उज्जैन। आज 21 जून को साल का सबसे बड़ा और आखिरी सूर्यग्रहण पड़ रहा है. सूतक काल कल यानी 20 जून को रात नौ बजे से चल रहा है. इसी के चलते कल रात ही देश भर के सभी मंदिरों के पट बंद हो गए, लेकिन उज्जैन महाकाल मंदिर के दरबार अभी भी अपने दर्शनार्थियों के लिए खुले हुए हैं. सूतक काल में भगवान भस्म आरती के बाद धूप आरती भी की गई. हालांकि भगवान महाकाल की प्रतिमा को स्पष्ट करना इस दौरान वर्जित है. वहीं दूसरी ओर ग्रहण काल में भगवान महाकाल के दर्शन सुचारू रूप से जारी रहेंगे.
सूर्यग्रहण के दौरान भी बाबा महाकाल भक्तों को देंगे दर्शन
सूर्यग्रहण उज्जैन और मालवा क्षेत्र में 74 फीसदी देखा जा सकेगा. इसी दौरान देश भर के मंदिरों के पट सूतक काल लगने के दौरान बंद हो जाते हैं, लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के दरबार अपने भक्तों के लिए निरंतर खुले हुए हैं. सूतक काल में बाबा महाकाल की भस्म आरती और धूप आरती की गई. सुबह 8 बजे के बाद से ही लगातार भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन दे रहे हैं. वहीं दूसरी और ग्रहण काल के दौरान भी भगवान अपने भक्तों को दर्शन देंगे.
ये है कपाट खुले रहने का कारण
ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल कालों के काल हैं और उनका काल पर अधिपत्य है. इसी के चलते किरण के बुरे प्रभाव का इस मंदिर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. आदि अनादि काल से परंपरा चली आ रही है और मृत्यु लोग के राजा होने के नाते वह महाकाल के दरबार के पट किसी भी ग्रहण काल के दौरान बंद नहीं होते हैं. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के चलते हुए शिप्रा नदी के घाट पर नहाने पर प्रतिबंध लगाया है. इसी दौरान पुलिस प्रशासन लगातार घाट पर तैनात है और वहां आने वाले लोगों को स्नान करने से मना करते हुए उन्हें वापस भेज रहे हैं.