उज्जैन। कुम्भ मेले की जमीन पर अवैध (Illegal Construction on Land of Kumbh Mela) रुप से कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है. प्रशासन की कार्रवाई (Administration Action) इन दिनों तेज हो गई है. दरअसल कुम्भ मेले की जमीन पर कई कालोनाईजर अवैध रूप से कॉलोनी बना रहे है. जबकि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं है. इसके बावजूद भी लगातर मंगलनाथ रोड पर अवैध कालोनी बन रही है.
मध्यप्रदेश में माफियाओं के खिलाफ (Campaign Against Mafia in Madhya Pradesh) चल रहे अभियान के तहत बुधवार को प्रशासन ने जिले में तीन कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसमें सबसे बड़ी कार्रवाई खिलचीपुर निवासी कालोनाईजर गोवर्धन पटेल के दो मंजिला भव्य मकान पर हुई. यहां भारी पुलिस बल के साथ पहुंची नगर निगम की टीम ने जेसीबी से घर के अवैध निर्माण को ढहा दिया.
नगर निगम सहायक आयुक्त सुबोध जैन ने बताया की सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वाले गोवर्धन पटेल के घर पर कार्रवाई की गई है. साथ ही इसके भाई को भी नोटिस दे दिया है. यदि वह भी निर्माण से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं करता है, तो गुरुवार को गोवर्धन पटेल के भाई के अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
तीन जगह प्रशासन ने ढहाया अवैध निर्माण
जिला प्रशासन ने बुधवार को तीन स्थानों पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की. सबसे पहले मोहन नगर स्थित रफीक के अवैध निर्माण को ढहाया. इसके बाद प्रशासन ने बेगमबाग के कोट मोहल्ला क्षेत्र स्थित सिंहस्थ मेले की जमीन पर बने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की. यह अवैध निर्माण भी रफीक ने ही किया था. वहीं इसके बाद प्रशासन की टीम ने खिलचीपुर निवासी कालोनाईजर गोवर्धन पटेल के दो मंजिला भव्य मकान को ढहाया.
स्व. नरेंद्र गिरी ने भी उठाया था मुद्दा
सीएम शिवराज सिंह ने कलेक्टर कमिशनर की वीसी में आदेश दिया था कि अवैध निर्माण की तोड़ा जाए. वहीं अखाडा परिषद के अध्यक्ष स्व. नरेंद्र गिरी ने भी दो माह पहले सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया था. जिस पर अब प्रशासन ने 2016 के बाद से जिन्होंने भी अवैध कॉलोनियां काटी हैं, उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है. साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने के लिए भी निर्देशित किया है.
मेला क्षेत्र में निर्माण की अनुमति क्यों नहीं?
उज्जैन में 12 वर्ष में एक बार सिंहस्थ मेला लगता है. जिसमें करोडों श्रद्धालु और हजारों संत उज्जैन आते है. जिनके लिए कुम्भ की जमीन निर्धारित है. प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार कुम्भ मेले की जमीन पर कोई भी पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता.