उज्जैन। मध्यप्रदेश के दूसरे जिलों के साथ बाबा महाकाल की नगरी में भी कोरोना जमकर कहर मचा रहा है. उज्जैन में शुक्रवार को 43 मरीज कोरोना पॉजिटिव मिले. वहीं दो नर्सों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने से हड़कंप मचा हुआ है. जिसको लेकर सभी डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी सिविल सर्जन के कार्यालय पहुंचे.
उज्जैन में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों और उसमें दो नर्सों के पॉजिटिव होने की खबर के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी परेशान हो गए. सभी ने जिला अस्पताल में व्यवस्था ना होने का हवाला देते हुए डॉक्टर्स, नर्स, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने मिलकर प्रदर्शन किया. दरअसल जिला अस्पताल में आज 2 नर्सों को कोरोना वायरस पॉजिटिव आया है. जिसके चलते सभी डरकर सुरक्षा की मांग करने लगे.
सिविल सर्जन ने कहा कि जिला चिकित्सालय में सैकड़ों की संख्या में मरीज यहां पहुंचते हैं, उसमें से कई लोगों को कोरोना संक्रमण होने की आशंका होती है. ऐसे में उज्जैन के सिविल अस्पताल में ना तो डॉक्टर और नर्सों को पीपीई किट दिया गया है. न ही कोई सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. वहीं जिला चिकित्सालय को 12 घंटे में सेनिटाइज किया जाना चाहिए, जो नहीं किया जा रहा है. कोरोना का सबसे पहले पेशेंट इमरजेंसी में ही आता है, जिसे डॉक्टर द्वारा देखा जाता है. कई दिनों तक मरीज इसी अस्पताल में भर्ती रहता है. दूसरे मरीज को नर्सं देखती हैं. कई दिनों बाद मालूम पड़ता है. वह मरीज कोरोना पॉजिटिव है. सभी ने पीपीई किट और होटल या लॉज की व्यवस्था करने की मांग की है. जिससे हमारे घर वालों को बीमारी से बचाया जा सके. बता दें उज्जैन में आज 43 कोरोना मरीज मिलने के बाद आंकड़ा 102 पहुंच गया है. वहीं 11 मरीजों की मौत भी हो चुकी है.