उज्जैन। जिले और शहर में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उज्जैन जिले में किया जा रहा सर्वेक्षण एक बड़ा हथियार बन कर सामने आया है.
सर्वे के माध्यम से ही अब तक 12 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, जो कई समय से छुपे बैठे हुए थे. सर्वे के जरिए मालूम पड़ रहा है कि कौन गंभीर रूप से सर्दी, खासी, बुखार से पीड़ित हैं और किनको जांच की जरूरत है. उज्जैन शहर की 184 आशा कार्यकर्ता कोरोना वॉरियर्स बन कर कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार काम कर रही हैं.
आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी कुंभकार बताती हैं कि उनकी दिनचर्या प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है. वो सुबह 8 बजे से अपनी टीम के साथ निरंतर शाम 4 बजे तक सर्वे कार्य में घर-घर जाकर लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करती हैं. जानकारी एकत्रित करती हैं और उसको दर्ज कर चिकित्सकीय टीम को भेजती है.
लक्ष्मी कुम्भकार का 10 साल का बेटा और 12 साल की बेटी है, जिनके लिए वो सुबह जल्दी उठकर खाना बनाती हैं. साथ ही अपने खाने का सामान भी साइड बेग में लटका कर चल पड़ती हैं सर्वे के लिए. फिलहाल वो और उनकी टीम अथर्व विहार और तिरुपति हाइट्स में सर्वे कर रही हैं.
लक्ष्मी कुम्भकार बताती हैं कि आशा कार्यकर्ताओं को इस तरह के सर्वेक्षण का अनुभव तो पहले से ही था, इसमें वे गर्भवती महिलाओं का, टीकाकरण का और नवजात बच्चों के आंकड़े इकठ्ठा करती रही हैं. किंतु अबकी बार एक नया काम मिला है. इससे वे काफी उत्साहित भी हैं.
आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी कुंभकार बताती हैं कि पिछले 10 दिन से वो सर्वेक्षण का कार्य कर रही हैं. उनके साथ आशा कार्यकर्ता रंजना चौहान, ममता वालेचा, सहायक शिक्षक दिनेश शर्मा हैं. उन्होंने अब तक 360 घरों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और वार्ड नंबर 48 का जैसा ही सर्वे पूर्ण होगा, फॉलोअप सर्वे में लग जाएंगी.
आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी बताती हैं कि कोरोना वायरस से डर का तो कोई सवाल ही नहीं उठता. ये एक बहुत ही अच्छा कार्य है और जीवन में शायद आगे करने को ना मिले. उनका कहना है कि कोरोना वायरस से युद्ध में एक छोटा सा योगदान आशा कार्यकर्ताओं की तरफ से भी दिया जा रहा है.