उज्जैन। कोरोना की दूसरी लहर लोगों के लिए काल बनकर ऐसी आई कि एक के बाद एक पांच दिन के अंतराल में मां और उनकी दो बेटियां जिंदगी की लड़ाई हार गई. तीनों एक दूसरे से कोरोना संक्रमित हुए और 19 अप्रेल को मां की उसके बाद अगले ही दिन 20 अप्रैल को बड़ी बेटी की और उसके तीन दिन बाद यानी 23 अप्रैल को छोटी बेटी की भी कोरोना से मौत हो गयी. अब घर में सिर्फ एक छोटा भाई बचा है और वो भी संक्रमित था लेकिन अब नेगिटिव रिपोर्ट आने के बाद परिवार में वह अकेला ही गया है.
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ऐसे संक्रमित हुई और फिर मौत
उज्जैन अपने पति को पहले ही खो चुकी 55 वर्षीय महिला अपनी बहन के पास शाजापुर से आयी थी जिन्हें गले में खराश और सर्दी के सिन्टैम्स थे. उनके जाने के बाद महिला को भी सर्दी खासी होने लगी. जिसके बाद उन्हें आरडी गार्डी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके बाद अपनी मां की हालत बिगड़ते देख और अपने भाई को उज्जैन में अकेला पाकर महिला की दोनों बेटी अपने अपने ससुराल इंदौर से मां की सेवा के लिए उज्जैन मां के घर आ गयी. माँ की सेवा करने में बेटी कब पॉजिटिव हो गयी पता ही नहीं चला और इस बीच अस्पताल में उनकी बढ़ी बेटी को भी भर्ती कराया गया लेकिन 19 अप्रैल को उनकी मां की आरडी गार्डी में मौत हो गई. इसके बाद अगले ही दिन 20 अप्रैल को महिला की बढ़ी बेटी की तबियत बिगड़ी और उज्जैन में ही मौत हो गई.
रिपोर्ट की गड़बड़ में उलझकर हुई तीसरी मौत
महिला की छोटी बेटी ने भी 19 अप्रैल को जांच करवाई तो रिपोर्ट नेगेटिव आयी. लेकिन छोटी बेटी को सर्दी खांसी बनी हुई थी. 19 और 20 अप्रैल को घर में हुई दो मौतों के बाद और छोटी बेटी की रिपोर्ट नेगेटिव की जानकारी के बाद उसके पति उसे इंदौर से उज्जैन लेने आ गये. इंदौर पंहुचते ही छोटी बेटी को बुखार आने लगा. जिसके बाद 22 अप्रैल को इंदौर में आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया तो पॉजिटिव निकली और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. इंदौर के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 23 अप्रैल को तीसरी मौत कोरोना की वजह से हो गई. अब उस घर में अपनी मां और दो बहनों को खोकर एक 22 वर्षीय बेटा ही घर में अकेला बचा है.