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राम मंदिर निर्माण के लिए बाबा महाकाल की भस्म, महाकाल वन मिट्टी और शिप्रा नदी का जल अयोध्या रवाना - शिप्रा नदी जल अयोध्या रवाना

आयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए नींव रखी जाएगी, जिसके लिए उज्जैन के पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा से महाकाल वन की मिट्टी, विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भस्मी और शिप्रा नदी का जल आयोध्या भेजा गया.

Baba Mahakal's Bhasma
बाबा महाकाल की भस्म अयोध्या भेजी गई
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Published : Jul 27, 2020, 1:19 PM IST

उज्जैन। राम मंदिर निर्माण शिलान्यास के लिए उज्जैन के पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा से महाकाल वन की मिट्टी, विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भस्मी और शिप्रा नदी का जल अयोध्या भेजा गया.

बाबा महाकाल की भस्म अयोध्या भेजी गई

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों ने मंत्रोच्चार के साथ भगवान महाकाल की भस्म आरती की भस्म, शिप्रा का जल और उज्जैन की मिट्ठी को एकत्रित कर मंत्र के साथ विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंपा जो अयोध्या के लिए रवाना हुए.

मान्यता है कि भगवान राम उज्जैन आए थे और उन्होंने शिप्रा नदी के घाट पर पूजा अर्चना की थी. जिसके बाद से ही शिप्रा नदी के एक घाट का नाम राम घाट पड़ा है. अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर बनने की शुरुआत होने जा रही है, जिसके लिए 5 अगस्त की तारीख शिलान्यास के लिए रखी गई है. इसके लिए उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी और 12 ज्योतिर्लिंगों से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में चढ़ने वाली भस्मी और बेल पत्र भी अयोध्या राम मंदिर की नींव पूजन के लिए पहुंचाया गया.

बता दें कि देश के करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, जिसके लिए 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचकर मंदिर की नींव रखेंगे. वहीं रविवार को बैतूल से ताप्ती नदी का जल और मिट्टी भी आयोध्या भेजी गई थी.

उज्जैन। राम मंदिर निर्माण शिलान्यास के लिए उज्जैन के पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा से महाकाल वन की मिट्टी, विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भस्मी और शिप्रा नदी का जल अयोध्या भेजा गया.

बाबा महाकाल की भस्म अयोध्या भेजी गई

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों ने मंत्रोच्चार के साथ भगवान महाकाल की भस्म आरती की भस्म, शिप्रा का जल और उज्जैन की मिट्ठी को एकत्रित कर मंत्र के साथ विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंपा जो अयोध्या के लिए रवाना हुए.

मान्यता है कि भगवान राम उज्जैन आए थे और उन्होंने शिप्रा नदी के घाट पर पूजा अर्चना की थी. जिसके बाद से ही शिप्रा नदी के एक घाट का नाम राम घाट पड़ा है. अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर बनने की शुरुआत होने जा रही है, जिसके लिए 5 अगस्त की तारीख शिलान्यास के लिए रखी गई है. इसके लिए उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी और 12 ज्योतिर्लिंगों से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में चढ़ने वाली भस्मी और बेल पत्र भी अयोध्या राम मंदिर की नींव पूजन के लिए पहुंचाया गया.

बता दें कि देश के करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, जिसके लिए 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचकर मंदिर की नींव रखेंगे. वहीं रविवार को बैतूल से ताप्ती नदी का जल और मिट्टी भी आयोध्या भेजी गई थी.

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