उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि मंदिर व श्री महाकाल महालोक परिसर की स्वच्छता को इंदौर से भी बेहतर बनाने पर काम करें. इसके साथ ही वीआईपी दर्शन के कारण आम दर्शन बाधित न हों, यह सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि श्री महाकाल महालोक के प्रथम एवं द्वितीय चरण में तैयार होने वाले लेजर शो को इतना आकर्षक बनाया जाए, जिससे लोग उसको रुककर देखें. मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी संग्रहालय के बैठक कक्ष में 778.86 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे श्री महाकाल महालोक के द्वितीय चरण के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान इस प्रकार के निर्देश दिए.
अगले माह बड़ा मौका है, इसे भुनाएं : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि श्री महाकाल महालोक परियोजना दिनोंदिन लोकप्रिय होती जा रही है. इस लोकप्रियता में चार चांद लगाने एवं उज्जैन की छवि विश्वभर में लोकप्रिय करने का दुर्लभ अवसर जनवरी-2023 में आ रहा है. इस अवसर का लाभ लेकर हमें अमेरिका, इंगलैंड सहित अन्य यूरोपीय देशों में उज्जैन की छवि को लोकप्रिय करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2023 में इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट एवं जी-20 देशों के सदस्यों की अध्यक्षता के कार्यक्रम को करने का अवसर मध्य प्रदेश को मिल रहा है. इस अवसर पर बड़ी तादाद में विदेशी डेलीगेट्स, देश के उद्योगपति व मीडिया के लोग इदौर के साथ ही श्री महाकाल महालोक आने के लिये इच्छुक हैं.
जनप्रतिनिधियों व बुद्धिजीवियों से बात करें : सीएम ने कहा कि हमें उज्जैन की सेवा, समर्पण व यहां की अतिथि सत्कार की परंपरा को लेकर नई छवि का निर्माण करना है, जिससे लोग बाहर जाकर उज्जैन के बारे में सकारात्मक चर्चा करें और श्री महाकाल महालोक आने के लिये अन्य लोगों को प्रेरित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिये जनप्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों के साथ वे स्वयं आकर चर्चा कर वातावरण बनाएंगे. बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि एक-एक कर द्वितीय चरण के अधिकांश कार्य जून-2023 में पूरे कर लिए जाएंगे.
कलेक्टर ने होने वाले कार्यों की डिटेल्स दी : कलेक्टर ने सभी कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि द्वितीय चरण में महाराजवाड़ा परिसर का उन्नयन तथा हैरिटेज धर्मशाला के पुनःउपयोग का कार्य, महाराजवाड़ा बेसमेंट पार्किंग एवं वेण्डर क्षेत्र का निर्माण, नीलकंठ वन मार्ग का विकास, नीलकंठ वन का विकास, रुद्र सागर पुनरुद्धार एवं छोटा रुद्र सागर लेकफ्रंट का निर्माण, रुद्र सागर पर पैदल पुल का निर्माण, शिखर दर्शन, आपातकालीन प्रवेश तथा निर्गम मार्ग, लेजर एवं वाटर स्क्रीन शो, श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भूमिगत प्रतीक्षालय, श्री महाकालेश्वर मन्दिर परिसर का फसाड, नन्दी हॉल का सौंदर्यीकरण, महाकालेश्वर मन्दिर परिसर में महाराजवाड़ा परिसर का सम्मिलन, श्री महाकाल लोक स्थित स्टेचू प्लांटर का संरक्षण आदि कार्य शामिल हैं.
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दूसरे चरण पर खर्च होंगे 778 करोड़ रुपये : द्वितीय चरण के उक्त सभी निर्माण कार्यों की कुल लागत 778 करोड़ रुपये है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि प्रथम चरण के 351.55 करोड़ एवं लोकार्पण के पूर्व के 44.32 करोड़ के कार्यों (नूतन स्कूल, गणेश नगर स्कूल, सौर ऊर्जा संयंत्र एवं फर्नीचर) सहित परियोजना के दोनों चरणों की लागत 1174.73 करोड़ रुपये है. समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, विधायक बहादुरसिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल, आईजी संतोष कुमार सिंह, डीआईजी अनिल कुशवाह, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, नगर निगम आयुक्त रोशन सिंह, जिला अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, जगदीश अग्रवाल व कई अधिकारी मौजूद थे रहे.