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'मौत की फैक्ट्री' का सरगना निकला पूर्व बीजेपी विधायक, 16 लाख का 'जहर' जब्त

उज्जैन में नकली शराब बनाने का धंधा फलता फूलता रहा है. इससे पहले भी 11 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं तीनों गांव में जिला प्रशासन और पुलिस दल ने संयुक्त रूप से छापामार कार्रवाई करते हुए 16 लाख रुपए की 1600 लीटर स्प्रिट मौके से जब्त की. इसमें मुख्य रूप से बीजेपी नेता और सरपंच नरेंद्र कुमावत का नाम सामने आ रहा है.

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Published : Apr 17, 2021, 11:24 AM IST

Updated : Apr 17, 2021, 11:45 AM IST

BJP leader Narendra Kumawat
बीजेपी नेता नरेंद्र कुमावत

उज्जैन। जिले के भेरूगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत बांसखेड़ी, पलवाना और दीपवरा गांव में जिला प्रशासन और पुलिस दल ने ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. छापामार कार्रवाई के दौरान ड्रम में 16 लाख रुपए की 1600 लीटर स्प्रिट मौके से जब्त की गई. वैसे तो स्प्रिट लाइसेंस वालों को 250 रुपए लीटर मिलती है. अगर स्प्रिट को कोई ब्लैक में खरीदे तो 1000 रुपये लीटर मिलती है. वहीं इस मामले में बीजेपी नेता और सरपंच नरेंद्र कुमावत मुख्य आरोपी है, जो फिलहाल फरार है. हालांकि, इस पूरे अवैध कार्य का मास्टरमाइंड बीजेपी का पूर्व विधायक है.

छापामार कार्रवाई के दौरान तीनों गांव से शराब बनाने का सामान मिला. यहां नोजल, पाइप, कांच की शराब की बोतल और आठ ड्रम स्प्रिट मिले. अन्य खाली ड्रम सहित कई सामान भी मिले है. गांव में कच्ची शराब की इतनी बड़ी फैक्ट्री देखकर अधिकारी भी हैरान है. इधर मुख्य आरोपी नरेंद्र कुमावत के सर पर बीजेपी के पूर्व विधायक का हाथ बताया जा रहा है. यह गोरखधंधा सालों से इसी जगह पर चल रहा था, लेकिन सत्ता पक्ष का होने के कारण आज तक किसी ने भी इस पर हाथ नहीं डाला था.

स्प्रिट जब्त
लाखों रुपए का मिलता है जहरस्प्रिट की अधिकता किसी भी इंसान की जान ले सकती है. बता दें कि, कुछ महीने पहले ही उज्जैन में जहरीली शराब से करीब 11 लोगों की मौत के बाद कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी. कई जेल की हवा खा चुके हैं. इसके बावजूद भी बिना रोके-तोके बैखोफ बांसखेड़ी गांव का सरपंच और उसका भाई लखन कुमावत इस गोरखधंधे को चला रहे थे.

दरअसल, ये जो ड्रम मिले हैं, वो लाखन कुमावत के खेत से मिले हैं. पुलिस को शक है कि कुछ ड्रम इन्होंने कुएं में छुपा रखे हैं. 16 लाख रुपये की स्प्रिट मिलना अपने आप में बड़ी बात है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कुमावत पिछले कई सालों से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था.


जहरीली शराब ने ली तीन की जान, चार के सामने छाया अंधकार

पूरे गांव की ली गई तलाशी
इस मामले की जानकारी लगते ही कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सतेंद्र कुमार शुक्ल, एडिशनल एसपी अमरिंदर सिंह सहित आला अधिकारियों ने तीनों गांव में छापामार कार्रवाई की. इसके बाद बांसखेड़ी गांव के कई घरों की तलाशी ली गई.

सूत्रों की मानें, तो इस पूरे अवैध कार्य का मास्टरमाइंड बीजेपी का पूर्व विधायक है. वहीं इस काम में सरपंच नरेंद्र कुमावत तो सिर्फ मोहरा है. फिलहाल पुलिस ने आरोपी नरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

उज्जैन। जिले के भेरूगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत बांसखेड़ी, पलवाना और दीपवरा गांव में जिला प्रशासन और पुलिस दल ने ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. छापामार कार्रवाई के दौरान ड्रम में 16 लाख रुपए की 1600 लीटर स्प्रिट मौके से जब्त की गई. वैसे तो स्प्रिट लाइसेंस वालों को 250 रुपए लीटर मिलती है. अगर स्प्रिट को कोई ब्लैक में खरीदे तो 1000 रुपये लीटर मिलती है. वहीं इस मामले में बीजेपी नेता और सरपंच नरेंद्र कुमावत मुख्य आरोपी है, जो फिलहाल फरार है. हालांकि, इस पूरे अवैध कार्य का मास्टरमाइंड बीजेपी का पूर्व विधायक है.

छापामार कार्रवाई के दौरान तीनों गांव से शराब बनाने का सामान मिला. यहां नोजल, पाइप, कांच की शराब की बोतल और आठ ड्रम स्प्रिट मिले. अन्य खाली ड्रम सहित कई सामान भी मिले है. गांव में कच्ची शराब की इतनी बड़ी फैक्ट्री देखकर अधिकारी भी हैरान है. इधर मुख्य आरोपी नरेंद्र कुमावत के सर पर बीजेपी के पूर्व विधायक का हाथ बताया जा रहा है. यह गोरखधंधा सालों से इसी जगह पर चल रहा था, लेकिन सत्ता पक्ष का होने के कारण आज तक किसी ने भी इस पर हाथ नहीं डाला था.

स्प्रिट जब्त
लाखों रुपए का मिलता है जहरस्प्रिट की अधिकता किसी भी इंसान की जान ले सकती है. बता दें कि, कुछ महीने पहले ही उज्जैन में जहरीली शराब से करीब 11 लोगों की मौत के बाद कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी. कई जेल की हवा खा चुके हैं. इसके बावजूद भी बिना रोके-तोके बैखोफ बांसखेड़ी गांव का सरपंच और उसका भाई लखन कुमावत इस गोरखधंधे को चला रहे थे.

दरअसल, ये जो ड्रम मिले हैं, वो लाखन कुमावत के खेत से मिले हैं. पुलिस को शक है कि कुछ ड्रम इन्होंने कुएं में छुपा रखे हैं. 16 लाख रुपये की स्प्रिट मिलना अपने आप में बड़ी बात है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कुमावत पिछले कई सालों से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था.


जहरीली शराब ने ली तीन की जान, चार के सामने छाया अंधकार

पूरे गांव की ली गई तलाशी
इस मामले की जानकारी लगते ही कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सतेंद्र कुमार शुक्ल, एडिशनल एसपी अमरिंदर सिंह सहित आला अधिकारियों ने तीनों गांव में छापामार कार्रवाई की. इसके बाद बांसखेड़ी गांव के कई घरों की तलाशी ली गई.

सूत्रों की मानें, तो इस पूरे अवैध कार्य का मास्टरमाइंड बीजेपी का पूर्व विधायक है. वहीं इस काम में सरपंच नरेंद्र कुमावत तो सिर्फ मोहरा है. फिलहाल पुलिस ने आरोपी नरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 11:45 AM IST
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