टीकमगढ़। उत्तराखंड में दिवाली के दिन हुए टनल हादसे के बाद हर कोई सुरंग में फंसे हुए मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए दुआएं करता रहा. हाल ही में सुरंग में फंसे हुए मजदूर बाहर भी आ गये. उक्त मजदूरों की जान बचाने वाले संकटमोचकों की टीम में टीकमगढ़ जिले के 5 मजदूर भी शामिल हैं, जो रोजगार की तलाश में अपने गांव से पलायन कर गए थे. जब इन दोनों गावों में युवाओं की जांबाजी की खबरें पहुंची तो ग्रामीणों ने गर्व महसूस किया. ग्रामीणों का कहना है कि खुशी है कि इनती जान बचाने वालों में हमारे गांव के युवा भी शामिल हैं.
पाइप कंपनी में कार्यरत हैं मजदूर : जानकारी के मुताबिक 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने वाली रेट माइनर्स की टीम के 12 में से 5 सदस्य टीकमगढ़ जिले बल्देवगढ़ तहसील के बनेरा और केलपुरा क्षेत्र के रहने वाले हैं. ये हैं राकेश लोधी, भूपेंद्र लोधी, महिपाल लोधी, जैतराम और प्रसादी लोधी. ये सभी सभी दिल्ली की एक पाइप कंपनी काफी समय से काम करते आ रहे हैं. गौरतलब है कि 12 नवंबर यानी दीपावली पर्व की सुबह 6 बजे के लगभग उत्तराखंड में सिल्क्यारा-डंडारगांव में टनल धंसने से 41 मजदूर सुरंग में फंस गए थे.
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बुंदेलखंड से पलायन : टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में विदेशी मशीनों ने भी दम तोड़ दिया था. फिर दिल्ली की ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेस ने अपनी 12 रेट होल माइनर्स की टीम बुलाई, जिसमें टीकमगढ़ जिले के केलपुरा गांव के 4 लोग और पास के बनेरा गांव का एक युवक भी शामिल था. जिन्होंने सुरंग बनाकर फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने में मदद की. दरअसल, जिले के केलपुरा गांव में काम नहीं मिलने के कारण लगभग 60 प्रतिशत से अधिक लोग महानगरों की ओर पलायन कर चुके हैं.