निवाड़ी/टीकमगढ़। एमपी और यूपी की सीमा पर निवाड़ी जिला लगा हुआ है. निवाड़ी बॉर्डर पर प्रशासन ने चेक पोस्ट बनाकर रखा है, जिसमें यूपी और अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है. चेक पोस्ट पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी नियुक्त है जो केवल औपचारिकता पूरी करके ही निवाड़ी में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को प्रवेश दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम के पास न तो थर्मल स्केनर है और ना ही सेनिटाइजर हैं.
कोरोना पूरे भारत में अपने पैर पसार चुका है. हर वर्ग कोरोना वायरस की बीमारी से परेशान है. बुंदेलखंड का एक बड़ा तबका मजदूरों का है, जो अन्य प्रदेशों में मजदूरी करने के लिए जाता है. ये सभी मजदूर लॉकडाउन के चलते वापस आ रहे है. प्रशासन मुस्तैदी से उनको अपने जिलों में लेने के लिए तैयार हैं. मगर कहीं ना कहीं बड़ी गलतियां भी सामने आ रही हैं.
निवाड़ी जिला उत्तर प्रदेश के शहर झांसी से और एमपी के टीकमगढ़ से जुड़ा है. दोनों जगह कोरोना के मरीज पाए गए हैं. फिर भी जिला प्रशासन कोरोना को लेकर चौकन्ना दिखाई नहीं दे रहा है. जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की एक बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई जो कि बुंदेलखंड के लिए एक खराब स्थिति पैदा कर सकती है.