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बसंत पंचमी में बन रहा दुर्लभ संयोग, मां सरस्वती की पूजा के बाद जरूर करें ये काम, होगा लाभ ही लाभ - सरस्वती पूजा विधि

Basant panchami 2024: 14 फरवरी, बुधवार को बसंत पंचमी है. इस दिन सरस्वती पूजा के साख एक विशेष योग भी बन रहा है. ऐसे में कोई भी विशेष कार्य अगर आप शुरू करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं उसमें सफलता जरूर मिलेगी.

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बसंत पंचमी 2024
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 1:47 PM IST

Updated : Jan 6, 2024, 2:32 PM IST

Basant Panchami Kab Hai: ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना का महापर्व बसंत पंचमी (Basant panchami 2024) इस वर्ष विशेष संयोग लेकर आ रहा है. विद्यार्थियों से लेकर हर उम्र वर्ग का व्यक्ति बसंत पंचमी पर बन रहे इस खास योग का लाभ उठा सकता हैं. माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और इसी दिन को मां सरस्वती के जन्म से जोड़कर देखा जाता है.

बसंत पंचमी कब है?

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, ''इस साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को दोपहर के 2:41 से शुरू हो जाएगी और फिर 14 फरवरी को दोपहर 12:09 बजे पर समाप्त होगी. वैसे भी उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को ही मनाई जाएगी, और इसी दिन माता सरस्वती की पूजा की जाएगी.

मां सरस्वती की पूजा का मुहूर्त?

बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था और इसी दिन उनके जन्मोत्सव को भी बड़े उत्साह धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है. वीणावादिनी माता सरस्वती की पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ''इस बार सरस्वती पूजा के लिए दिन में 7:00 बजे सुबह से 12:30 तक शुभ मुहूर्त है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ कर सकते हैं, जिससे लाभ ही लाभ होगा.''

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ऐसे करें सरस्वती पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जो भी व्यक्ति अथवा विद्यार्थी सरस्वती मां की पूजा इस दिन विधि विधान से करना चाहते हैं, वे निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन कर सकते हैं.

  • सबसे पहले सुबह स्नान करके आम के बौर और लाल व सफेद फूल ले आएं.
  • इसके बाद सफेद कपड़ा बिछा लें, मां सरस्वती वीणा वादिनी की मूर्ति रखें.
  • मूर्तिस्नान कर धूप-दीप नैवेद्य चढ़ाएं, आरती करें और सरस्वती जी का एक माला जाप करें.
  • माता सरस्वती को पीला चंदन जरूर लगाएं और विद्यार्थी उस पीले चंदन को अपने मस्तक पर भी लगाएं, यह चंदन मस्तिष्क से मिलकर विद्या का योग बनाएगा, याददाश्त बढ़ेगी और विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन लगेगा.

बसंत पंचमी पर बन रहा ये खास योग

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला के मुताबिक ''14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन एक विशेष योग भी बन रहा है. इस दिन रवि योग और रेवती नक्षत्र का एक बड़ा संयोग बन रहा है, जिससे कोई भी कार्य अगर आप शुरू करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं. उसमें सफलता जरूर मिलेगी. इस शुभ समय पर किसी काम की शुरुआत करते हैं तो इसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे, लंबे समय तक शुभ ही शुभ होगा. रवि योग सुबह 10:43 से अगले दिन सुबह 7:00 तक रहेगा, तो वहीं रेवती नक्षत्र सुबह 10:43 तक रहेगा. इस तरह से रवि योग और रेवती नक्षत्र का संयोग जो बन रहा है इस शुभ अवसर का लोग लाभ उठा सकते हैं.

बसंत पंचमी पर क्या होता है?

बसंत पंचमी के दिन शिक्षा या कला के क्षेत्र से जुड़े लोग और विद्यार्थी खासतौर पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं. मान्यता है कि अगर इस दिन से शिक्षा प्रारंभ की जाए तो काफी शुभ रहता है. इस दिन विद्या आरंभ संस्कार भी किया जाता है, जिससे व्यक्ति बुद्धिमान और ज्ञानी बनता है. मां सरस्वती को संगीत कला की जननी माना गया है, इसलिए कभी भी कला संगीत शिक्षा या किसी भी कार्य की शुरुआत करते हैं तो मां सरस्वती की पूजा करने की परंपरा है.

