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18 माह से मजदूरी नहीं मिलने पर मजदूरों ने खोला मोर्चा, दी सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी

शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र मिनौरा फॉर्म में काम कर रहे 40 मजदूरों को पिछले 18 माह से वेतन नहीं मिला है. जिसके चलते मजदूरों ने पशुपालन विभाग के ऑफिस में तालाबंदी कर विरोध जताया और सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी भी दी है.

laborers protested
मजदूरों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Aug 3, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 1:58 PM IST

टीकमगढ़। 18 माह से मजदूरी नहीं मिलने से मजदूर दो वक्त की रोटी को मोहताज हो गए हैं. मजदूरों का कहना है कि वो पहले ही कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में परिवार का भरण पोषण करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. यहां तक त्योहार मानने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं हैं.

18 माह से वेतन नहीं मिलने से परेशान मजदूर

मजदूरों का कहना है कि कई बार इस संबंध में अधिकारियों और नेताओं के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई निदान नहीं हुआ, जिसके चलते आज सभी मजदूर मिनोरा फॉर्म पर धरने पर बैठ गए. अपनी मजदूरी को लेकर उन्होंने पशुपालन विभाग के ऑफिस में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें एक हफ्ते में उनकी मजदूरी नहीं मिली तो सभी मजदूर सामूहिक रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेंगे. वहीं मिनोरा फॉर्म के मैनेजर आरके जैन का कहना है कि बजट के आभाव में इनकी मजदूरी नहीं मिल सकी है, जैसे ही बजट आएगा मजदूरी दे दी जाएगी.

ये है पूरा मामला

शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र मिनौरा फॉर्म और बुंदेलखंड पैकेज के तहत करीब 40 मजदूरों को काम पर रखा गया था. जो बकरी चराने, गाय चराने ओर खेती का कार्य करते हैं. इसका ठेका विकास सिक्योरिटी और संध्या को दिया गया था. मजदूरों का आरोप है कि 4 हजार रूपये के वेतन से इन्हें रखा गया था, पहले तो सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन 2019 से अभी तक उन्हें मजदूरी नहीं दी गई और 18 माह बीत जाने के बाद भी सभी मजदूरों के हाथ खाली है.

टीकमगढ़। 18 माह से मजदूरी नहीं मिलने से मजदूर दो वक्त की रोटी को मोहताज हो गए हैं. मजदूरों का कहना है कि वो पहले ही कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में परिवार का भरण पोषण करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. यहां तक त्योहार मानने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं हैं.

18 माह से वेतन नहीं मिलने से परेशान मजदूर

मजदूरों का कहना है कि कई बार इस संबंध में अधिकारियों और नेताओं के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई निदान नहीं हुआ, जिसके चलते आज सभी मजदूर मिनोरा फॉर्म पर धरने पर बैठ गए. अपनी मजदूरी को लेकर उन्होंने पशुपालन विभाग के ऑफिस में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें एक हफ्ते में उनकी मजदूरी नहीं मिली तो सभी मजदूर सामूहिक रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेंगे. वहीं मिनोरा फॉर्म के मैनेजर आरके जैन का कहना है कि बजट के आभाव में इनकी मजदूरी नहीं मिल सकी है, जैसे ही बजट आएगा मजदूरी दे दी जाएगी.

ये है पूरा मामला

शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र मिनौरा फॉर्म और बुंदेलखंड पैकेज के तहत करीब 40 मजदूरों को काम पर रखा गया था. जो बकरी चराने, गाय चराने ओर खेती का कार्य करते हैं. इसका ठेका विकास सिक्योरिटी और संध्या को दिया गया था. मजदूरों का आरोप है कि 4 हजार रूपये के वेतन से इन्हें रखा गया था, पहले तो सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन 2019 से अभी तक उन्हें मजदूरी नहीं दी गई और 18 माह बीत जाने के बाद भी सभी मजदूरों के हाथ खाली है.

Last Updated : Aug 3, 2020, 1:58 PM IST
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