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विधायक पुत्र की पटवारी पर हेकड़ी वाला ऑडियो वायरल, मंत्री ने कहा- दायरे में रहकर करें काम

बड़नगर से कांग्रेस विधायक पुत्र के पटवारी के साथ बात करने के वायरल ऑडियो पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनप्रतिनिधि को दायरे में रहकर करना चाहिए, विधायक को अपने बच्चों पर कंट्रोल रखना चाहिए, कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि शासकीय कार्य में बाधा के लिए होगी विधायक पुत्र पर एफआईआर होगा और पटवारी को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करूंगा.

Audio of MLA son and Patwari goes viral in Ujjain
वायरल ऑडियो
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Published : Nov 28, 2020, 6:01 PM IST

उज्जैन। बड़नगर तहसील से कांग्रेसी विधायक मुरली मोरवाल के पुत्र करण मुरली मोरवाल का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें करण मुरली मोरवाल पर एक शासकीय अधिकारी को धमकाने पर तंज कस रहे हैं. पूरा मामला जैसे ही उज्जैन दक्षिण विधायक और कैबिनेट मंत्री के पास पहुंचा तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दायरे में रहकर बात करना चाहिए. विधायक अपने बच्चों को कंट्रोल में रखें तो वहीं जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने भी शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में एफआईआर के आदेश जारी करने की बात कही है. पटवारी को सरकार के प्रति समर्पण भाव से कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान करने की बात भी कही है.

वायरल ऑडियो
वायरल ऑडियो में सुनाई दे रही ये बातेंदरअसल, दो दिन पूर्व वायरल हुए एक ऑडियो में उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील से कांग्रेसी विधायक मुरली मोरवाल के पुत्र कारण मोरवाल बड़नगर ब्लॉक नंबर 106 की पटवारी पूजा परिहार से यह कहते सुनाई दे रहे हैं "मैडम फतेहपुर में कौन से मकान का काम रुकवा रहे हो तो" जवाब में पटवारी ने कहा "भैया कोई विष्णु चौधरी है, जो सरकारी जमीन पर बना रहा है, लेकिन पहले से इसमें एसडीएम कोर्ट से शिशु मंदिर के लिए अलॉमेंट हो चुका है, उनके पास इसके पेपर भी हैं, जिनका नाम मुन्ना नागर है, लेकिन पटवारी की यह बात विधायक पुत्र को रास नहीं आई और वे भड़क गए और कहने लगे,"जो बन रहा है बनने दो" पटवारी ने जवाब दिया "सरकारी जमीन पर कैसे बनने दो'' तो महोदय कहते हैं कि आप मुन्ना नागर की नौकरी कर रही हैं, क्या सरकारी जमीन पर 10 मकान बन रहे हैं बनने दो रोको मत'' इस पर जवाब देते हुए पटवारी भी भड़क गईं और विधायक पुत्र की बोलती बंद करते हुए बोली कि ''मैं ना किसी मुन्ना नागर के लिए और ना ही किसी विधायक और करण मोरवाल के लिए नौकरी कर रही हूं, मैंने अपनी एग्जाम क्लियर की है और शासन व खुद के लिए नौकरी कर रही हूं, आप लोगों के लिए नहीं, आप स्पष्ट सुन लो जी नौकरी ना मुन्ना के लिए है ना आपके लिए जिस को तकलीफ है कोर्ट में आवेदन लगाए मैं अपना काम कर रही हूं मेरा काम सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाना है, एसडीम कोर्ट से नोटिस लाने का नहीं मैं दो साल से पोस्टेड हूं पिछले साल 22 अतिक्रमण के आवेदन पेश किए, मैं स्टे लगाऊंगी और रुकवाऊंगी नहीं रुकने पर तहसीलदार करेंगे जेल की कार्रवाई सरकारी जमीन पटवारी के अंदर में होती है और मैं किसी पॉलिटिकल पार्टी का हिस्सा नहीं एक एडमिनिस्ट्रेटिव का हिस्सा हूं, तहसीलदार के कहने पर ही कार्रवाई कर रही हूं आप बात कर लो तहसीलदार से'' वहीं विधायक पुत्र इतना सुनते हुए कहने लगे ''मैं तहसीलदार से बात करता हूं.''
मंत्री बोले दायरे और कायदे रखें याद
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा

''हम जनप्रतिनिधि बनते हैं तो हमारे लेवल पर ही बात होना चाहिए, इसमें बच्चों व परिवार का शामिल होना ठीक नहीं है. बात पक्ष की हो या विपक्ष की जनप्रतिनिधियों को बच्चों को कंट्रोल में रखना जरूरी है. लोकतंत्र के लिए या ज्यादा मायने रखता है कि दायरे में रहकर सारी बात कहना ठीक है. सरकार सारी व्यवस्थाओं को चलाने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को टाइट करके बात भी करती है. अगर विपक्ष में कोई सकारात्मकता बाकी हो तो हम विचार करेंगे, सरकार के कर्मचारियों को धमकाने की मैं निंदा करता हूं, परिवार में उनके जो बड़े हैं और विधायक हैं, उन्हें इसे अपने स्तर पर लेकर समझाने का प्रयास करना चाहिए.''


कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा

पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा ''मैं पटवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करूंगा, जिन्होंने सरकार के प्रति समर्पण की भावना से अच्छे तरीके से जवाब दिया और शासकीय कार्य में बाधा डालने के लिए पटवारी की शिकायत पर कार्रवाई कराने के आदेश भी दिए जाएंगे, किसी को भी हक नहीं है कि शासकीय कार्य में बाधा डाले.''

उज्जैन। बड़नगर तहसील से कांग्रेसी विधायक मुरली मोरवाल के पुत्र करण मुरली मोरवाल का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें करण मुरली मोरवाल पर एक शासकीय अधिकारी को धमकाने पर तंज कस रहे हैं. पूरा मामला जैसे ही उज्जैन दक्षिण विधायक और कैबिनेट मंत्री के पास पहुंचा तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दायरे में रहकर बात करना चाहिए. विधायक अपने बच्चों को कंट्रोल में रखें तो वहीं जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने भी शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में एफआईआर के आदेश जारी करने की बात कही है. पटवारी को सरकार के प्रति समर्पण भाव से कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान करने की बात भी कही है.

वायरल ऑडियो
वायरल ऑडियो में सुनाई दे रही ये बातेंदरअसल, दो दिन पूर्व वायरल हुए एक ऑडियो में उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील से कांग्रेसी विधायक मुरली मोरवाल के पुत्र कारण मोरवाल बड़नगर ब्लॉक नंबर 106 की पटवारी पूजा परिहार से यह कहते सुनाई दे रहे हैं "मैडम फतेहपुर में कौन से मकान का काम रुकवा रहे हो तो" जवाब में पटवारी ने कहा "भैया कोई विष्णु चौधरी है, जो सरकारी जमीन पर बना रहा है, लेकिन पहले से इसमें एसडीएम कोर्ट से शिशु मंदिर के लिए अलॉमेंट हो चुका है, उनके पास इसके पेपर भी हैं, जिनका नाम मुन्ना नागर है, लेकिन पटवारी की यह बात विधायक पुत्र को रास नहीं आई और वे भड़क गए और कहने लगे,"जो बन रहा है बनने दो" पटवारी ने जवाब दिया "सरकारी जमीन पर कैसे बनने दो'' तो महोदय कहते हैं कि आप मुन्ना नागर की नौकरी कर रही हैं, क्या सरकारी जमीन पर 10 मकान बन रहे हैं बनने दो रोको मत'' इस पर जवाब देते हुए पटवारी भी भड़क गईं और विधायक पुत्र की बोलती बंद करते हुए बोली कि ''मैं ना किसी मुन्ना नागर के लिए और ना ही किसी विधायक और करण मोरवाल के लिए नौकरी कर रही हूं, मैंने अपनी एग्जाम क्लियर की है और शासन व खुद के लिए नौकरी कर रही हूं, आप लोगों के लिए नहीं, आप स्पष्ट सुन लो जी नौकरी ना मुन्ना के लिए है ना आपके लिए जिस को तकलीफ है कोर्ट में आवेदन लगाए मैं अपना काम कर रही हूं मेरा काम सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाना है, एसडीम कोर्ट से नोटिस लाने का नहीं मैं दो साल से पोस्टेड हूं पिछले साल 22 अतिक्रमण के आवेदन पेश किए, मैं स्टे लगाऊंगी और रुकवाऊंगी नहीं रुकने पर तहसीलदार करेंगे जेल की कार्रवाई सरकारी जमीन पटवारी के अंदर में होती है और मैं किसी पॉलिटिकल पार्टी का हिस्सा नहीं एक एडमिनिस्ट्रेटिव का हिस्सा हूं, तहसीलदार के कहने पर ही कार्रवाई कर रही हूं आप बात कर लो तहसीलदार से'' वहीं विधायक पुत्र इतना सुनते हुए कहने लगे ''मैं तहसीलदार से बात करता हूं.''
मंत्री बोले दायरे और कायदे रखें याद
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा

''हम जनप्रतिनिधि बनते हैं तो हमारे लेवल पर ही बात होना चाहिए, इसमें बच्चों व परिवार का शामिल होना ठीक नहीं है. बात पक्ष की हो या विपक्ष की जनप्रतिनिधियों को बच्चों को कंट्रोल में रखना जरूरी है. लोकतंत्र के लिए या ज्यादा मायने रखता है कि दायरे में रहकर सारी बात कहना ठीक है. सरकार सारी व्यवस्थाओं को चलाने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को टाइट करके बात भी करती है. अगर विपक्ष में कोई सकारात्मकता बाकी हो तो हम विचार करेंगे, सरकार के कर्मचारियों को धमकाने की मैं निंदा करता हूं, परिवार में उनके जो बड़े हैं और विधायक हैं, उन्हें इसे अपने स्तर पर लेकर समझाने का प्रयास करना चाहिए.''


कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा

पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा ''मैं पटवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करूंगा, जिन्होंने सरकार के प्रति समर्पण की भावना से अच्छे तरीके से जवाब दिया और शासकीय कार्य में बाधा डालने के लिए पटवारी की शिकायत पर कार्रवाई कराने के आदेश भी दिए जाएंगे, किसी को भी हक नहीं है कि शासकीय कार्य में बाधा डाले.''

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