Basant Panchami Kab Hai: ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना का महापर्व बसंत पंचमी (Basant panchami 2024) इस वर्ष विशेष संयोग लेकर आ रहा है. विद्यार्थियों से लेकर हर उम्र वर्ग का व्यक्ति बसंत पंचमी पर बन रहे इस खास योग का लाभ उठा सकता हैं. माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और इसी दिन को मां सरस्वती के जन्म से जोड़कर देखा जाता है.

बसंत पंचमी कब है?

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, ''इस साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को दोपहर के 2:41 से शुरू हो जाएगी और फिर 14 फरवरी को दोपहर 12:09 बजे पर समाप्त होगी. वैसे भी उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को ही मनाई जाएगी, और इसी दिन माता सरस्वती की पूजा की जाएगी.

मां सरस्वती की पूजा का मुहूर्त?

बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था और इसी दिन उनके जन्मोत्सव को भी बड़े उत्साह धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है. वीणावादिनी माता सरस्वती की पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ''इस बार सरस्वती पूजा के लिए दिन में 7:00 बजे सुबह से 12:30 तक शुभ मुहूर्त है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ कर सकते हैं, जिससे लाभ ही लाभ होगा.''

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ऐसे करें सरस्वती पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जो भी व्यक्ति अथवा विद्यार्थी सरस्वती मां की पूजा इस दिन विधि विधान से करना चाहते हैं, वे निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन कर सकते हैं.

  • सबसे पहले सुबह स्नान करके आम के बौर और लाल व सफेद फूल ले आएं.
  • इसके बाद सफेद कपड़ा बिछा लें, मां सरस्वती वीणा वादिनी की मूर्ति रखें.
  • मूर्तिस्नान कर धूप-दीप नैवेद्य चढ़ाएं, आरती करें और सरस्वती जी का एक माला जाप करें.
  • माता सरस्वती को पीला चंदन जरूर लगाएं और विद्यार्थी उस पीले चंदन को अपने मस्तक पर भी लगाएं, यह चंदन मस्तिष्क से मिलकर विद्या का योग बनाएगा, याददाश्त बढ़ेगी और विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन लगेगा.

बसंत पंचमी पर बन रहा ये खास योग

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला के मुताबिक ''14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन एक विशेष योग भी बन रहा है. इस दिन रवि योग और रेवती नक्षत्र का एक बड़ा संयोग बन रहा है, जिससे कोई भी कार्य अगर आप शुरू करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं. उसमें सफलता जरूर मिलेगी. इस शुभ समय पर किसी काम की शुरुआत करते हैं तो इसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे, लंबे समय तक शुभ ही शुभ होगा. रवि योग सुबह 10:43 से अगले दिन सुबह 7:00 तक रहेगा, तो वहीं रेवती नक्षत्र सुबह 10:43 तक रहेगा. इस तरह से रवि योग और रेवती नक्षत्र का संयोग जो बन रहा है इस शुभ अवसर का लोग लाभ उठा सकते हैं.

बसंत पंचमी पर क्या होता है?

बसंत पंचमी के दिन शिक्षा या कला के क्षेत्र से जुड़े लोग और विद्यार्थी खासतौर पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं. मान्यता है कि अगर इस दिन से शिक्षा प्रारंभ की जाए तो काफी शुभ रहता है. इस दिन विद्या आरंभ संस्कार भी किया जाता है, जिससे व्यक्ति बुद्धिमान और ज्ञानी बनता है. मां सरस्वती को संगीत कला की जननी माना गया है, इसलिए कभी भी कला संगीत शिक्षा या किसी भी कार्य की शुरुआत करते हैं तो मां सरस्वती की पूजा करने की परंपरा है.

Last Updated : Jan 6, 2024, 2:32 PM IST
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