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टीकमगढ़: शौचालयों में रहने को क्यों मजबूर है ये दलित परिवार, जानने के लिए पढ़े पूरी ख़बर

टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्रि आवास की असलियत हुई उजागर गरीव परिवार 2 साल से टॉयलेट को आशियाना बनाकर रहने को मजबूर आवास का लाभ न मिलने पर रिस्वत के चक्कर मे

टीकमगढ़ टॉयलेट बना आवास
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Published : May 31, 2019, 6:25 PM IST

टीकमगढ़। जिले के जतारा जनपद पंचायत के केशवगढ़ गांव में एक गरीब मगन लाल अहिरवार को तकरीबन दो साल से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से उनका परिवार शौचालय को ही घर बनाकर रहने को मजबूर है. इनका आरोप है कि इनसे सरपंच ने पैसे मांगे, रिश्वत न देने पर मगन लाल को आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया.

शौचालय में रहने को मजबूर दलित परिवार

जिले के केसवगढ़ गांव का एक दलित अपने पूरे परिवार के साथ एक टॉयलेट में रह रहा है. यह टॉयलेट भी इसको और इसकी मां को पंचायत से बनवाकर दी गई थी. उसके साथ उसकी चार बेटियां और पत्नी फुलाबाई रहती है. इनका आरोप है कि सरपंच और सचिव ने उनसे आवास स्वीकृत करवाने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की थी और जब उनको पैसे नहीं दिए, तो सरपंच ने उनको आवास नहीं दिया. जिससे वह मजबूरी में टॉयलेट को आवास बनाकर रह रहे हैं.
इस मामले में जब गांव के सरपंच से बात कि तो उन्होंने बताया कि हमने किसी गरीब से पैसे नहीं मांगे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मगन लाल का नाम नई सूची में जुड़वा दिया गया है. जैसे ही लिस्ट में नाम आएगा तो उसे आवास का लाभ जरूर दिया जाएगा.
वहीं जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ का कहना है कि मुझे आज यह बात पता चली है कि मगनलाल का परिवार टॉयलेट में रहने को मजबूर है. उसने जो भी आरोप सरपंच पर लगाए है उसकी जांच की जाएगी और यदि उसका नाम सूची में है और उसे आवास नहीं दिया गया है तो जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

टीकमगढ़। जिले के जतारा जनपद पंचायत के केशवगढ़ गांव में एक गरीब मगन लाल अहिरवार को तकरीबन दो साल से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से उनका परिवार शौचालय को ही घर बनाकर रहने को मजबूर है. इनका आरोप है कि इनसे सरपंच ने पैसे मांगे, रिश्वत न देने पर मगन लाल को आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया.

शौचालय में रहने को मजबूर दलित परिवार

जिले के केसवगढ़ गांव का एक दलित अपने पूरे परिवार के साथ एक टॉयलेट में रह रहा है. यह टॉयलेट भी इसको और इसकी मां को पंचायत से बनवाकर दी गई थी. उसके साथ उसकी चार बेटियां और पत्नी फुलाबाई रहती है. इनका आरोप है कि सरपंच और सचिव ने उनसे आवास स्वीकृत करवाने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की थी और जब उनको पैसे नहीं दिए, तो सरपंच ने उनको आवास नहीं दिया. जिससे वह मजबूरी में टॉयलेट को आवास बनाकर रह रहे हैं.
इस मामले में जब गांव के सरपंच से बात कि तो उन्होंने बताया कि हमने किसी गरीब से पैसे नहीं मांगे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मगन लाल का नाम नई सूची में जुड़वा दिया गया है. जैसे ही लिस्ट में नाम आएगा तो उसे आवास का लाभ जरूर दिया जाएगा.
वहीं जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ का कहना है कि मुझे आज यह बात पता चली है कि मगनलाल का परिवार टॉयलेट में रहने को मजबूर है. उसने जो भी आरोप सरपंच पर लगाए है उसकी जांच की जाएगी और यदि उसका नाम सूची में है और उसे आवास नहीं दिया गया है तो जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्रि आवास की असलियत हुई उजागर गरीव परिवार 2 साल से टॉयलेट को आशियाना बनाकर रहने को मजबूर आवास का लाभ न मिलने पर रिस्वत के चक्कर मे


Body:वाईट /01 मगन लाल अहिरवार पीड़ित केसवगढ़

वाईट /02 फुला अहिरवार पीड़िता केसवगढ़

वाईट /03 सिरनाम यादव सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत केसवगढ़

बाईट /04 चन्द्रसेन सिंह अतिरिक्क्त जिला पंचायत सी ई ओ टीकमगढ़

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत आज etv भारत आप लोगो के सामने खोलने जा रहा है इस योजना में गरीव हितग्राहियों से बगैर पैसे लिए इस योजना का लाभ नही दिया गया इस योजना में सरपंच ओर सचिब ओर जनपद पंचायत के तमाम अधिकारियों ने जमकर भ्रस्टाचार किया गया और 20 हजार से लेकर 50 हजार तक रिस्वत ली गई तब जाकर एक लाख पचास हजार की लागत से बनने बाले आवास दिए गए इस योजना की पोल खोलने के लिए यह स्पेसल खबर काफी है टीकमगढ़ जिले के जतारा जनपद पंचायत के केशवगढ़ गांव में एक गरीव मगन लाल अहिरवार को तकरिवन 2 साल से प्रधानमंत्री आवास का लाभ नही मिलने से यह टॉयलेट में निवास कर रहा है और यह अपने पूरे परिवार के साथ इसी टॉयलेट में रहता है जिसके साथ उसकी 4 बेटिया ओर मगनलाल ओर उसकी पत्नी फुला बाई रहती है इनका आरोप है कि सरपंच ओर सचिब ने उनसे आवास स्वीकृत करवाने के एवज में 20,000 रुपया की मांग की गई थी और जब उनको पैसे नही दिए तो उन्हीने उनको आवास नही दिलाया जिससे वह मजबूरी बस टॉयलेट को आवास बनाकर रहने को मजबूर है


Conclusion:टीकमगढ़ जिले के इस केसवगढ़ गांव का यह दलित गरीव परिवार ने आज अपना दर्द बयां कर देश की सबसे बड़ी योजना प्रधानमन्त्री आवास योजना की पोल खोल कर रखदी है कि इस योजना में क्या चल रहा है जब उससे टॉयलेट में रहने का कारण पूंछा तो वह बोला साव टॉयलेट में रहना किसको पसन्द है हमारी तो मजबूरी है रहने को घर नही खुले आसमान से तो टॉयलेट बेहतर है यह टॉयलेट भी इसको ओर इसकी मा को पंचायत से बनबाई गई थी जिसमे यह दोनों टॉयलेट को मिलाकर रहता है उसी में खाना बनता है और घर का सारा सामान कपड़े बर्तन आदि उसी में रखे रहते है उंसने बताया कि बारिश के मौसम में काफी दिक्कत होती है जब तेज वारिस होती है तो सारा टॉयलेट पानी भर जाता है तो उस पर पन्नी डालकर बच्चो को बचाना पड़ता है और ऐसी टॉयलेट में यह सोते है और खाना खाते है अभी इसमे एक लेटरिंग सीट फिट है लेकिन दूसरी लेट्रिग सीट इनलोगो ने निकाल दी है और टॉयलेट को अपना आशियाना बनाकर रहने को मजबूर है और उनकी कोई नही सुनने बाला है वही इस बारे में केसवगढ़ ग्राम पंचायत के सरपंचप्रतिनिधि का कहना रहा कि मगनलाल का सूची में नाम नही है इस कारण उसका आवास नही बन सका पैसे मांगने का यह आरोप झूठ लगा रहा है इसका नाम नई सूची में जैसे ही जुड़कर आता है तो उसको आवास का लाभ दिया जावेगा तो वही जिला पंचायत के अतिरिक्त सी ई ओ कहना रहा कि मुझे आज etv भारत से पता चला है कि मगनलाल का परिवार टॉयलेट में रहने को मजबूर है उसको पी एम आवास का लाभ न मिलने के कारण ओर उंसने जो सरपंच पर पैसे मांगने का आरोप लगाया है जिसकी जाँच की जावेगी की यदि उसका नाम सूची में है और फिर उसे आवश्क लाभ क्यो नही दिया गया और दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी
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