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जहर चूसने वाली माता का अनोखा मंदिर, जाने इस चमत्कारी मंदिर की पूरी कहानी

ज्ञान देने वाली सरस्वती मां, वैभव देने वाली लक्ष्मी मां, संकट हरने वाली शारदा मां और दुष्टों का संघार करने वाली काली मां के बारे में तो आपने सुना ही होगी. लेकिन क्या आपने जहर चूसने वाली माता के बारे में सुना है.

जहर चूसने वाली माता का अनोखा मंदिर
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Published : Oct 5, 2019, 9:17 AM IST

Updated : Oct 5, 2019, 1:07 PM IST

टीकमगढ़। जिले में बना बगाज माता का मंदिर में ऐसा ही चमत्कार होता है. जहां मां लोगों का जहर चंद मिनिटों में चूसकर उन्हें ठीक कर देती हैं. बगाज मांता मंदिर में सांप, बिछु, गोयरा, कुत्ता, सियार, सहित अन्य जहरीले जानवरों के काटने पर मंदिर में पहुंचते हैं. मान्यता है कि बगाज माता उनका जहर चूस कर पीड़ित को ठीक कर देती हैं.

जहर चूसने वाली माता का अनोखा मंदिर

कैसे होता है चमत्कार
पीड़ित भक्त माता के दरबार में आते हैं और माता के पांच परिक्रमा लगाते हैं. इसके बाद माता अदृश्य रूप में जहर चूसकर उसको ठीक कर देती है. लोगों का मानना है कि जो जहर डॉक्टर भी उतार नहीं पाते वह माता के दरबार में आने से ठीक हो जाता है. जहर चूसने वाली माता अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती है. यहां जहर चूसने के अलावा मां अपने भक्तों की मांगी हुई हर मुराद पूरी करती हैं.

कैसे हुई थी मंदिर की स्थापना
कहा जाता है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है. बगाज माता सैकड़ों साल पहले पहाड़ी पर जंगल मे विराजित थी. माता ने एक रामकुमार नापित को स्वप्न दिया था कि उन्हे जंगल से उठाकर मंदिर में विराजित किया जाए. नापित ने यह बात गांव के लोगों को बताई. इसके बाद राजकुमार में माता की मूर्ती को जंगल से उठाकर मंदिर में विराजित किया. तभी से माता अपने भक्तों की हर समस्या और परेशानी को दूर कर रही है. देवी का यह दरबार आज भी भक्तों की आस्था का केंद्र है, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

टीकमगढ़। जिले में बना बगाज माता का मंदिर में ऐसा ही चमत्कार होता है. जहां मां लोगों का जहर चंद मिनिटों में चूसकर उन्हें ठीक कर देती हैं. बगाज मांता मंदिर में सांप, बिछु, गोयरा, कुत्ता, सियार, सहित अन्य जहरीले जानवरों के काटने पर मंदिर में पहुंचते हैं. मान्यता है कि बगाज माता उनका जहर चूस कर पीड़ित को ठीक कर देती हैं.

जहर चूसने वाली माता का अनोखा मंदिर

कैसे होता है चमत्कार
पीड़ित भक्त माता के दरबार में आते हैं और माता के पांच परिक्रमा लगाते हैं. इसके बाद माता अदृश्य रूप में जहर चूसकर उसको ठीक कर देती है. लोगों का मानना है कि जो जहर डॉक्टर भी उतार नहीं पाते वह माता के दरबार में आने से ठीक हो जाता है. जहर चूसने वाली माता अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती है. यहां जहर चूसने के अलावा मां अपने भक्तों की मांगी हुई हर मुराद पूरी करती हैं.

