उज्जैन। शहर में 100 से अधिक मजदूरों की अवैध बनी झोपड़ियों को उज्जैन विकास प्राधिकरण की टीम ने हटा दिया. उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ की देखरेख में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. यह सभी मजदूर झाबुआ, अलीराजपुर और रतलाम के है. जो उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ सुजान सिंह रावत के अनुसार 100 से अधिक लोग विकास प्राधिकरण के 10 प्लाट पर कब्जा जमाए बैठे थे. इनकी दिन पर दिन संख्या बढ़ने लगी तो, गुरुवार को टीम ने सब झोपड़ियों को हटा दिया.
- प्राधिकरण बनवाएगा पार्क
उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ सुजान सिंह रावत ने मीडिया को अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस्कॉन मंदिर के पास उज्जैन विकास प्राधिकरण के 10 प्लाट है. जहां रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर के मजदूर ने डेरा जमा लिया था. 100 अधिक अवैध झोपड़ियां यहां मजदूरों ने बना ली थी. यह एरिया भरतपुर ही प्रशासनिक क्षेत्र के अंतर्गत ही आता है और उसी के पास उज्जैन विकास प्राधिकरण आईटी पार्क डिवेलप करने की तैयारी में है. अन्य प्लाट पर नए प्रोजेक्ट लाने की तैयारी चल रही है. जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है.
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- करोड़ों रुपए की जमीन पर मजदूरों ने किया कब्जा
देवास रोड स्थित भरतपुर ई-प्रशासनिक क्षेत्र की भूमि पर दिसंबर 2005 में आईटी पार्क बनाने के लिए इस्कॉन मंदिर की सहयोगी संस्था को भूखंड क्रमांक 23 आबंटित किया गया था. संस्था को 1 साल के अंदर भवन अनूज्ञा को तीन साल में एक लाख वर्ग फीट तक निर्माण कार्य पूरा करना था. जिसके बाद ही दूसरे चरण का कार्य संभव था. संस्था ने जब कार्य को पूरा नहीं किया तो उसे नोटिस दिया गया और यह कार्रवाई करीब 13 से 14 साल पहले तक यूं ही अटकी पड़ी रही. इसके बाद दिसंबर 2020 में संस्था का आबंटन निरस्त कर दिया गया. आबंटन निरस्तीकरण के खिलाफ ने कोर्ट से स्थगनादेश लिया. जिसे कोर्ट ने बाद में खारिज कर दिया. उज्जैन विकास प्राधिकरण ने दोबारा भूमि पर अपना कब्जा कर लिया.