भोपाल। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है. 2 दिन पूर्व ही मध्य प्रदेश के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज किया था. वहीं रविवार को मौलाना आजाद टेक्निकल एजुकेशन मैनिट भोपाल के 2 कर्मचारियों पर मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए कार्यवाही की है. मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस ने वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की एक्सपर्ट कमेटी की एनओसी जारी करने के बदले डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते मैनिट के प्रोफेसर आलोक मित्तल और एक कंसलटेंट गोपी कृष्ण को रंगेहाथ पकड़ा है. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
क्या है पूरा मामला: लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी सलिल शर्मा ने बताया कि ''प्रमिला रिछारिया ने 12 जनवरी को भोपाल लोकायुक्त पुलिस से रिश्वत मांगने की शिकायत की थी. प्रमिला भोपाल के बावड़िया कला में रहती हैं, उन्होंने बताया कि शिवपुरी में उनका मेडिकल वेस्ट का प्लांट निर्माण प्रस्तावित है. प्लाट निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी में विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक मित्तल हैं'', शिकायतकर्ता ने बताया कि ''मित्तल ने कंसलटेंट गोपी कृष्ण मिश्रा के माध्यम से 7 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. जिसकी पहली किस्त के रूप में डेढ़ लाख रुपये मांगे गए हैं''.
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लोकायुक्त ने योजना बनाकर आरोपियों को किया गिरफ्तार: इस संबंध में शिकायतकर्ता प्रमिला रिछारिया आरोपी आलोक मित्तल से मिली और बात की. इसके बाद मित्तल ने पहले टेस्ट के रुप में डेढ़ लाख रुपये की मांग की. इस शिकायत के सत्यापन के बाद लोकायुक्त पुलिस ने योजना बनाई और रविवार को शिकायतकर्ता को पैसे लेकर भेजा. पीछे से लोकायुक्त की टीम भी वहीं पहुंज गई और आरोपी कंसलटेंट गोपी कृष्ण मिश्र और मैनिट प्रोफेसर आलोक मित्तल को रिश्वत के डेढ़ लाख रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.