उज्जैन। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार लंबे समय से बंद स्कूलों को दीवाली बाद स्कूल खोलने की रणनीति तैयार होने की बात कही है, साथ ही उन्होंने प्रदेश में जल्द ही फीस एक्ट लागू होने की भी बात कही है. मंत्री इंदिर सिंह परमार, संघ प्रचारक रहे प्रभाकर केलकर की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्कूलों के विषय पर ये बात कही है.
मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि सभी जानते हैं कि विद्यालय कोरोना संकट के चलते बंद किये गए थे, लेकिन दीवाली के बाद समीक्षा बैठक की जाएगी. उन्होंने कहा कि बड़े व छोटे बच्चों के स्कूल किस खोले जाने पर रणनीति तैयार की जा रही है. साथ ही आगामी एडमिशन और ट्यूशन फीस को लेकर फीस एक्ट करने पर भी विचार हो रहा है.
कौन हैं प्रभाकर राव केलकर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर राव केलकर का दिनांक 30 अक्टूबर को 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उन्हें एक माह पहले ही कोरोना संक्रमण भी हुआ था, जिसके बाद से ही प्रभाकर पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाए थे. प्रभाकर केलकर के निधन की खबर मिलते ही शोक की लहर फैल गई, जिसके बाद से लगातार पांचवे दिन भी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लोग पहुंच रहे हैं.
काफी समय से हो रही है तैयारी
वर्तमान में प्रदेश में निजी स्कूलों व कोचिंग संस्थानों के लिए फीस व अन्य मनमानी को रोकने के लिए कोई नियम नहीं है. इसलिए फीस नियंत्रण अधिनियम लागू करना तय किया गया था, लेकिन अभी तक इसका कोई मसौदा सामने नहीं आया है. हालांकि अब स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान के बाद एक बार फिर से फीस एक्ट के आने की संभावना बढ़ गई है.
क्या होगा फायदा
कोरोना काल में स्कूलों के बंद रहने के बावजूद भी अविभावकों को स्कूलों को मोटी रकम चुकानी पड़ी है, इसके बाद से ही स्कूलों में फीस के नियंत्रण के लिए किसी कानून के लिए मांग उठने लगी थी. अगर प्रदेश में कोई ऐसा कानून आता है, तो स्कूलों की फीस पर सरकार का दखल बढ़ जाएगा और संभावना है कि शिक्षा जैसी मूल सुविधा के लिए मोटी रकम नहीं चुकानी पड़ेगी.