टीकमगढ़। ओरछा रामराज मंदिर के लिए विश्वविख्यात है. प्रसिद्ध रामराजा मंदिर में रामराजा की रथयात्रा भारत के अन्य मंदिरों की रथ यात्रा की तरह शुरू हो गई है. जिसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों का विग्रह रथ में विराजित है. पिछले कई सालों से भगवान नगर भ्रमण के दौरान भक्तों को दर्शन देते रहे हैं, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर बंद है, जिससे भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं.
रथयात्रा में भगवान गर्भगृह से बाहर आकर रथ में विराजमान होते हैं और 3 दिनों तक ये रथयात्रा चलती है. रथ यात्रा के पहले दिन भक्तों को मौसमी फल आम, जामुन और प्रसाद बांटा जाता है. 500 साल के इतिहास में ये पहला मौका है, जब रामराजा रथ में विराजमान होकर अपने भक्तों को केवल अंतर्मन में ही दर्शन दे रहे हैं.
इस साल कोरोना के चलते निवाड़ी जिले में रथ यात्रा में काफी देरी हुई है, वहीं मंदिर प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि कोरोना काल में मंदिर 5 हफ्ते बंद रहेगा. इस दौरान किसी भी दर्शनार्थी को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. रामराजा की रथयात्रा बुंदेलखंड में एक विशेष महत्व रखती है. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य को रथ में बैठा देखने के लिए आते हैं.
मंदिर के पूर्व पुजारी राकेश अयाची ने बताया कि इस बार की रथ यात्रा का संयोग भी विलक्षण था. ये रथयात्रा पुष्य नक्षत्र के दिन शुरू हुई और पुष्य नक्षत्र का रामराजा मंदिर से एक पुराना संयोग है. बुंदेला रानी कुंवर गणेशी भगवान राम को पुष्य नक्षत्र में ही ओरछा लाईं थीं.
उन्होंने कहा कि अगर करोना काल नहीं होता तो ओरछा में लगभग एक से डेढ़ लाख दर्शनार्थियों के आने की संभावना थी. इस महामारी के कारण काफी चीजें जटिल हो गई हैं. इसी वजह से दर्शनार्थियों को भी संयम बरतने और अंतर्मन में रूप से अपने आराध्य से प्रार्थना करने की सलाह दी जा रही है. प्रार्थना की जा रही है कि जल्द ही भारत और संपूर्ण विश्व को इस महामारी से रामराजा मुक्ति दिलाएं.