टीकमगढ़। सूर्यग्रहण के चलते बुन्देलखण्ड का ऐतिहासिक शिव मंदिर पूरी तरह से बन्द रहा, सूर्यग्रहण का सूतक बीती रात 10 बजे से लग गया था और आज सुबह से ही मंदिर बन्द रहा, जिसके चलते लोग बाहर से ही भगवान के दर्शन किए. सूर्यग्रहण के चलते मन्दिर में अखंड रामधुन चलती रही. ग्रहण के वक्त भगवान पर संकट और सूतक लगता है, जिससे भगवान को काफी कष्ट होता है. जिस कारण पूजा-पाठ बन्द रहता है और ग्रहण खत्म होने के बाद मन्दिर को पूरी तरह से पानी से धोया जाएगा और भोले नाथ का पूजा पाठ कर जलाभिषेक किया जाएगा.
मंदिर के पण्डितों का कहना है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि उस महिला और उसके बच्चे को खतरा होता है. ऐसे समय में भगवान का जप करना चाहिए जो कष्ट से मुक्ति दिलाता है और जिन राशि के जातकों के लिए ग्रहण कष्टदायी होता है, उनको जाप करना चाहिए. इस दौरान पूजा-पाठ नहीं किया जाता है. सूर्यग्रहण के समय राहु और केतु दान मांगते हैं. इस दौरान भगवान को काफी कष्ट होता है, जिसकी शांति के लिए जप-तप जरूरी होता है. ये ग्रहण रविवार दोपहर 3 बजे समाप्त हुआ, इसके बाद मन्दिर की सफाई आदि कर पूजा शुरू की गई.