कैसे हुई थी मंदिर की स्थापना
कहा जाता है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है. बगाज माता सैकड़ों साल पहले पहाड़ी पर जंगल मे विराजित थी. माता ने एक रामकुमार नापित को स्वप्न दिया था कि उन्हे जंगल से उठाकर मंदिर में विराजित किया जाए. नापित ने यह बात गांव के लोगों को बताई. इसके बाद राजकुमार में माता की मूर्ती को जंगल से उठाकर मंदिर में विराजित किया. तभी से माता अपने भक्तों की हर समस्या और परेशानी को दूर कर रही है. देवी का यह दरबार आज भी भक्तों की आस्था का केंद्र है, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

Intro:एंकर इंट्रो / बुन्देलखण्ड की अनोखी माता का मंदिर टीकमगढ़ जिले में है जिन्हें जहर चूसने बाली माता कहा जाता है और यह जहरीले जानवर ओर कीड़े मकोड़ो का जहर चंद मिनटों में चूस कर मरीजो को करती है ठीक


Body:वाइट् /01 घनस्याम दाश तिवारी बुजुर्ग बकपुरा

वाइट् /02 मनमोहन मन्दिर पुजारी बगजमाता मन्दिर

वाइट् /03 अमोल द्विवेदी भक्तगण टीकमगढ़

वाइस ओबर / बुन्देलखण्ड की जहर चूसने बाली माता का मंदिर टीकमगढ़ जिले में है !जहाँ पर समुंचे बुन्देलखण्ड मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के हजारो की संख्या में लोग माता के दरवार में मत्था टेकने आते है !यहां पर बगाज माता लोगो का जहर चंद मिनिटों में चूसकर ठीक कर देती है !यहां पर माता सांप , बिछु, गोयरा, कुत्ता ,सियार ,सहित तमाम प्रकार के जहरीले जानवर ओर कीड़ो के काटने पर माता उनका इलाज करती है !और जहर चूसकर ठीक करती है !यहां पर लोग डॉक्टरो वको दिखाने की बजाय यहां पर मरीज को लाकर माता से प्रार्थना करते है !और माता के 5 परिक्रमा लगाने पर ओर इसी बीच माता अदृश्य रूप में मरीज का जहर चूसकर उसको ठीक कर देती है यहां के पंडितों के मानना है कि सर्प के काटने पर माता के सामने मरीज को लिटाना पड़ता है और माता उसका जहर निकाल देती है और मरीज ठीक होजाता है !वही जहरीले जानवरो के काटने पर चावल के गोले बनाकर रखना पड़ता है !और फिर मरीज को माता के मन्दिर के बाजू में लिटाया जाता है !और उसी दौरान माता मरीज का जहर पीकर उसको ठीक करती है !और फिर जब गोले फोड़कर देखो तो उनमे कुत्तों ओर जहरीले जानवरो के बाल निकलते है और मरीज ठीक होते है!यहाँ पर बुधवार ओर रविवार को ज्यादा लोग आते है जहरीले कीड़े काटने बाले यहां पर ख़तरनाक जहरीले जानवरो के काटने का इलाज माता जहर पीकर करती है !जिसे डॉक्टर ठीक नही करपाते उसको माता ठीक कर देती है!यह मन्दिर 400 साल पुराना है यहां पहिले पुराना छोटा सा मन्दिर था लेकिन अब यहां पर विकास होगया ओर नया मन्दिर बनगया है और यह मंदिर शासकीय ट्रस्ट के अधीन है !बगाज माता सेकड़ो साल पहिले इस पहाड़ी पर एक जंगल मे बैठी थी और माता ने एक रामकुमार नापित को स्वप्न दिया था कि मुझे जंगल से उठाकर व्यबस्थित करे में लोगो की समस्याये दूर करूंगी तो गांव के नापित ने यह बात गांव के लोगो को बताई तो फिर सभी ने माता की मूर्ति को उठाकर छोटी से मड़िया बनाकर बिठाया था तभी से माता का चमत्कार जारी है


Conclusion:टीकमगढ जिले में बना बगाज माता का चमत्कारिक मन्दिर में जहर चूसने के अलावा भी माता सभी की मुरादे पूरी करती है और भूत प्रेत के सताए लोग भी माता चंद मिनटों में ठीक करती है जिससे यह बगाज माता एक अद्भुत ओर चमत्कारिक भी है जो सभी के दुखों के दुख दूर करती है !यह मन्दिर टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर कि दूरी पर टीकमगढ़ सागर रोड पर ओर बडेरा रोड के पास से समुंचे बुन्देलखण्ड में यह अनोखा जहर चूसने बाली माता का यह मंदिर है जो लाखो भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ है !नवदुर्गा में यहां पर काफी भीड़ रहती है और लोग ज्वारों की खेती माता के यहां पर चढ़ाने जाते है!
Last Updated : Oct 5, 2019, 1:07 PM IST
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