MP Man Bicycle Campaign: एमपी के नर्मदापुरम के रहने वाले सुरेंद्र बामने ने महिलाओं को जागरुक करने के लिए 'पैडमैन' बनकर साइकिल यात्रा पर निकले हैं. जिसमें वे अलग-अलग गांव में पहुंचकर महिलाओं को सैनिटरी पैड के बारे में जागरुक कर रहे हैं. उनकी यह यात्रा अक्षय की फिल्म 'पैडमैन' की याद दिला देती है. इस फिल्म में भी अक्षय कुमार ने ऐसे ही महिलाओं को सैनिटरी पैड के बारे में जागरुक करने का बीड़ा उठाया था और इसमें उन्हें सफलता मिली थी. ऐसी ही कुछ उम्मीद लेकर यह शख्स साइकिल यात्रा कर रहा है.
कौन हैं सुरेन्द्र बामने: नर्मदापुरम के केसला ब्लॉक के ग्राम अमराई के रहने वाले हैं सुरेन्द्र बामने. सुरेन्द्र के पिता मजदूरी करते हैं और मां नहीं हैं.वहीं वे दर्शनशास्त्र से एमए कर रहे हैं. सुरेन्द्र बामने महिलाओं को उनके अधिकारों ओर उनसे जुड़े विषयों को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के सभी जिले के लिए साइकिल यात्रा पर निकले हैं. सुरेन्द्र ने 6 दिसंबर 2023 को नर्मदापुरम से साइकिल यात्रा की शुरुआत की थी और गुरुवार को 23 वें दिन उज्जैन पहुंचे.ये उनका 12वां जिला है.
क्यों की ये शुरुआत: सुरेंद्र बामने बताते हैं कि उसे एक हादसा बार-बार याद आता है. ट्रेन में सफर के दौरान उसने एक महिला को पीरियड्स आने पर सैनिटरी पैड के लिए परेशान होते देखा. तब उसने अपने बैग से बनियान देकर महिला की मदद की थी. और वही समस्या उसने अपने गांव में भी देखी. बस उसी समय से ठान लिया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलकर इस समस्या से अवगत करवाना है जिससे संपूर्ण मध्य प्रदेश में नारी को यह खास सम्मान मिल सके और आसानी से उसे जरूरत पड़ने पर जगह-जगह निःशुल्क पैड मिल सकें.
अब तक कितने जिले: सुरेन्द्र ने नर्मदापुरम से यात्रा की शुरूआत की थी. हरदा, खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार और इंदौर होते हुए देवास और उज्जैन की यात्रा हो चुकी है. ये 12वां जिला है अब यहां से रतलाम के लिए यात्रा होगी. सुरेन्द्र बामने महिलाओं को उनके अधिकारों ओर उनसे जुड़े विषयों को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के सभी जिले के लिए साइकिल यात्रा पर निकले हैं. जिस साइकिल से सुरेंद्र निकला है उसे उसके दोस्तों ने गिफ्ट की है और उसी नई साइकिल से उसने यात्रा को शुरू किया था.
क्या कहना है सुरेन्द्र का: सुरेंद्र का कहना है कि अब तक मुख्यमंत्री से उन्हें समय नहीं मिला है जैसे ही मुख्यमंत्री से समय मिलेगा वह मुख्यमंत्री के पास पहुंचेंगे. जब तक सीएम से समय नहीं मिलता वह यात्रा करते रहेंगे. यात्रा का समापन सीएम हाउस में ही होगा. उनका कहना है कि पूर्व में शिवराज सरकार को इस समस्या से उन्होंने अवगत करवाया था लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई अब नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से उनको आशा है. सुरेन्द्र ने बताया वह हर रोज 35 से 40 किलोमीटर साइकिल चलाता है. देर शाम होने पर रहने-खाने की व्यवस्था राह चलते लोग कर देते हैं.