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शारदीय नवरात्र का पहला दिन: विश्वप्रसिद्ध हरसिद्धी मंदिर में उमड़ें श्रद्धालु, कोरोना के चलते कई प्रतिबंध - Harsiddhi Temple ujjain

देश की 52 शक्तिपीठों में शामिल उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों का तांता लगा रहा. हालांकि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में घंटी बजाने, फूल-प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

Harsiddhi Temple ujjain
हरसिद्धी मंदिर
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Published : Oct 17, 2020, 1:11 PM IST

उज्जैन। कोरोना संक्रमण के बीच शासन ने नवरात्र पर्व के दौरान गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिरों में श्रद्धालुओं को आने-जाने की इजाजत दी है. ऐसे में शारदीय नवरात्र के दौरान विश्व प्रसिद्ध हरसिद्धी मंदिर में दूर-दूर भक्त पहुंच रहे हैं. नवरात्र के आरंभ होते ही शक्तिपीठ नगरी उज्जैन के माता मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालु माता के दर्शन दूर से ही कर पाएंगे. इस दौरान मंदिर में घंटी बजाने, फूल-प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

हरसिद्धी मंदिर में लगा भक्तों का तांता

उज्जैन का माता हरसिद्धि मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में माना जाता है. शास्त्रों में प्रचलित कथा के मुताबिक उज्जैन के इस जगह पर सती माता की दाएं हाथ की कोहनी गिरी थी, जिसके चलते शक्ति पीठ की आराधना का बड़ा केंद्र माना गया है.

करीब चार साल पुराने इस मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. यही वजह है कि माता के दरबार में नवरात्रि पर भक्तों का मेला लगता है. पुजारियों के मुताबिक माता हरसिद्धि का मंदिर शक्ति पीठ होने की वजह से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है.

ये भी पढ़ें- नवरात्रि विशेष: जानें मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी मंदिर की विशेषता, यहां पूरी होती हर मुराद

नवरात्रि में माता हरसिद्धि के दरबार में 9 दिन तक विशेष पूजन-पाठ चलते हैं. माना जाता है कि माता हरसिद्धि अपने दरबार में आने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं. इस नवरात्रि में कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं की संख्या कम है. वहीं मंदिर समिति ने विशेष तैयारियां की हैं, जिसके तहत प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की मशीन लगाई गई है. घंटी बजाने पर रोक रखी गई है, माता के दर्शन दूर से कराए जा रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

उज्जैन। कोरोना संक्रमण के बीच शासन ने नवरात्र पर्व के दौरान गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिरों में श्रद्धालुओं को आने-जाने की इजाजत दी है. ऐसे में शारदीय नवरात्र के दौरान विश्व प्रसिद्ध हरसिद्धी मंदिर में दूर-दूर भक्त पहुंच रहे हैं. नवरात्र के आरंभ होते ही शक्तिपीठ नगरी उज्जैन के माता मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालु माता के दर्शन दूर से ही कर पाएंगे. इस दौरान मंदिर में घंटी बजाने, फूल-प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

हरसिद्धी मंदिर में लगा भक्तों का तांता

उज्जैन का माता हरसिद्धि मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में माना जाता है. शास्त्रों में प्रचलित कथा के मुताबिक उज्जैन के इस जगह पर सती माता की दाएं हाथ की कोहनी गिरी थी, जिसके चलते शक्ति पीठ की आराधना का बड़ा केंद्र माना गया है.

करीब चार साल पुराने इस मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. यही वजह है कि माता के दरबार में नवरात्रि पर भक्तों का मेला लगता है. पुजारियों के मुताबिक माता हरसिद्धि का मंदिर शक्ति पीठ होने की वजह से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है.

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नवरात्रि में माता हरसिद्धि के दरबार में 9 दिन तक विशेष पूजन-पाठ चलते हैं. माना जाता है कि माता हरसिद्धि अपने दरबार में आने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं. इस नवरात्रि में कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं की संख्या कम है. वहीं मंदिर समिति ने विशेष तैयारियां की हैं, जिसके तहत प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की मशीन लगाई गई है. घंटी बजाने पर रोक रखी गई है, माता के दर्शन दूर से कराए जा रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

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