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रिश्वत लेते जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ट्रैप, वेतन निकालने के एवज में मांगे थे इतने रुपये... - Lokayukta team action

Officer Trap Taking Bribe in Tikamgarh: टीकमगढ़ की जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों ट्रैप किया. अधिकारी ने यहां पदस्थ संविदा पर्यवेक्षक से वेतन निकालने के एवज में रिश्वत की मांग की थी.

Tikamgarh news
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 9:14 PM IST

टीकमगढ़। जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय में मंगलवार को हड़कंप मच गया.दरअसल सागर लोकायुक्त की टीम ने जिला मुख्यालय पर रिश्वतखोरी के मामले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. यहां पदस्थ जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया को रंगे हाथों ट्रैप किया. अधिकारी ने टीकमगढ़ में पदस्थ संविदा पर्यवेक्षक से रिश्वत की मांग की थी. संविदा पर्यवेक्षक का वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने के लिए महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी.

Officer Trap Taking Bribe in Tikamgarh
टीकमगढ़ की जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया रिश्वत लेते गिरफ्तार

वेतन निकालने के एवज में मांगी रिश्वत: लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर से मिली जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में संविदा पर्यवेक्षक पद पर पदस्थ नेहा सिंह ने सागर कार्यालय में रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी. बताया गया कि उनका वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने के लिए टीकमगढ़ जिले की जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रही हैं.

5 हजार दे चुकीं थीं रिश्वत: रिश्वत की मांग पर 5 हजार रुपए पहले ही दे चुकी हैं और उनके द्वारा बकाया 5 हजार रुपए की मांग की जा रही है. शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस संगठन सागर द्वारा एक टीम का गठन किया गया और मंगलवार को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती रचना बुधौलिया को उनके सरकारी आवास पर रिश्वत के 5 हजार रुपए लेते हुए ट्रैप किया गया.

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कई दिनों से रोक कर रखा था वेतन: संविदा पर्यवेक्षक नेहा सिंह पिछले कई दिनों से वेतन के लिए लगातार जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी से निवेदन कर रही थीं. जिला महिला बाल विकास अधिकारी ने साफ तौर पर वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने की आवाज में 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी. कई दिनों से परेशान पर्यवेक्षक नेहा सिंह ने आखिरकार लोकायुक्त में शिकायत की और रिश्वतखोर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को रंगे हाथों ट्रैप किया गया. जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

टीकमगढ़। जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय में मंगलवार को हड़कंप मच गया.दरअसल सागर लोकायुक्त की टीम ने जिला मुख्यालय पर रिश्वतखोरी के मामले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. यहां पदस्थ जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया को रंगे हाथों ट्रैप किया. अधिकारी ने टीकमगढ़ में पदस्थ संविदा पर्यवेक्षक से रिश्वत की मांग की थी. संविदा पर्यवेक्षक का वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने के लिए महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी.

Officer Trap Taking Bribe in Tikamgarh
टीकमगढ़ की जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया रिश्वत लेते गिरफ्तार

वेतन निकालने के एवज में मांगी रिश्वत: लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर से मिली जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में संविदा पर्यवेक्षक पद पर पदस्थ नेहा सिंह ने सागर कार्यालय में रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी. बताया गया कि उनका वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने के लिए टीकमगढ़ जिले की जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रचना बुधौलिया 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रही हैं.

5 हजार दे चुकीं थीं रिश्वत: रिश्वत की मांग पर 5 हजार रुपए पहले ही दे चुकी हैं और उनके द्वारा बकाया 5 हजार रुपए की मांग की जा रही है. शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस संगठन सागर द्वारा एक टीम का गठन किया गया और मंगलवार को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती रचना बुधौलिया को उनके सरकारी आवास पर रिश्वत के 5 हजार रुपए लेते हुए ट्रैप किया गया.

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कई दिनों से रोक कर रखा था वेतन: संविदा पर्यवेक्षक नेहा सिंह पिछले कई दिनों से वेतन के लिए लगातार जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी से निवेदन कर रही थीं. जिला महिला बाल विकास अधिकारी ने साफ तौर पर वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने की आवाज में 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी. कई दिनों से परेशान पर्यवेक्षक नेहा सिंह ने आखिरकार लोकायुक्त में शिकायत की और रिश्वतखोर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को रंगे हाथों ट्रैप किया गया. जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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