टीकमगढ़। नवरात्रि में व्रत करने वाले कुछ लोगों को फलाहारी सिंघाड़े के आटे की रोटी का सेवन करना महंगा पड़ गया. इनमें से 42 लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसकी जानकारी मिलने पर टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी गोस्वामी भी अस्पताल पहुंचे और लोगों से मिलकर उनका हालचाल पूछा. उन्होंने ये आटा बनाने वाले कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है.
उल्टी-दस्त की समस्याः दरअसल, टीकमगढ़ में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी बुधवार को कई लोगों ने व्रत रखा था. उन्होंने सिंघाड़े के आटे से बने पकवानों का सेवन किया. इसके बाद उनकी तबियत बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि इन लोगों ने बाजार से सिंघाड़े का आटा खरीदा था, जो इंदौर का प्रोडक्ट है. फलाहार में इसकी रोटी का सेवन करने से उनकी तबियत बिगड़ी है. एक पीड़ित ने बताया कि सिंघाड़े के आटे से बना फलाहार खाते ही उल्टी-दस्त की समस्या होने लगी. मेरे परिवार के कुल 8 लोग बीमार हुए हैं. वहीं, वार्ड में कई और लोगों की तबियत भी बिगड़ी है.
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42 लोग जिला अस्पताल में भर्तीः एसडीएम सीपी पटेल ने भी फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए लोगों की स्थिति जानी. उन्होंने बताया कि खराब सिंघाड़े के आटे की रोटी खाने से करीब 42 लोग जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं. फिलहाल, सभी की हालत स्थिर है. उन्होंने कहा कि ये पता लगाया जा रहा है कि किस दुकान से ये आटा खरीदा गया था. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.