उज्जैन। नागदा ग्रेसिम उद्योग की याचिका पर कोर्ट से जारी आदेश के बाद आंदोलन की चेतावनी देने वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. ठेका श्रमिकों के समर्थन में भीम आर्मी को 12 अक्टूबर यानी सोमवार को ग्रेसिम गेट पर धरना आंदोलन करना था, लेकिन इससे पहले ही उद्योग द्वारा कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी गई थी, जिसके बाद न्यायालय ने ग्रेसिम गेट पर आंदोलन नहीं करने का आदेश जारी किया है,
कोर्ट के आदेशानुसार ग्रेसिम उद्योग गेट के 1 हजार मीटर परिधि में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और तालाबंदी पर रोक लगा दी गई है. साथ में यह भी आदेश दिया गया है कि, अगले 30 दिनों तक ग्रेसिम के विभिन्न गेटों पर आंदोलनकारी एकत्रित नहीं हो सकेंगे, और न ही किसी अन्य को यह करने के लिए उकसाएंगे. इसके अलावा उद्योग में आने-जाने वाले श्रमिकों को रोका-टोका भी नहीं जाएगा.
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कोर्ट के आदेश पर उद्योग प्रबंधन ने कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, सीएसपी, तहसीलदार, थाना प्रभारी को अवगत कराया है, जिसके बाद एसडीएम आशुतोष गोस्वामी, तहसीलदार आरके गुहा, सीएसपी मनोज रत्नाकर, थाना प्रभारी श्याम चंद्र शर्मा, नायब तहसीलदार सलोनी पटवा और भीम आर्मी के सदस्य दुर्गेश चौहान की मंडी थाने में बैठक हुई. बैठक के दौरान अधिकारियों ने आंदोलनकारी नेताओं को कोर्ट के आदेश से आगाह कराते हुए उद्योग गेट पर आंदोलन नहीं करने की बात कही. अधिकारियों ने यह भी कहा कि आंदोलन करने पर कार्रवाई की जाएगी.