टीकमगढ़। तस्वीरों में दिखने वाली बुंदेलखंड की ये बावड़ी कोई साधारण बावड़ी नहीं है. जहां प्रदेश में चारों तरफ पानी के लिए हाहाकर मचा हुआ है, वहीं भीषण गर्मी में तप रहे इस प्रदेश की ये बावड़ी अद्भुत है, क्योंकि चाहे गर्मी हो या ठंड इस बावड़ी का पानी कभी नहीं सूखता है.
बुंदेलखंड पानी की किल्लत से गुजर रहा है लेकिन इस बावड़ी में अभी भी पानी है. इस तीन मंजिला बावड़ी का निर्माण यहां के राजा सुजान सिंह ने अपनी मां हीरा देवी के लिए करवाया था, जो कि आज भी श्री महारानी हीरा देवी कुंवर जू की बावड़ी के नाम से जाना जाता है. बताया जाता है कि आज से 400 पहले इस बावड़ी का निर्माण कराया गया था.
लेकिन ऐसी और भी कई बातें हैं जो इस बावड़ी को अनोखा बनाती हैं. इस बावड़ी का निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है कि यहां का पानी हमेशा ठंडा होता है. यहां तक कि ठंडा होने के साथ-साथ मिठास भी होती है. शायद ये मिठास मां और बेटे के उस प्यार का प्रतीक है जिसकी वजह से बावड़ी को बनाया गया था. टीकमगढ़ से 10 किलोमीटर दूर राजा के फार्म हाउस में ये बावड़ी बीचो-बीच बनी हुई है. यहां काम करने वाले बताते हैं कि यहां ठंडक रहती है, यहीं पर राजा सुजान सिंह अपनी मां के साथ समय बिताते थे.
जब राजा चिन्ता में होते थे तब यहीं पर आकर वह अपनी थकान मिटाते थे और उनकी गोपनीय बैठके भी इसी बाबरी के कमरों में बैठकर होती थी. आज ये बावड़ी बुंदेलखंड की शान बन गई है जिसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं.