टीकमगढ़। जतारा विधानसभा क्षेत्र के जरुआ गांव निवासी सुखदास चिडार की अधिक शऱाब पीने से मौत हो गई. मृतक अपनी पत्नी की मौत से बहुत ज्यादा दुखी था. बीते 19 अप्रैल को उसकी पत्नी की मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही वह लगातार शराब पी रहा था. जिसके बाद 25 अप्रैल को अधिक शराब पीने से उल्टियां होने लगी और उसमें दम तोड़ दिया. अब उसके चार बच्चे जो जिनके सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है. जिसके चलते इनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
दरअसल जतारा विधानसभा के जरुआ गांव निवासी सुखदास चिडार पेंटिंग करके अपने परिवार चलाता था. उसके चार बच्चे हैं. उसकी पत्नी को तपेदिक की बीमारी थी और उसका उपचार बीते एक साल से उपचार चल रहा था. वहीं पूरे देश में लॉकडाउन लगने के बाद जब वह बीमार हुई तो वह उसे अस्पताल नहीं ले जा पाया. जिसके चलते इलाज के आभाव में उसकी मौत हो गई. पत्नी की मौत से सुखदास काफी टूट चुका था, जिसके बाद से वह लगातार शराब पीने लगा. इसी के चलते 25 अप्रैल को उसने बहुत ज्यादा शराब पी ली, जिससे उसे उल्टियां होने लगी. कुछ देर बाद वहां बेहोंस हो गया. आनन-फानन में परिजन उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. माता-पिता की मौत के बाद उसके बच्चे यतीम हो गए हैं.
मृतक की मां ने बताया कि सुखदास की मौत पत्नी के गम में हुई है. सुखदास के 4 चार बच्चे है, जिसमे कशिश उम्र 12 साल, जितेंद्र उम्र 10 साल ,रोनक 8 साल और ललित 6 साल जो अकेले रह गए और अपने भविष्य को लेकर किस्मत को कोस रहे है. लॉक डाउन के चलते उसे पेंटिग का काम भी नहीं मिलता था, जिससे भी यह तनाव में रहता था. वही सुखदास की बेटी का आरोप है कि घर मे खाने को नहीं था, जिस कारण उनकी मौत हुई है. इधर गांव के लोगों ने उसे शराबी बताते हुए कहा कि ज्यादा शराब पीने से उसकी मौत हुई है. मामले में जतारा अनुभाग के एसडीएम का कहना रहा कि सुखदास की मौत अधिक शराब पीने से हुई है. लोग राजनीति के चक्कर मे झूठा महिमामण्डित करने में जुटे हुए है. जबकि इसकी मौत 25 अप्रैल को हुई थी, फिर आज क्यों इस पर राजनीति की जा रही है.