उज्जैन। बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जिला कोर्ट की जज आरती शुक्ला पांडेय ने फैसले से पहले मनुस्मृति का श्लोक पढ़ा. श्लोक पढ़ जज ने कहा कि जो भी अपराध करे, वह दंडनीय है, चाहे वह पिता ही क्यों न हो'. उसके बाद पिता को आजीवन कारावास के साथ 2500 रुपये अर्थदंड के साथ सजा सुनाई. इसकी जानकरी सरकारी वकील ADPO मुकेश सोनारे ने दी.
निम्न धाराओं में किया गया प्रकरण दर्ज
376 (2) (एफ) (एन), 376 (एबी), 5/6 पोस्को एक्ट के तहत आजीवन कारावास और 2500 रुपये अर्थदंड लगाया हैं. एडीपीओ मुकेश सोनारे ने जानकारी देते हुए बताया कि विशेष न्यायाधीश डॉ. आरती शुक्ला पांडेय ने आरोपी कमल को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 एबी में शेष प्राकृतिक जीवनकाल के कारावास से दंडित किया है और 2500 रुपये अर्थदंड लागया है. पूरे मामले में सूरज बचुरिया अतिरिक्त डीपीओ द्वारा की गई.