेल गए. 83 पर स्पॉट फाइन 16600 रुपए का लगा
  • 13 अप्रैल को 35 जेल गए. 61 पर स्पॉट फाइन 12200 रुपए का लगा
  • 14 अप्रैल को 28 जेल गए. 104 पर स्पॉट फाइन 20800 रुपए का लगा
  • 20 अप्रैल को 26 पर स्पॉट फाइन 5200 रुपए लगा
  • 21 अप्रैल को 84 पर स्पॉट फाइन 21900 रुपए लगा
  • 22 अप्रैल को 89 पर स्पॉट फाइन 21800 रुपए लगा

उज्जैन। शहर में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अगर सरकारी आकंड़ों की बात करें, तो एक अप्रैल से 22 अप्रैल तक 24 मौत कोरोना से हो चुकी है, लेकिन श्मशान में जल रही चिता के अनुसार ये आंकड़ें करीब 8 गुना ज्यादा है, जिनको संदिग्ध या संक्रमित होने के बाद भी नेगेटिव बताकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. शहर में ऐसे ही आदर्श विक्रमनगर निवासी शासकीय शिक्षिका मंजुला जैन, बिजली विभाग से सेवानिवृत्त पति संतोष जैन, बेटी और देवास में रहने वाले संतोष जैन के पिता की कोरोना से मौत हो गई. महज एक सप्ताह के भीतर पूरा परिवार खत्म हो गया. घर की देखरेख तक करने वाला कोई नहीं बचा. मृतक के दोस्त भी संक्रमित है. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की है.

Deceased Santosh Jain
मृतक संतोष जैन


तीन अप्रैल को संतोष जैन के पिता का कोरोना संक्रमित होने की वजह से देवास में निधन हो गया. उज्जैन आने के बाद आठ अप्रैल को मंजुला जैन को बुखार आया. जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन दो दिन बाद यानी 10 अप्रैल को मंजुला का निधन हो गया. उनके अंतिम संस्कार के बाद संतोष जैन की तबीयत खराब हुई. इसके बाद पिता और बेटी ने सैंपल दिया, तो दोनों पॉजिटिव आए. संतोष जैन को निजी अस्पताल में एडमिट किया गया, जबकि बेटी को देवास के अस्पताल में भर्ती किया गया. इस बीच 16 अप्रैल को संतोष का निधन हो गया. 19 अप्रैल को बेटी ने भी दम तोड़ दिया. तीनों का प्रशासन ने ही कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार कर दिया.

कोरोना की चपेट में आने से परिवार के चार सदस्यों की मौत


एमपी : कोरोना मरीज की तीन बार मौत, दो बार जिंदा निकला, तीसरी बार सच हुई घोषणा

सिक्यूरिटी गार्ड कर रहे हैं घर की रखवाली

इस परिवार के घर की देखरेख करने वाला तक अब कोई नहीं, ऐसे में दूर के कुछ रिश्तेदारों ने उनके घर के बाहर सुरक्षा गार्ड को लगाया है और नीदरलैंड में बसी इनकी एक और बेटी को जानकारी दे दी है. दामाद, बेटी जब तक नहीं आते घर पर सिक्यूरिटी गार्ड सुरक्षा करेंगे.


1741 लोग जेल में, 1792 पर 3 लाख से अधिक का लगा जुर्माना
शहर में कोरोना संक्रमण जिस तरह से फैला है, उसको देखते हुए ऑक्सीजन, बेड और दवाई की मारामारी मची हुई है. इसके बाद भी लोग है कि मानने को तैयार ही नहीं है. एक अप्रैल से 22 अप्रैल तक जिला प्रशासन ने मास्क नहीं लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें खुली जेल और स्पॉट फाइन का प्रावधान रखा गया था.

  • 1 अप्रैल को 845 लोग जेल गए. 324 पर स्पॉट फाइन 67300 रुपए का लगा
  • 3 अप्रैल को 224 जेल गए. 258 पर स्पॉट फाइन 60900 रुपए का लगा
  • 6 अप्रैल को 228 जेल गए. 244 पर स्पॉट फाइन 48800 रुपए का लगा
  • 7 अप्रैल को 160 जेल गए. 271 पर स्पॉट फाइन 57200 रुपए का लगा
  • 8 अप्रैल को 147 जेल गए. 248 पर स्पॉट फाइन 49600 रुपए का लगा
  • 9 अप्रैल को 74 जेल गए. 83 पर स्पॉट फाइन 16600 रुपए का लगा
  • 13 अप्रैल को 35 जेल गए. 61 पर स्पॉट फाइन 12200 रुपए का लगा
  • 14 अप्रैल को 28 जेल गए. 104 पर स्पॉट फाइन 20800 रुपए का लगा
  • 20 अप्रैल को 26 पर स्पॉट फाइन 5200 रुपए लगा
  • 21 अप्रैल को 84 पर स्पॉट फाइन 21900 रुपए लगा
  • 22 अप्रैल को 89 पर स्पॉट फाइन 21800 रुपए लगा
Last Updated : Apr 23, 2021, 4:07 PM IST
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